Family Responsibilities : मैं 40 वर्षीय पति हूं. नौकरी का तनाव, बच्चों की पढ़ाई का खर्च, घर की जिम्मेदारी, सबकुछ मुझे ही संभालना पड़ता है. पत्नी को लगता है कि मैं उस के लिए समय नहीं निकालता. सच यह है कि मेरे पास खुद के लिए भी समय नहीं है. कभीकभी लगता है कि जिंदगी सिर्फ बोझ बन गई है. मैं क्या करूं?
जवाब : आप की समस्या बिलकुल वास्तविक है. एक पति और पिता के रूप में अकसर आदमी को ‘कमाने वाली मशीन’ मान लिया जाता है. भावनाएं, थकान और तनाव उस के हिस्से में दिखाई ही नहीं देते. लेकिन याद रखिए, आप भी इंसान हैं और आप का मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है.
सब से पहले, अपने तनाव को पत्नी से साझा कीजिए. अकसर पत्नियां यह मान लेती हैं कि पति सिर्फ काम में व्यस्त हैं और भावनाओं को समझना उन का काम नहीं. लेकिन जब आप खुल कर बताएंगे कि नौकरी और जिम्मेदारियों का दबाव आप को कितना थका रहा है तो वे निश्चित ही आप को समझेंगी.
बच्चों और पत्नी के साथ रोजाना थोड़ा समय बिताइए. साथ में खाना खाना या सिर्फ बातचीत करना भी पर्याप्त है. इस से आप के रिश्ते मजबूत होंगे और परिवार को भी लगेगा कि आप सिर्फ कमाने वाले नहीं, बल्कि साथ निभाने वाले भी हैं.
खुद को आराम देना सीखें. हर समय काम और जिम्मेदारी के बोझ तले दबे रहना आप की सेहत के लिए खतरनाक है. सप्ताह में एक दिन सिर्फ परिवार और अपने लिए रखिए.
सब से अहम बात यह समझें कि जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होंगी. लेकिन अगर आप संतुलन से उन्हें निभाएंगे तो न सिर्फ आप खुश रहेंगे, बल्कि परिवार भी आप की अहमियत को और बेहतर समझेगा. Family Responsibilities
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