देश बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है. आम लोगों को सम?ा नहीं आ रहा कि दिक्कत कहां और कैसी है. ऐसे में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा लोगों को एक आश्वासन देने में सफल रही है. इस यात्रा की पौलिटिक्स क्या है और यह कितनी प्रभावी रही, जानें आप भी.
दिनांक 3 जनवरी, 2023. स्थान- गाजियाबाद. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकसभा सदस्य राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा एक ब्रेक के बाद उत्तर प्रदेश में दाखिल हुई तो वहां पार्टी के कई नेता व कार्यकर्ता यात्रा का स्वागत करने को खड़े थे. उन में प्रियंका गांधी भी थीं, जिन्हें देख राहुल भावुक हो गए. मंच पर राहुल अपनी इकलौती छोटी बहन के प्रति लाड़ छिपा न पाए और उन्हें प्यार से चूम लिया.
इसी दौरान वे प्रियंका से बात करते, उन से हंसीमजाक भी करते रहे. आखिर, बहुत दिनों बाद जो मिल रहे थे. किसी और के लिए यह कुछ भी हो लेकिन कांग्रेसियों के लिए यह बहुत ही जज्बाती दृश्य था. थकेहारे बड़े भाई ने अपनी छोटी लाड़ली बहन के प्रति प्यार जता कर कौन सा गुनाह कर दिया था, इसे सम?ाने के लिए कुछ भाजपा नेताओं के बयानों पर गौर करना जरूरी है ताकि यह पता चल सके कि नफरत में गलेगले तक डूबे लोग किस हद तक गिर सकते हैं.
विकृत और दूषित मानसिकता क्या होती है और किस किस्म के लोगों में पाई जाती है, इस का नमूना पेश किया उत्तर प्रदेश के एक मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने, जिन्होंने कहा, ‘‘अनजान बच्चे कर सकते हैं, दोचार साल के बच्चे इस तरह से चुंबन कर सकते हैं लेकिन आप 50 साल की उम्र में ऐसा कर रहे हैं. यह सब भारतीय संस्कार, संस्कृति में नहीं है कि कोई भाई अपनी बहन का इस तरह से भरी सभा में चुंबन ले. सनातन संस्कृति में हर चीज के नियम निर्धारित हैं. मैं कहता हूं, आरएसएस कौरव है तो आप किसी दशा में पांडव नहीं हो सकते.’’
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