लेखक-  पुखराज सोलंकी

एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल पर बनी मेघना गुलजार की फिल्म है ‘छपाक’, जिस में दीपिका पादुकोण ने न सिर्फ लीड रोल किया है बल्कि संवेदनशील हृदय का परिचय देते हुए दिल दहला देने वाले उस दर्द को भी महसूस किया है. इस फिल्म पर काम शुरू होने से पहले दीपिका पादुकोण और मेघना गुलजार ने लक्ष्मी अग्रवाल से मिल कर इस दर्दनाक घटना के बारे में जानकारी ली और उस के बाद यह महसूस किया कि समाज में इस तरह के हादसे के बाद जिंदा रहना कितना मुश्किल है. महज 15 साल की उम्र में एक मासूम सी स्कूली छात्रा के साथ रोंगटे खड़े कर देने वाला हादसा होने के बावजूद जिंदगी के प्रति जो जज्बा है वह वाकई काबिलेतारीफ है.

सिर्फ लक्ष्मी अग्रवाल का ही नहीं, एसिड अटैक के और भी कई मामले देश के सामने आ चुके हैं, जिन में किसी की खूबसूरती एसिड अटैक की वजह बनी तो किसी सिरफिरे की एकतरफा मोहब्बत. अधिकतर मामलों में एसिड अटैक की शिकार युवतियां ही हुई हैं, क्योंकि या तो उन्होंने किसी लड़के का प्रेम प्रस्ताव ठुकरा दिया था या अपने घरपरिवार व समाज के डर से अपना मुंह न खोल कर हकीकत पर वे परदा डालती रहीं. एकतरफा मोहब्बत के मारे सिरफिरे ऐसे दर्दनाक कृत्य को अंजाम देने का खयाल मन में इसलिए ले आते हैं क्योंकि वे सोचते हैं कि जो मेरी न हो सकी वह किसी और की भी न हो पाए.

देखा जाए तो एसिड अटैक की मूल मानसिकता यही है और लक्ष्मी अग्रवाल भी इसी मानसिकता की शिकार हुई हैं. हालांकि एसिड अटैक को ले कर गांवदेहात से कुछ ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं जिन में औरत का बां झपन या एक के बाद एक लड़की को जन्म देने की वजह से उन पर एसिड अटैक कर के उन से छुटकारा पाने की कोशिश की गई, तो कहीं आपसी रंजिश को ले कर भी इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया.

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