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पाठकों की समस्याएं

माता पिता के निधन के बाद पैतृक घर मेरे भाई के पास है.

मैं शादीशुदा हूं और दूसरे शहर में रहती हूं. कुछ महीने पहले मैं ने भाई से कहा कि मुझे भी अपने हिस्से का हक मिलना चाहिए, क्योंकि माता पिता की संपत्ति हम दोनों की है लेकिन वह नाराज हो गया. कहने लगा, ‘तू तो अब ससुराल की है, तेरा इस घर से क्या लेना देना.’

उस दिन के बाद से उस ने मुसे बात तक नहीं की. मैं तो लालच में हूं, विवाद चाहती हूं, बस चाहती हूं कि वह मुझे भी बराबरी का सम्मान दे. क्या मैं अपने अधिकार की मांग कर के गलत कर रही हूं?

आप की भावनाएं बिल्कुल जायज हैं. संपत्ति पर आप का पूरा अधिकार है और कानून भी यही कहता है कि बेटा और बेटी दोनों समान हिस्सेदार होते हैं लेकिन दुख की बात यह है कि हमारे समाज में अभी भी काफी लोग बेटियों के अधिकार को दिल से स्वीकार नहीं करते. आप ने जो कहा, वह गलत नहीं है पर रिश्ते की कड़वाहट को बढ़ने देना भी सही नहीं. शांति से संवाद करें. अपने भाई को यह जताएं कि, ‘मेरा मकसद झगड़ा नहीं, बराबरी का सम्मान है.’ कानूनी सलाह लें पर भावनात्मक पुल बनाए रखें. यदि भाई नहीं मानता तो आप अपने अधिकार के लिए कानूनी कदम उठा सकती हैं, लेकिन कोशिश करें कि बात अदालत तक न पहुंचे. समझते का रास्ता खुला रखें.

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मैं 2 साल से एक मकान में किराएदार के तौर पर रहता हूं.

जब मैंने मकान लिया था तब मालिक बहुत अच्छे लगते थे, बोले कि, ‘तुम अच्छे परिवार से हो, निश्चिंत रहो.’ लेकिन कुछ महीनों से उन का व्यवहार बदल गया है.

हर दूसरे दिन दरवाजा खटखटा कर पूछते हैं किबिजली का बिल भर दिया?’ याकब शादी करोगे?’

मेरे आने जाने पर भी नजर रखते हैं, मेहमान आने पर नाराज हो जाते हैं, और अब कह रहे हैं किघर खाली कर दो, मुझे अपने रिश्तेदार को रखना है.’

मैं समय पर किराया देता हूं, कोई गलत काम नहीं करता, फिर भी ऐसा व्यवहार क्यों? क्या मकान मालिक को इतना अधिकार है कि वह जब चाहे किराएदार को निकाल दे?

आप की परेशानी बिल्कुल वाजिब है. अकसर मकान मालिक ‘अपना घर’ कह कर किराएदार पर जरूरत से ज्यादा निगरानी करने लगते हैं, जबकि किराए पर देने के बाद वह स्थान किराएदार की अस्थायी संपत्ति बन जाता है. यानी, उसे वहां सम्मान पूर्वक और निजता के साथ रहने का अधिकार है. शांतिपूर्वक संवाद  करें. एक दिन समय निकाल कर मकान मालिक से शांति से बात करें. किरायेदारी अनुबंध देखें. अगर लिखित एग्रीमेंट है तो उस में घर खाली करने की शर्तें और नोटिस अवधि (आमतौर पर 30 दिन या 60 दिन) देखिए. कानूनी सुरक्षा जानें. किरायेदारी अधिनियम के तहत, मालिक बिना वैध कारण के किराएदार को नहीं निकाल सकता. जब तक किराया समय पर दिया जा रहा है और अनुबंध की शर्तें पूरी की जा रही हैं, किराएदार को संरक्षण प्राप्त है.

विनम्र रहें, पर दृढ़ भी. मकान मालिक का सम्मान बनाए रखें, लेकिन अपने अधिकारों से पीछे न हटें.

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मेरे पति झगड़ालू हैं जिस से मैं बहुत परेशान रहती हूं.

शादी के 12 साल बाद भी पति से तालमेल नहीं बैठा. वे बेहद झगड़ालू हैं. पहले सास ससुर साथ थे, उन्होंने भी कभी कोशिश नहीं की कि पति सही हो जाएं. वे तो बड़े बेटे बहू के ही पक्षधर हैं.

हर रोज रोती हूं पर इस का उन पर कोई असर नहीं होता. 2 साल से अलग हैं तब भी वैसे ही हैं और मेरे मां बाप को अपशब्द बोलते हैं. मुझ को कहते हैं कि घर में बैठे बैठे मुफ्त में रोटी तोड़ रही हूं. उन के इस तरह के तीखे शब्द मुझे तोड़ देते हैं, हमारे विचार बिलकुल नहीं मिलते हैं. आप ही बताइए मैं क्या करूं?

लगता तो यह है कि पति से ज्यादा आप को सलाह की जरूरत है. पति की कोई कमी तो आप ने नहीं लिखी पर अपनी कमियां बता गईं. आप के कारण पति को अपने परिवार से अलग होना पड़ा. आप की सास ससुर से भी नहीं बनी. आप जेठ जेठानी से चिढ़ती रहीं. आप को घर का काम करना आफत लगता है. आप हर बात में अपने माता पिता का नाम लेना शुरू कर देती हैं. आप को लगता है आप श्रेष्ठ हैं, बाकी सब हेय. आप का यह गुमान भी है कि आप की सोच ऊंची है और दूसरों को आप से सहमत होना चाहिए.

आप को सलाह यही है कि आप ये सब छोड़िए. आप का स्वभाव बदला नहीं कि आप अपने आप बदल जाएंगी. याद रखिए कि पति से झगड़ना आसान है पर दूसरा पति या घर पाना और ज्यादा मुश्किल है.

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मुझे भाभी की बहन से प्रेम है और शादी करना चाहता हूं.

लेकिन पहले मैं अपना करियर बनाना चाहता हूं. दिक्कत यह है कि वह मुझे बार बार फोन करने की जिद करती है. ऐसे में मैं दिन रात फोन पर लगा रहूंगा तो कैरियर नहीं बना पाऊंगा. मैं क्या करूं?

यदि आप दोनों बालिग हैं तो शादी करने में कोई अड़चन नहीं आएगी. यह अच्छी बात है कि आप पहले करियर के बारे में सोच रहे हैं. रही बात हमेशा फोन करने की तो उसे समझाने की कोशिश करें कि पहले करियर बनेगा तभी हमारी शादी संभव है. – कंचन

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पता : कंचन, सरिता ई-8, झंडेवाला एस्टेट, नई दिल्ली-55.

समस्या हमें एसएमएस या व्हाट्सऐप के जरिए मैसेज/औडियो भी कर सकते हैं.

08588843415

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