लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर सवाल उठा दिया है. कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन कि नीति पर राहुल गांधी ने कहा कि इसके जरिए कोरोना वायरस के संकट को हरा नहीं पाएंगे.

राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना को हराने का एक ही तरीका है कि इसकी टेस्टिंग बड़े स्तर पर की जाए.देश में रैंडम टेस्टिंग भी होनी चाहिए. एक जिले में औसतन सिर्फ 350 टेस्ट हो रहे हैं जो नाकाफी हैं. देश में टेस्टिंग की दर बहुत कम है और इसके चलते ही कोरोना वायरस के मरीजों की सही संख्या के बारे में पता नहीं चल पा रहा है. जब देश से लॉकडाउन हटेगा तो कोरोना वायरस का खतरा और बढ़ेगा. इस सच्चाई को समझना होगा.

राज्यो को मिले राहत पैकेज

राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों को पैसा देना चाहिए और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को और ज्यादा ताकत देनी चाहिए. सरकार के पास गोदामों में अनाज भरा हुआ है और इसे सरकार को गरीबों के लिए खोल देना चाहिए.

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सरकार को समझना होगा कि कोरोना वायरस के कारण देश में आगे चलकर खाद्यान्न की कमी होने वाली है, नौकरियों की भारी पैमाने पर कटौती होने वाली है. सरकार के पास इससे निपटने की दिशा में काम शुरू करना चाहिए.

कोरोना से कम नही भूख

राहुल गांधी ने कहा कि देश में कोरोना संकट के कारण लोगों को खाना नहीं मिल पा रहा है जो कि सबसे जरूरी है. सरकार को अपने गोदाम गरीब लोगों के लिए खोल देने चाहिए. 10 किलो चावल और गेहूं, 1 किलो दाल, 1 किलो चीनी सरकार को हर हफ्ते गरीब लोगों को मुहैया कराना चाहिए. आज भी कई लोगों के पास राशन कार्ड तक नहीं है तो ऐसे लोगों के पास खाने पीने का सामान कैसे पहुंचे, इसकी सरकार को चिंता करनी चाहिए.

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