दिनरात मंदिरों में मूर्तियों के आगे घंटेघडि़याल बजा कर पेट पालने वालों के धंधे पर यदि कोई चोट करता है तो वे तिलमिला कर उस के पीछे पड़ जाते हैं. मशहूर समाजसेवी और आर्यसमाजी स्वामी अग्निवेश को कुछ हिंदूवादियों ने झारखंड के पाकुड़ नामक कसबे में मंदिर के घंटे की तरह ही धुन डाला.
उन का गुनाह इतनाभर था कि वे न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेशी मंदिरों में घंटों पूजापाठ करने की आलोचना कर रहे थे बल्कि लोगों को भूगोल भी समझा रहे थे कि अमरनाथ में बर्फ का शिवलिंग बनना कोई दैवीय नहीं, बल्कि प्राकृतिक घटना है जिस पर भी पंडों ने अपनी दुकान चला रखी है.
अब भला आरएसएस और भाजपा से जुड़े लोग कैसे यह सच हजम कर लेते. लिहाजा, उन्होंने वही किया जो सदियों से करते चले आ रहे हैं. संदेश यही है कि साढ़े 4 वर्षीय राष्ट्रवाद की बलि चढ़ने को तैयार भगवा फौज से होशियार रहें.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन