जब बराबरी के 2 आर्म रैसलर आमनेसामने होते हैं तो मैच अकसर बराबरी पर ही छूटता है, लेकिन भाजपा ने महाराष्ट्र में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के सामने घुटने टेकते अकेले लड़ने की घोषणा कर दी है. विषाद और अवसाद जैसे कई साहित्यिक शब्दों व मनोभावों के समुद्र में गोते लगाते अमित शाह आखिर इतने आजिज आ ही गए जितना कि उद्धव चाहते थे. भाजपासेना के विवाद की उम्र 2 साल से भी ज्यादा है जिस में से जाने कब मुद्दे की बात गायब हो गई थी, रह गई थी तो यह जिद कि अलगाव की पहल कौन करे. आखिरकार, अमित शाह ने हार स्वीकार ली वरना उद्धव तो लंबे वक्त से भाजपाई कुनबे को तरहतरह से कोस रहे थे.

हैरानपरेशान अमित शाह अब सब को टटोलते और मनाते फिर रहे हैं. ऐसे में उद्धव के सामने यों झुकने से संदेश अच्छा तो नहीं गया है खासतौर से महाराष्ट्र में, जहां अब बराबरी की ताकत वाले 4 दल ताल ठोंकेंगे.

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