क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान अहमद खान नियाजी पाकिस्तान के नए हीरो बन गए हैं. इमरान खान की पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) ने विरोधियों को पीछे छोड़ सब से अधिक सीटें हासिल कीं. पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन और पूर्व प्रधानमंत्री व दिवंगत नेता बेनजीर भुट्टो के पति आसिफ अली जरदारी की पीपीपी को परास्त कर पीटीआई सब से बड़े दल के रूप में उभरी है.

नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुसलिम लीग (पीएमएल-एन) नैशनल असैंबली में 62 सीटें हासिल कर दूसरे स्थान पर है, जबकि आसिफ अली जरदारी के पुत्र बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपल्स पार्टी 43 सीटें हासिल कर तीसरे स्थान पर है. 272 सदस्यीय नैशनल असैंबली की 270 सीटों के लिए हुए चुनाव में इमरान खान की पार्टी को सब से ज्यादा 116 सीटें मिली हैं जबकि सरकार बनाने के लिए 136 सीटें चाहिए. पीटीआई की सहयोगी पीएमएलक्यू को 5 सीटें हासिल हुई हैं और 6 सीटें जीतने वाली मुत्तहिदा कौमी मूवमैंट (एमक्यूएम) ने पीटीआई को समर्थन देने के लिए रजामंदी दे दी थी. कुछ निर्दलीयों के सहयोग से पीटीआई सरकार बनाने लायक सीटें जुटाने में सफल हो गई.

आतंक के साए में हुए चुनावों के दौरान आत्मघाती हमलों से चुनाव अभियान काफी प्रभावित हुआ. हमलों में 3 उम्मीदवारों समेत 180 लोगों की जानें गईं.

भ्रष्टाचार बना मुद्दा आजादी के बाद युद्ध, आतंकवाद, तख्तापलट, अस्थिरता और मजहबी कट्टरता से जर्जर हो चुके पाकिस्तान की जनता बड़े राजनीतिक दलों से तंग आ चुकी थी. पिछले चुनावों में नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन को बहुमत मिला था पर अघोषित संपत्ति के मुकदमे के कारण उन पर आजीवन प्रतिबंध लग गया. फौज उन के खिलाफ हो गई. उधर, दिवंगत बेनजीर भुट्टो के पुत्र बिलावल भुट्टो कुछ खास नहीं कर पाए. बेनजीर के पति आसिफ अली जरदारी भी भ्रष्टाचार के जरिए अकूत संपत्ति जोड़ने का मामला झेल रहे हैं.

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