हुआ यूं कि एक आदमी ने नवाब साहब को गधा कह दिया इस पर ताव खाये नवाब साहब अदालत जा पहुंचे और उस आदमी पर मुकदमा ठोक दिया. जज साहब ने मामला सुना और फैसला नवाब साहब के हक में देते उस आदमी को नवाब साहब से माफी मांगने का हुक्म दिया. आदमी ने पूरी शराफत दिखाते नवाब साहब से माफी मांग ली फिर जज साहब की तरफ मुखातिब होकर पूछा हुजूर नवाब को गधा कहना गुनाह है लेकिन अगर मैं किसी गधे को नवाब कहूं तो यह तो जुर्म नहीं होगा न. जज साहब बोले नहीं होगा नहीं होगा इस पर आदमी नवाब साहब की तरफ मुड़कर बोला अच्छा चलता हूं नवाब साहब ....

चुटकुला पुराना है लेकिन मध्यप्रदेश के पटवारियों की हड़ताल पर फिट बैठता है जिन्हें लेकर  चार दिन पहले उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने बयान दे डाला था कि सभी पटवारी घूसखोर होते हैं इस आरोप से तिलमिलाए पटवारी काम काज ठप्प कर हड़ताल पर जाकर बैठ गए और ऐलान कर डाला कि जब तक उन्हें घूसखोर कहने वाले मंत्री जी माफी नहीं मांगेगे तब तक हड़ताल जारी रहेगी. तहसीलें और कलेक्ट्रेटों में सन्नाटा पसर गया और गुस्साए कई पटवारियों ने अपने बस्ते जमा करा दिये.

इधर हड़ताल से सूबे में हाहाकार मच गया. किसानों के कामकाज बंद हो गए बारिश से हुई फसलों का सर्वे ठप्प पड़ गया, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड बनना बंद हो गए और और भी बहुत कुछ हुआ जिससे सरकार सकते में आ गई. एक दफा इन्द्र देवता नाराज हो जाये या ब्रह्मा पृथ्वी का संचालन रोक दे तो नीचे वालों को कोई खास फर्क नहीं पड़ना लेकिन पटवारी अपनी पर आ जाये तो जरूर कहर सा आ जाता है . मध्यप्रदेश में भी यही हुआ कि एक मंत्री के बयान से पटवारियों की मुद्दत से सो रही गैरत जाग उठी और वे पटवारी संघ के बैनर तले  अड़ गए कि जीतू पटवारी माफी मांगे फिर ही कामकाज करेंगे नहीं तो अपना बस्ता सिरहाने रखकर सो ही रहे हैं जिससे जो बन पड़े सो कर ले.

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