संचार एक वो कला है जिस के जरिये हम किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकते है. और किसी के भी सामने अपनी छवि खराब करा सकते है. जरूरी नहीं की एक डिग्री धारक ही बहुत अच्छे से सवांद कर सकता है. संचार का पढ़ाई लिखाई से कोई लेना देना नहीं है. आपके संवाद का तरीका ही आपकी पर्सनालिटी के बारे में दर्शाता है. संचार कौशल  दूसरो को समझने और समझाने का बेहतर तरीका है.

संचार क्या है

संचार कौशल वह क्षमता है जिसके जरिये हम विभिन प्रकार की जानकारी देने और प्राप्त करने के लिए करते हैं. संचार मानव जीवन के लिए बुनियादी जरूरतों में से एक है. जिसके न होने से मानव जीवन अधूरा लगता है. इसमें सुनना, बोलना, अवलोकन और सहानुभूति ये सभी शामिल होते है. संचार फेस-टू-फेस इंटरैक्शन, फोन वार्तालाप और ईमेल और सोशल मीडिया जैसे डिजिटल संचार के माध्यम से संवाद किया जा सकता है लेकिन इन सभी माध्यमों के संचार का तरीका थोड़ा अलग होता है.

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फेस-टू-फेस इंटरेक्शन

फेस-टू-फेस इंटरैक्शन वह संचार है जो किसी भी मध्यस्ता तकनीक के बिना किया जाता है. फेस-टू-फेस इंटरैक्शन मे केवल वार्तलाप  ही मायने नहीं रखती बल्कि मनुष्य की शाररिक भाषा भी मायने रखती है. क्योंकि ऐसा कई बार होता है कि लोग बोलते कुछ हैं और उनकी बौडी लैंग्वेज कुछ और ही बोलती है. तो इसके लिए जरूरी है की वार्तलाप के समय आपकी बौडी लैंग्वेज भी वही बोले जो आप बोल रहे हो. आई कांटेक्ट बना कर बात करें अगर आप ऐसा नहीं करते है तो सामने वाले पर नकरात्मक प्रभाव पड़ता है. सहज इंसान बने, सही शब्दों  का प्रयोग करें, तकिया कलम लगा कर बात न करे.

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