एनडीए-2 के सत्ता में आने के बाद घटक दलों के साथ रिश्ते मधुर नहीं चल रहे हैं. बिहार में एनडीए के सबसे प्रमुख दल जनता दल युनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्तो में चुनाव के पहले वाली गर्मजोशी नहीं दिख रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे बार सरकार बनाने के बाद मंत्रिमंडल में जदयू की हिस्सेदारी ना होने से आपस में नाराजगी की बातें उठने लगी थी.

बिहार में भी यह कहा जाने लगा कि जदयू और भाजपा बहुत दिनों तक साथ नहीं रहेंगे. जनता दल युनाइटेड ने केन्द्र सरकार में मंत्री पद ना मिलने से नाराजगी की बात को नकार दिया.इसके बाद भी भाजपा और जदयू के रिश्ते आपस में मधुर नहीं है. बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के नेता नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि राजद केवल बिहार में एक साथ चुनाव लड़ेगा. बिहार के बाहर जदयू एनडीए का हिस्सा नहीं होगा. वह भाजपा के खिलाफ भी चुनाव लड़ेगा. बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के नेता नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू बिहार में 2022 के विधानसभा चुनाव राजद के साथ लड़ेगा.

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बिहार के बार दूसरे प्रदेशों जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा, और दिल्ली में भाजपा और जदयू अलग अलग चुनाव लड़ेंगे. बिहार में दोस्ती और बिहार के बाहर जनता दल युनाइटेड का यह कदम बताता है कि जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री ‘सुशासन बाबू’ के नाम से जाने जाने वाले नीतीश कुमार एनडीए के साथ दोस्ती को लेकर पसोपेश में है. बिहार में अपनी कुर्सी बचाने के लिये नीतीश कुमार को भाजपा का साथ जरूरी लगता है.

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