Union Budget 2024 : वर्ष 2024 के आम चुनाव के पहले मोदी सरकार का यह अंतिम बजट है. इस में चुनावी जुमले को आर्थिक ढांचे में पेश करने का काम किया गया है. कुछ समय पहले अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातीय गणना के मुद्दे को कुंद करने के लिए कहा था कि उन के लिए केवल 4 जातियां गरीब, युवा, महिला और किसान ही देश में हैं. कोई भी बजट अगर विकास के लिए नहीं है और कोई भी विकास अगर जनता के लिए नहीं है तो वह व्यर्थ है.

समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखो है, ‘भाजपा सरकार ने जनविरोधी बजटों का एक दशक पूरा कर के एक शर्मनाक रिकौर्ड बनाया है, जो फिर कभी नहीं टूटेगा क्योंकि अब सकारात्मक सरकार आने का समय आ गया है. यह भाजपा का ‘विदाई बजट’ है.’

पहले बजट नेता बनाते थे तो सामाजिकता का ध्यान रखा जाता था. आज का बजट अफसर बनाते हैं तो वे केवल आर्थिक ध्यान रखते है. देश का विकास तभी होगा जब अर्थ और समाज के बीच तालमेल होगा. आर्थिक बजट बनने से अमीर और अमीर जबकि गरीब और गरीब होते जाएंगे. इस बजट में बेरोजगारी को दूर करने की कोई स्पष्ट सोच नहीं दिख रही. बजट में केवल बयानबाजी होती दिखी है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट के बारे में कहा, ‘इस में गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसान यानी अन्नदाता पर फोकस किया गया है. उन की आकांक्षा और उन का कल्याण हमारी सब से बड़ी प्राथमिकता है. इन सभी चारों को सरकार का समर्थन मिलेगा. उन के सशक्तीकरण से देश आगे बढ़ेगा. पीएम मोदी भी इन्हें 4 जातियां बता चुके हैं जिन पर सरकार का फोकस है.’ इस से यह बात साफ हो गई है कि यह बजट केवल पीएम योजनाओं पर फोकस करते हुए चुनावी लाभ के लिए बनाया गया है.

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