द कपिल शर्मा शो में नवजोत सिंह सिद्धू खूब ठहाके लगाते थे. बात-बात में आपके मुंह से  शेरो-शायरी के फूल झरते थे. और जब कभी कपिल शर्मा किसी पर तंज करते, कहते- बाबाजी का ठुल्लू ! तो नवजोत सिंह सिद्धू हो हो कर हंसने लगते. आज सिद्धू उसी मोड़ पर खड़े हैं. और कहा जा सकता है- नवजोत सिंह सिद्धू आपको राजनीति मे क्या मिला... बाबा जी का ठुल्लू  !

नवजोत सिंह सिद्धू जब तलक भाजपा में थे, उनका सितारा बुलंद होता चला गया. पंजाब की राजनीति में उनके पांव मजबूत होते चले गए एक क्रिकेटर को सन्यास के बाद कौन पूछता है मगर अपनी बेजोड़ कलाकारी के कारण नवजोत सिंह सिद्धू जहां टेलीविजन के छोटे पर्दे पर अपनी पहचान और जगह बनाने में कामयाब हुए वहीं राजनीति में पग रखा तो भाजपा ने उन्हें हाथों-हाथ लिया. यही नहीं उनकी पत्नी नवजोत कौर को भी 'मंत्री' पद मिला . यह वही सिद्धू है जिन्होंने कांग्रेस के बड़े चेहरे राहुल गांधी को 'पप्पू' कह कर संबोधित किया था और उनका खूब माखौल उड़ाते रहे. आज सिद्धू दु:ख भरे संक्रमण के दिन बिता रहे हैं. राजनीति में हाशिए पर हैं, टेलीविजन की दुनिया से आउट भाजपा से बाहर सत्ता विमुख आइए! नवजोत सिंह सिद्धू की पड़ताल करें देखें कैसी है- सिद्धू की हस्ती, और बखत..

सबसे बुरे दिन चल रहे सिद्धू के

80 के दशक में नवजोत सिंह सिद्धू भारतीय क्रिकेट के चमकते सितारे थे. अपने क्रिकेट के जौहर दिखाकर उन्होंने देश के करोड़ों लोगों का दिल जीत लिया. क्रिकेट के रत्नो मे एक सिद्धू, उन दिनों बहुत सीधे-साधे और सरल स्वभाव के थे. जैसा कि उन्होंने स्वयं एक साक्षात्कार में बताया था कि किसी के सामने उनके बोल नहीं फूटते थे, ऐसे थे सिद्धू. और अंग्रेजी तो उन्होंने कभी पढ़ी नहीं, सो अंग्रेजी बोलते, वे क्रिकेटर साथियों का मुंह देखते रह जाते थे. आज जो मकबूलियत सिद्धू को मिली है उसके पीछे उनके मुंह से बारंबार फूलों की तरह झरती शायरी है. उन दिनों वे शायरी भी नहीं बोल पाते थे. मगर उन्होंने धीरे-धीरे स्वयं को मजबूत बनाया और एक आधार स्तंभ बन गए .फिर एक समय आया जब रिटायरमेंट के बाद टीवी शो में मेहमां बतौर आने लगे. इसी बीच सिद्धू को राजनीति का चस्का लगा और भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी के आशीर्वाद से सांसद बन गए. मगर जब नरेंद्र मोदी का राजनीति में पदार्पण हुआ तो सिद्धू की राजनीतिक महत्वाकांक्षा टकराने लगी.वह पंजाब को अपने हाथों में रखना चाहते थे जो

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