Mayawati की चुप्पी : जो मुद्दे कभी दलित आंदोलन का केंद्र बिंदु थे आज उन के बोलने पर ही पाबंदी है, जो बोलता है वो जेल जाता है जिस का पक्ष लेने वाला कोई नेता रहा नहीं.
24 दिसंबर को बहुजन समाज पार्टी ने संविधान बचाओ के नाम पर धरना प्रदर्शन किया था. बसपा संसद में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भीमराव आंबेडकर पर दिए बयान को ले कर आक्रोश में थी. बसपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किया था. लखनऊ में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज चौराहे पर भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर प्रदर्शन किया था. इस के लिए गांवगांव से बसपा के कार्यकर्ता प्रदर्शन करने पहुंचे थे. लंबे समय के बाद बसपा ने सड़क पर उतर कर इस तरह का प्रदर्शन किया था.
बसपा की मांग थी कि गृहमंत्री अमित शाह अपने बयान से माफी मांगे. गृहमंत्री ने अपने बयान से बहुजन समाज के भगवान का अपमान किया है. इस के पहले मायावती भी कह चुकी थीं कि ‘गृहमंत्री बहुजन समाज से माफी मांग लें.’ इस के बाद भी जब माफी नहीं मांगी तो बसपा ने इस प्रदर्शन का आयोजन किया था. बसपा के कार्यकर्ता झंडे ले कर प्रदर्शन करने आ रहे थे. इन में से एक थे ओमप्रकाश गौतम जो लखनऊ जिले के निगोहां थाना क्षेत्र के मीरखनगर गांव के रहने वाले थे.
ओमप्रकाश गौतम का वायरल वीडियो
ओमप्रकाश गौतम की बातचीत को ले कर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिस में वह कहते हैं, “देवी दुर्गा काली सरस्वती ने हमारे लिए कुछ नहीं किया. यह विदेश से आई आर्य थीं. (अपनी बात कहतेकहते ओमप्रकाश ने आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग किया) यह मैं ने बहुजन समाज और बुद्धजी की किताबों में पढ़ा है जो लोग नहीं जानते वह पूजापाठ करें.”
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