Vice Presidential Election : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अप्रत्याशित इस्तीफा भगवा खेमे की छीछलेदार जम कर करा गया. जिन हालातों में खराब सेहत का बहाना बनाते उन्होंने देश का दूसरा बड़ा संवैधानिक पद छोड़ा उस से हर कोई हैरत में है. विपक्ष ने तो सवालिया निशान खड़े किए ही लेकिन आम लोगों को भी समझ आ गया कि यह दोनों जिल्लेलाहियों के हुक्मो और इच्छाओं की नाफरमानी की सजा है. वैसे भी समाजवादी संस्कारों में पलेबढ़े धनखड़ खुद सही गलत को ले कर उहापोह का शिकार थे सो यह तो होना ही था.

लेकिन अब क्या होगा इस पर सभी की निगाहें हैं. चुनाव आयोग की उपराष्ट्रपति पद के लिए अधिसूचना के मुताबिक चुनाव 9 सितम्बर को होगा. वोटों के लिहाज से एनडीए बेफिक्र है लेकिन उम्मीदवार को ले कर वह छाछ फूंकफूंक कर पी रहा है. उप राष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट करते हैं. लोकसभा के 542 और राज्यसभा के 240 सदस्यों को मिला कर वोटों की संख्या 782 होती है. इस में से एनडीए के खाते में 422 वोट होते हैं जो बहुमत से 41 ज्यादा हैं.

पिछला चुनाव 6 अगस्त 2022 को हुआ था जिस में धनखड़ को 528 और विपक्ष की उम्मीदवार मार्ग्रेट अल्वा को 182 वोट मिले थे. इस वार विपक्ष की कोशिश इस आंकड़े को पार करने की होगी इस बाबत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 7 अगस्त को डिनर पार्टी आयोजित कर रहे हैं. दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी और अमित शाह की राष्ट्रपति से मुलाकातों को इसी नजरिए के साथ साथ मंत्रीमंडल की संभावित फेरबदल की अटकलों के साथ भी देखा जा रहा है.

एनडीए की तरफ से दर्जनों नाम चल रहे हैं तो विपक्ष ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. बिहार में विधानसभा चुनाव के चलते दोनों ही गठबंधन सत्ता के लिए किसी बिहारी पर दांव खेल सकते हैं. सवा दो साल में पहली बार चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की वफ़ादारी का इम्तिहान होगा. क्योंकि अपने अकेले के दम पर भाजपा बहुमत का आंकड़ा नहीं छू पा रही. उपराष्ट्रपति कोई भी हो यह साफ़ दिख रहा है कि वह काबिलियत के दम पर नहीं बल्कि वफादारी के गुण के चलते चुना जाएगा.

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