हिन्दू कर्मकांडो से नाक भों सिकोड़ने बाली बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश के बलिया स्टेशन से एक स्पेशल ट्रेन उज्जैन के लिए रवाना करवा दी है, जिसमे 5 हजार, सौ फीसदी खालिस सवर्ण हैं जिन्हें सिंहस्थ कुम्भ में डुबकी लगवाई जाएगी. भाजपा के दलित स्नान और एजेंडे का यह अद्भुत जवाब है. रासरा के विधायक उमाकांत सिंह को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है कि वे इन सवर्ण बंधुओं को क्षिप्रा में डुबकी लगवाएं, जिससे राज्य में यह संदेशा जाए कि भाजपा की तरह बसपा भी वोटों के लिए कुछ भी कर सकती है और उसकी तरह इसके भी कोई सिद्धान्त नहीं रह गए हैं.
गौरतलब है कि 11 मई को भाजपा ने समारोह पूर्वक समरसता स्नान मे दलितों और उनके संतों को नहलाया था और नहलाने से ज्यादा उसका हल्ला मचाया था, मायावती के पास इस चाल का जो सहूलियत भरा जबाब था, वह उन्होने दे दिया है, फर्क इतना है कि जल्दबाज़ी के चलते कोई सवर्ण संत वे हायर नहीं कर पाईं. सियासी मोक्ष के लिए दूसरे दल शिवराज सिंह और मायावती से प्रेरणा चाहें तो ले सकते हैं, वामपंथी वाम स्नान करवा सकते हैं और मुलायम सिंह लोहिया स्नान आयोजित कर सकते हैं. लालू नीतीश के लिए माय स्नान सटीक रहेगा, जिसमे मुसलमान और यादव एक साथ नहलाए जा सकते हैं. अरविंद केजरीवाल भी अपने स्नान को ब्रेण्ड नाम डिग्री स्नान देते डीयू कुछ स्नातकों को उज्जैन डुबकी लगाने भेज सकते हैं. सिंहस्थ कुम्भ की यही उपयोगिता और अहमियत रह गई है तो इसे स्वीकारने में किसी को हिचक भी नहीं होनी चाहिए कि धर्म कैसे कैसे स्वार्थ सिद्धि का साधन है.
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