मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हर साल गरीब और अनाथ लड़कियों की शादी खूब धूमधाम से कराते हैं. यह सिलसिला तब से चला आ रहा है, जब वे विदिशा से सांसद थे और उन्होंने कभी मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद नहीं की थी. पर इस मुकाम पर आने के बाद भी वे बेसहारा लड़कियों का कन्यादान करना भूले नहीं है. विदिशा में उन्होंने अपनी ऐसी ही एक धर्म बेटी की शादी धूमधाम से की. उन की पत्नी साधना सिंह ने भी मां का रोल निभाते हुए अपनी बेटी के हाथ पर मेहंदी लगाई और सुबकते हुए उसे विदा किया. कहने वाले इस मसले पर दो फाड़ हैं. पहले गुट का कहना है कि यह सियासत नहीं समाजसेवा है, जबकि दूसरे गुट के लोग मानते हैं कि यह एक तरह का अंधविश्वास है, जिस के तहत शिवराज सिंह चौहान को लगता है कि इन लड़कियों की शादी कराने की वजह से ही वे इस मुकाम तक पहुंचे हैं.

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