जिस रास्ते पर आज भारतीय जनता पार्टी के नेता चल रहे हैं अगर अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी यही करती तो आज देश में भारतीय जनता पार्टी तो क्या अन्य दूसरी पार्टियां के कोई नामलेवा भी नहीं होते और उनकी राजनीति के गर्भ में ही भ्रूण हत्या हो जाती.

मगर कांग्रेस के नेताओं ने चाहे पंडित जवाहरलाल नेहरु हों अथवा श्रीमती इंदिरा गांधी अथवा अन्य ने लोकतंत्र पर सदैव विश्वास आस्था रखी और विपक्ष की विचारधारा को सदैव सम्मान दिया. गोवा में जिस तरह 8 विधायकों बदल बदल हुआ है और घटनाक्रम सामने आया है उससे एक सबसे बड़ा प्रश्न आज यह उठ खड़ा हुआ है कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी क्या अब पानीदार नहीं रहे हैं.

दरअसल, सत्ता और विपक्ष लोकतंत्र के दो ऐसे पहिए हैं जिनके बूते देश आगे बढ़ता है अगर सत्ताधारी यह समझ ले और ठान लें कि विपक्ष को निर्मूल करना है तो यह संभव है. मगर इससे जिस तानाशाही का जन्म होगा वह न तो देश के हित में हैं और ना ही देश के लोकतंत्र के हित में.

गोवा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के 8 विधायकों का जिस तरह इस्तीफा दिलवा भाजपा प्रवेश करवाया गया है राजनीति के इतिहास में शर्मनाक घटना के रूप में याद किया जाएगा.
सवाल है, आज देश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है तो देश किस दिशा में अग्रसर होगा एक तरफ है लोकतंत्र तो दूसरी तरफ है नाजी
हिटलर शाही शासन .

भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है हमें गर्व करते हैं कि भारत में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है जहां सभी संविधानिक दायित्व के तहत देश के चारों स्तंभ अपने अपने कर्तव्य निर्वहन करते हैं. मगर आज स्थिति जैसी बनाई जा रही है उसे लोकतंत्र के लिए हितकारी कभी नहीं कहा जा सकता.
दरअसल, दलबदल एक ऐसा मसला है जिस पर किसी का कोई अंकुश नहीं है गोवा के मामले में यह आज सामने है. वहां सभी विधायकों को ईश्वर के नाम पर शपथ दिलाई गई थी और सभी ने यह कसम खाई थी कि हम दल बदल नहीं करेंगे मगर बड़े ही हास्यास्पद स्थिति में जिसे देश में देखा है गोवा में विपक्ष को खत्म करने का खेल हो गया.

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