USA : ट्रंप की राजनीतिक रेलगाड़ी डर और नफरत के उसी कोयले पर चलती है, जिस से भारत में भगवा पार्टी के मुखिया की चलती है. नफरत और धार्मिक उन्माद पैदा किए बगैर सत्ता पाना इन के बस की बात ही नहीं है.
लौस एंजलिस में नेशनल गार्ड्स की तैनाती, सड़कों पर पुलिस का तांडव, प्रदर्शनकारियों की चीखें और रुदन, हाथों में पोस्टरबैनर और मशालें, सरकारी आतंक से लोहा लेने की मजबूरी, अमेरिका की ऐसी स्थिति देख कर दुनिया अचरज में है. अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने नारा दिया था, ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’, लेकिन अब उन के अटपटे फैसलों और उन के नतीजों को देख कर ऐसा लगता है, जैसे उन का लक्ष्य हो ‘मेक अमेरिका बेड अगेन’ क्योंकि ट्रंप के शासन में अमेरिका में ग्रेटनेस कम और विवाद और प्रदर्शन ज्यादा हो रहे हैं.
अमेरिका के दुश्मनों की संख्या ज्यादा हो रही है और दोस्तों की गिनती कम होती जा रही है. यहां तक कि जिन दोस्तों के अथक प्रयासों ने ट्रंप को सत्ता हासिल करने में मदद की, वे भी अब ट्रंप के निर्णयों से खफा हो कर किनारा कर रहे हैं.
ट्रंप की नस्लवादी सोच, दिखावा, घमंड, ताकत के प्रदर्शन का शौक और धार्मिक कट्टरता ने अमेरिका को गृहयुद्ध की स्थिति में झोंक दिया है. ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को रिकार्ड संख्या में निर्वासित करने और अमेरिका व मैक्सिको सीमा बंद करने का ऐलान किया है.
ट्रंप की डिपोर्टेशन पौलिसी के तहत इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट (ICE) को हर दिन बिना दस्तावेज वाले 3000 अप्रवासियों को रिकार्ड संख्या में गिरफ्तार कर डिपोर्ट करने का लक्ष्य है. जिस के तहत लोगों को गिरफ्तार कर जबरन हथकड़ीबेड़ी में जकड़ कर उन के देश वापस भेजा जा रहा है. इस के विरोध में लौस एंजलिस सहित अमेरिका के 12 राज्यों के 25 शहरों के लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
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