Egyptian Pyramid : पुजारियों की क्षमता कितनी हो सकती है, इस का अंदाजा मिस्र की 500 साल पुरानी सभ्यता से लगाया जा सकता है जब सैकड़ों पिरामिड बने. मिस्र के लोगों को विश्वास दिला दिया गया था कि फैरो न केवल देवताओं/ईश्वर का दूत है बल्कि वह खुद ईश्वर/देवता है और उस को खुश रखना हर मिस्र वाले का कर्तव्य है.
मिस्रवासी उन कहानियों में विश्वास रखते थे कि असल में उन का जन्म, जीवन व मृत्यु उस ईश्वरीय फैरो के हाथ में है जो उन की तरह ही बिफर पड़ता था, खाना खाता था, लड़ाई में लडऩे जाता था और मरता था. उस की मृत्यु को ईश्वरीय बनाने के लिए पुरोहितों ने विशाल पिरामिड बनवा दिए जहां मृत फैरो का शव रखा जाता था.
उस के बाद की सभ्यताओं में मिस्र की बात लुप्त हो गई. सभ्यता से सीखा या नहीं लेकिन उन्होंने ईश्वर के संदेशवाहकों, पुत्रों, अवतारों की कहानियों को पुरोहितों से सुन कर मान लिया और खुद को कठोर नियमों के खून चूसने वाले मकडज़ाल में फंसा लिया.
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