Donald Trump : डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के साथ ही अमेरिका में एक नए दौर की शुरुआत हो चुकी है जिसे ले कर हर कोई आशंकित है कि अब लोकतंत्र को हाशिये पर रख धार्मिक एजेंडे पर अमल होगा.

जातेजाते राष्ट्र के नाम अपने विदाई भाषण में जो बिडेन ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाने के अलावा जो कहा उस में रत्ती भर भी व्यक्तिगत भड़ास डोनाल्ड ट्रंप या रिपब्लिकंस के प्रति नहीं थी. बल्कि अमेरिका के आने वाले कल की भयावह तस्वीर का सटीक चित्रण था.

इतना परिपक्व संबोधन अमेरिका और अमेरिकंस फिर कभी सुन पाएंगे या नहीं यह तो कहा नहीं जा सकता लेकिन जो चिंताएं और खतरे बिडेन ने व्यक्त किए हैं उन से जाहिर होता है कि वहां भी ब्राह्मण बनिया गठजोड़ आकार और विस्तार ले रहा है. जो लोकतंत्र के लिए आखिरकार बेहद खतरनाक और बेहद घातक साबित होता है.

बिडेन ने किस तरह अमेरिका के गौरवशाली इतिहास को अंडरलाइन करते हुए भविष्य की भयावहता को व्यक्त किया, उसे उन के भाषण के इन बिंदुओं से आसानी से समझा जा सकता है.
- अमेरिका में सुपर रिच लोगों का बोलबाला बढ़ रहा है कुछ लोगों के पास ज्यादा पैसा होना लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है.
- इस प्रतिमा ( स्टेच्यू औफ लिबर्टी ) की तरह अमेरिका का विचार केवल एक व्यक्ति की उपज नहीं है. बल्कि इसे दुनिया भर के अलगअलग पृष्ठभूमि के लोगों ने मिल कर सींचा है.
- अमेरिका होने का मतलब है लोकतान्त्रिक संस्थाओं का सम्मान करना. खुला समाज और फ्री प्रैस इस की आधारशिला हैं. शक्तियों और कर्तव्यों का संतुलन बनाए रखना हमेशा अच्छा होता है.
- वर्तमान समय में सही सूचनाओं का अभाव है. आज प्रैस पर भारी दबाव बढ़ गया है, स्वतंत्र मीडिया खत्म होने के कगार पर है.

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