Narendra Modi : सूचना के दायरे में प्रधानमंत्री को ले कर किस तरह की जानकारियां हासिल की जा सकती हैं, यह विवाद का विषय बना हुआ है. डिग्री मामला और पीएम केयर फंड को ले कर सवाल उठते रहे हैं पर संतुष्टि भरे जवाब मिल नहीं पाए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिक्षा संदर्भित जानकारी सूचना अधिकार के तहत नहीं ली जा सकती. यह विवाद आज एक ऐसे चौराहे पर खड़ा है जहां कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शायद अमिताभ बच्चन के इस डायलोग को याद कर लिया है, "हम जहां से खड़े होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है."

यानी की हम जो कहेंगे वही सही है, चाहे वह कानून की किताब में लिखी हो या न, समाज की किताब में लिखी हो या न, दुनियादारी में उचित हो या न. अरे भाई...! अमिताभ बच्चन का यह डायलोग एक फिल्मी मात्र है. अमिताभ के पास जब कभी यह बात आती है तो हंस कर टाल जाते हैं और सारी दुनिया जानती है की फिल्म और हकीकत की दुनिया में बेहद अंतर होता है.

आज जब नरेंद्र मोदी की शिक्षा संबंधी जानकारी को कोई लेना चाहता है तो उसे यह कह कर टाल दिया जा रहा है कि यह उन की व्यक्तिगत जानकारियां हैं जबकि सारी दुनिया जानती है कि प्रधानमंत्री या जो भी सार्वजनिक शख्स हैं उन की हर वह जानकारी सार्वजनिक है जिस से उन का कोई अहित न होता हो. ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इतिहास से अपनेआप को ऊपर समझते हैं. वे भूल जाते हैं कि इतिहास नीर क्षीर विवेचन के साथ दुनिया के बड़े से बड़े शहंशाह को भी जमीन पर ला कर खड़ा कर देता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...