दुनिया की सब से बड़ी आर्थिक शक्ति और ताकतवर मुल्क बनने की राह पर चल रहे चीन और इस मुल्क के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर सब की निगाहें हैं. चीन को इस मुकाम पर लाने में अहम भूमिका निभाने वाले जिनपिंग की असल जिंदगी, राजनीतिक व अंतर्राष्ट्रीय रणनीतियों और विवादों की परत दर परत पड़ताल कर रही हैं गीतांजलि.

दुनिया के कई देशों के नेतृत्व में बीते कुछ समय में उथलपुथल या व्यवस्थित तरीके से बदलाव आए हैं. इस में अमेरिका, रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान समेत कई खाड़ी देश हैं. लेकिन इन सब में से दुनिया की नजरें जिस देश और उस के नेतृत्व पर टिकी हैं, वह चीन है. इस की एक वजह यह है कि चीन के समाचार वहीं की सरकारी एजेंसियों के हवाले से ही दुनिया के सामने आ पाते हैं. दूसरी बात, अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सब से बड़ी आर्थिक ताकत बन चुके चीन पर उस से ज्यादा और कम ताकतवर देशों की नजरें हैं. तीसरी और सब से अहम बात यह है कि लंबे समय से चीन में माओत्से तुंग या डेंग शियाओपिंग जैसा प्रभावशाली और ताकतवर नेतृत्व सामने नहीं आया था जिस ने अपनी नीतियों से अमेरिका समेत दुनिया को प्रभावित किया था. चीन के मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस दिशा में धीरेधीरे ही सही, कदम बढ़ा रहे हैं. करीब 2 साल के भीतर ही उन्होंने घरेलू और विदेशी दोनों मोरचों पर अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी है.

वैसे तो राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दिए नारे काफी पसंद किए जाते हैं लेकिन उन का यह कहना, ‘वे न तो पुराने रास्ते पर चलेंगे और न ही गलत रास्ते पर’ बताता है कि उन के पास चीन के भविष्य के लिए एक विजन है. उन्होंने चीन के सपने को पूरा करने का बीड़ा उठाया हुआ है. इस के तहत उन्हें अपने देश में निवेश की गति बरकरार रखते हुए आर्थिक विकास की दर को हरगिज नीचे नहीं आने देना है और जनहितकारी नीतियों को भी पूरा करना है.

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