मणिपुर के हालात से सभी वाकिफ हैं. वहां पर कई महीनों से हिंसा हो रही है. लेकिन 19 जुलाई को जो वायरल वीडियो आया, जिस में 2 महिलाओं को नग्न कर के सड़क पर दौड़ाया गया, जिस से इंसानियत व महिलाओं की इज्जत तारतार हो गई, वह बेहद शर्मनाक है. मणिपुर हिंसा को ले कर तब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जब तक वायरल वीडियो सब के सामने नहीं आ गई और इस पर हंगामा करना शुरू कर दिया. मणिपुर की इस घटना ने इंसानियत पर सवाल उठा दिया, वहशी दरिंदों के नए चेहरे दिखा दिए. मणिपुर में कुछ लोग इतने वहशी हो गए कि उन्होंने 2 लड़कियों को निर्वस्त्र किया, फिर उन्हें बिना कपड़ों के घुमाया.

प्रधानमंत्री अब तक चुप क्यों

मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है, वायरल वीडियो 4 मई का है. 78 दिन तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस मामले में कोई कमैंट नहीं आया जो उन्हें शक के दायरे में खड़ा करता है जबकि विपक्षी नेता लगातार इस मामले में पीएम के दखल की मांग कर रहे थे. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोरचा जरूर संभाला लेकिन उन के दिल्ली वापस होते ही हिंसा फिर से शुरू हो गई. संसद के मानसून सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री मीडिया के सामने आए और वायरल वीडियो के मामले में 36 सैकंड में अपनी बात कह गए. इस दौरान उन्होंने राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नाम भी गिना दिया.

यह नाकाफी लगा तो केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी 22 जुलाई को नरेन्द्र मोदी की बात और आइडियोलौजी को विस्तार देते हुए यह भी जोड़ दिया कि बिहार और पश्चिम बंगाल सहित  जहांजहां भी गैर भाजपाई सरकारें हैं वहां भी ऐसा होता रहता है. भगवा गैंग की यह मानसिकता समझ से परे है जिसका सार यह है कि चूंकि वे गलत हैं इसलिए हमें भी गलती करने का हक है.

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