कांग्रेस ने पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर से इस्तीफा लेकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया है. चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बने है. चरणजीत सिंह चन्नी अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री थे. 58 साल के चन्नी अमरिंदर सिंह के प्रबल विरोधी रहे है. चन्नी 3 बार विधायक बन चुके है. 2007 में  वह निर्दलीय विधायक बने थे. इसक बाद 2012 और 2017 में वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. चन्नी ने अपन कैरियर की शरूआत पिता के टैंट कारोबार से की थी. इसके बाद वह पार्षद का चुनाव लडे. वहां से विधायक बने. 2015-16 में वह विधानसभा मेें विपक्ष के नेता बने. पंजाब की राजनीति में चन्नी ने अपनी जगह बनाई. अपनी मेहनत से वह पंजाब के मुख्यमंत्री की कुुर्सी पर बैठने में सफल हुये. आज वह पंजाब में कांग्रेस का चेहरा बन गये है.

पंजाब में करीब 32 फीसदी दलित वोटर है. देश में सबसे अधिक दलित आबादी पंजाब में है. बाबा साहब अम्बेडकर के बाद सबसे प्रमुख दलित चिंतक और नेता कांशीराम पंजाब के ही रहने वाले थे. पंजाब के विधानसभा चुनाव में दलित सबसे प्रमुख फैक्टर है. दलितों के वोट पाने के लिये आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी अपने समीकरण तलाश रहे थे. अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनावी तालमेल किया है. ऐसे में कांग्रेस ने दलित जाति के चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर दलित वोट अपनी तरफ करने के लिये मास्टर स्ट्रोक मार दिया है. कांग्रेस को इसका लाभ पंजाब चुनाव में तो मिलेगा ही इसका असर उत्तर प्रदेश चुनाव पर भी पडेगा.

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