बिना किसी चूं चपड़ के मान लेना चाहिए कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते देश से गंद छट चुकी है. कश्मीर से धारा 370 हट चुकी है, तीन तलाक नाम की मुस्लिम समुदाय में व्याप्त कुरीति दूर हो चुकी है और ताजा खबर ये कि 6 छोटे सरकारी बेंकों का 4 बड़े सरकारी बैंको में विलय हो गया है इससे देश की अर्थव्यवस्था सरपट दौड़ने लगेगी आगे भी बेंकों के मर्ज (ईकरण) का सिलसिला जारी रहेगा. इस सुधरी अर्थव्यवस्था के साथ आम लोग भी सरपट दौड़ेंगे क्योंकि उन्हें जिंदा रहने खाने पीने और दीगर जरूरतों को पूरा करने के लिए अब और मेहनत करनी पड़ेगी .

इसी मेहनत से वे उस फिटनेस को प्राप्त करेंगे जिसका आव्हान और उद्घोष आरबीआई से 1.76 लाख करोड़ रु छीनने के बाद प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर नई दिल्ली के इन्दिरा गांधी स्टेडियम से किया. (भगवान ने चाहा तो जल्द ही इस स्टेडियम का नाम सुषमा स्वराज स्टेडियम होगा ठीक वैसे ही जैसे फिरोजशाह कोटला स्टेडियम अब अरुण जेटली स्टेडियम हो गया है.)

मोदी जी इस बार नई तुकबंदी वाला स्लोगन लेकर आए हैं कि बौडी फिट है तो माइंड हिट है. बात सौ नहीं बल्कि लाख टका सच है कि भयानक मंदी के दौर से गुजरते देशवासियों को फिट रहने की बड़ी जरूरत है. जिन लोगों को मंदी से निबटना है उन्हें चुस्त दुरुस्त रहना ही होगा नहीं तो वे भी जल्द ही किसी मंदिर के आगे कटोरा हाथ में लिए खड़े दे दाता के नाम... टाईप नगमा गुनगुनाते नजर आएंगे या फिर डिनर के लिए सपरिवार किसी लंगर की लाइन में लगे होंगे. अब सभी तो रानू मण्डल जैसी किस्मत लेकर चले नहीं होंगे कि किसी हिमेश रेशमिया की नजर उन पर पड़े और वे रातों रात रंक से राजा बन जाएं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...