सत्ता का प्रभाव किस तरह दुष्प्रभाव बन जाता है, इस का हाल ही में उदाहरण है पहलवान बेटियों और भाजपा का सरंक्षण प्राप्त कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का. आज इस मसले पर देश में चर्चा हो रही है, लोग सरकार पर उंगलियां उठा रहे हैं। देश की आधी आबादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ होती चली जा रही है.
दरअसल, देश का संविधान और सत्ता प्रमुख के रूप में नरेंद्र मोदी से देश आज पूछ रहा है कि जब किसी आम आदमी पर ऐसे ही आरोप लगते हैं तो पुलिस तत्काल आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करती है और फिर ट्रायल चलता है. मगर देश के लिए खेलने वाली रैसलर पहलवान बेटियों के द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद क्या हुआ? देश ने देखा है कि किस तरह आंसू बहाते हुए लंबा आंदोलन किया गया, देश की सत्ता से फरियाद की गई मगर भारतीय जनता पार्टी के बृजभूषण सिंह मुसकराते हुए टीवी पर आते रहे और तल्ख टिप्पणियां करते रहे मानो यह उन का चैलेंज था कि मेरा कोई क्या कर लेगा.
मुट्ठी में कानून और सरकार
बृजभूषण सिंह कह रहे हैं कि कानून और सरकार तो मेरी मुट्ठी में हैं. उधर पुलिस ने मामले को न्यायालय में पेश करने से पहले एक तरह से क्लीन चिट देते हुए बयान दिया है, जो निराश करने वाला है. आश्चर्य यह सब देश की राजधानी दिल्ली में हो रहा है. ऐसे में कल्पना की जा सकती है कि देश के सुदूर गांवों में, कस्बे और शहरों में पैसे और सत्ता के दम पर समाज में क्या हो रहा होगा और इस प्रकरण के बाद और भी ज्यादा अत्याचार होने लगेगा. यह एक ऐसा सत्य है जिस से पता चलता है कि लोकतंत्र, आजादी के इतने लंबे समय बाद भी देश की लाखों बेटियां अत्याचार का शिकार हो रही हैं. मगर उन की कोई सुनने वाला नहीं है.
यदाकदा कोई एकाध मामला ऐसा हो जाता है जिस में अगर सत्ता या पैसों का प्रभाव नहीं होता तो पुलिस मुस्तैद हो जाती है और डंडा ले कर आरोपी को जेल भेज देती है.
कांग्रेस ने भारतीय कुश्ती महासंघ के वर्तमान प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने के दिल्ली पुलिस के अनुरोध के बाद आरोप लगाया, “भारतीय जनता पार्टी का नारा ‘बेटी डराओ बृजभूषण बचाओ’ है.”
एक प्यादे को बचाने की कवायद
दरअसल, बृजभूषण सिंह का मामला सत्ता का अपने एक प्यादे को बचाने का एक ऐसा मामला या नजीर बन गया है जो कभी भुलाया नहीं जा सकता. जहां इस से आधी आबादी में आक्रोश देखा जा रहा है, वहीं नरेंद्र मोदी की सत्ता और न्याय पर प्रश्नचिन्ह लग गया है.
निस्संदेह आज देश के लिए यह प्रकरण एक ऐसी नजीर बन गया है जो अकेले नरेंद्र मोदी की ताबूत का अंतिम कील बन सकता है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा,”ऐसे मामले की शिकायत पर आरोपी को तुरंत खिलाफ पौक्सो ऐक्ट के तहत हिरासत में लिया जाता है मगर बृजभूषण सिंह मीडिया में साक्षात्कार देते हैं, रैलियों में शक्ति प्रदर्शन करते हैं. उस से दिल्ली पुलिस पूछताछ तक नहीं करती और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद प्राथमिकी दर्ज हो पाती है.”
उन्होंने कहा कि खेलमंत्री को कैसे पता चला कि 15 जून तक आरोपपत्र दायर हो जाएगा? आरोपपत्र दिल्ली पुलिस ने तैयार किया या भाजपा कार्यालय में इसे तैयार किया गया?
सुप्रिया ने दावा किया कि एक नाबालिग लड़की बृजभूषण सिंह जैसे बड़े आदमी के खिलाफ पौक्सो के तहत शिकायत दर्ज कराती है, यौनशोषण का आरोप लगाती है उस के बाद सारा तंत्र, पुलिस, सरकार के मंत्री व सांसद मिल कर उस लड़की के खिलाफ खड़े हो जाते हैं और बृजभूषण सिंह को सरंक्षण दिया जाता है.