भारतीय राजनीति का विद्रूप है भगवंत मान . राजनीति से पहले भी चर्चा में बने रहते थे और अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी में प्रवेश के बाद बड़े राजनीतिक दलों के धुरंधरों को पछाड़कर पंजाब के मुख्यमंत्री बन गए.

मगर, अपनी शराब पीने की लत के कारण आज विमान से उतार दिया गया और 4 घंटे कि देरी, फिर विपक्षी पार्टियों के लगातार हमले, यह सब इंगित करता है कि चाहे आप कितने बड़े पद प्रतिष्ठा को प्राप्त कर लें, सच और आपका अतीत, आपका कभी पीछा नहीं छोड़ता.

मुख्यमंत्री बनने से पहले ही 2019 में भगवान सिंह मान ने कहा था कि उन्होंने शराब को तौबा कर ली है और अपनी मां की सलाह पर शराब को हाथ भी नहीं लगाएंगे. मगर जिस तरह जर्मनी से लौटते वक्त विमान की घटनाएं चर्चा में आ गई हैं उससे कई प्रश्न उठ खड़े हुए हैं और उसका जवाब पुरजोर तरीके से भगवंत मान मुख्यमंत्री पंजाब को देना चाहिए.

बीते 48 घंटे का घटनाक्रम कुछ ऐसा है- पंजाब में विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्हें फ्रैंकफर्ट हवाई अड्डे पर दिल्ली जाने वाली उड़ान से उतार दिया गया क्योंकि वे नशे में थे. कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने मामले की जांच की मांग कर दी जिससे या खबर पूरे देश में ट्रोल करने लगी.

आप के मुख्य प्रवक्ता ने आरोपों को निराधार और फर्जी बताया और विपक्षी दलों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान को बदनाम करने के लिए नकारात्मक प्रचार करने का आरोप लगाया है .

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