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सोनू निगम के बेटे निवान ने गाया गीत

यदि अभिनेता का बेटा अभिनेता बन सकता है, तो गायक का बेटा गायक क्यों नहीं बन सकता. जरुर बन सकता है. तभी तो मशहूर गायक सोनू निगम के लगभग नौ साल की उम्र के बेटे निवान निगम ने सोनू निगम के ही साथ निर्देशक आकाशदीप शब्बीर की फिल्म ‘‘संता बंता प्रा.लिमिटेड’’ के लिए एक गीत गाया है. फिल्म‘‘संता बंता प्रा.लिमिटेड’’ के लिए सोनू निगम ने एक गीत ‘‘मछली जल की रानी है..’’ रिकार्ड किया. बाद में उन्हे अहसास हुआ कि यदि इसकी कुछ लाइन बच्चा गए तो बच्चों के बीच यह गीत काफी लोकप्रिय हो सकता है. यही सोचकर उन्होंने अपने बेटे निवान से इस गीत की कुछ लाइने गंवायी. सूत्रों के अनुसार फिल्म के परदे पर इस गीत की अपने बेटे निवान द्वारा स्वरबद्ध लाइनों पर खुद सोनू निगम झूमते हुए नजर आएंगे.

यूं तो निवान निगम आठ माह की उम्र से ही गुनगुनाने लगा था. निवान ने महज चार साल से भी कम उम्र में लता मंगेशकर के साथ एक गीत ‘‘गीत कब सरहदें मानते है..’’ गाया था, जो कि काफी लोकप्रिय हुआ था. पर पहली बार निवान ने किसी फिल्म के लिए अपने पिता के  साथ गीत गाया है. अपने बेटे निवान की चर्चा करते हुए खुद सोनू निगम कहते हैं-‘‘निवान को संगीत ईश्वर प्रदत्त है. जब वह साढे़ आठ माह का था, तभी उसने कुछ गा दिया था. उसने साढ़े आठ माह की उम्र में मेरे साथ सुर लगाया था. उसकी रिकार्डिंग आज भी मेरे पास मौजूद है. उस वक्त मैंने उसका वीडियो बना लिया था. मुझमें और मेरे बेटे में बहुत समानताएं हैं. हमारे चेहरे मिलते हैं. हमारे हाथ मिलते हैं. वह भी मेरी तरह खुश आत्मा है. मैं भी खुश आत्मा हूं. मुझे सड़े हुए लोगों के साथ रहना पसंद नहीं. मेरा बेटा मुझसे भी ज्यादा खुश रहता है. वह एक अलग ही ‘खुश आत्मा’ हैं.’’ 

इसलिए टूटा सुशांत-अंकिता का दस साल पुराना रिश्ता…!

बौलीवुड में गत वर्ष शुरू हुए फिल्मी सितारों के तलाक और प्रेमी जोड़ो के अलगाव का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. हर सप्ताह किसी न किसी फिल्मी हस्ती के तलाक या किसी प्रेमी जोडे़ के बिखराव की खबर आती जा रही है. अब खबर आयी है कि दस साल से भी अधिक समय से एक दूसरे के प्यार में डूबे रहते आए और एक साथ मुंबई के लोखंडवाला, अंधेरी इलाके में एक ही फ्लैट में रहते आ रहे अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत और अभिनेत्री अंकिता लोखंडे के बीच अलगाव हो गया है. मजेदार बात यह है कि सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे के अलगाव की खबरों पर तमाम लोगों को यकीन नहीं हो रहा है.

अभी कुछ दिन पहले ही ‘जी सिने अवार्ड्स 2016’ में सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे हाथ में हाथ डाले एक साथ नजर आए थे. इतना ही नहीं सुशांत सिंह राजपूत दावा कर रहे थे कि वह दिसंबर 2016 तक शादी कर लेंगे. पर सूत्रों का दावा है कि सुशांत सिंह राजपूत ने हमेशा के लिए अंकिता लोखंडे से अपने सारे संबंध तोड़ दिए हैं. सूत्र बताते हैं कि सुशांत सिंह राजपूत ने उस मकान को भी अलविदा कह दिया है, जिसमें वह अंकिता के संग पिछले दस साल से रहते आ रहे थे और इन दिनों सुशांत सिंह राजपूत ने अपना डेरा मुंबई के एक पांच सितारा होटल में जमा रखा है तथा मुंबई में रहने के लिए मकान की तलाश जारी कर दी है.

सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे के बीच हुए अलगाव के लिए फिल्मी पंडितों ने वजहें तलाशनी शुरू कर दी हैं. वैसे अंकिता के नजदीकी सूत्र इसके लिए अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा पर उंगली उठा रहे हैं. सूत्रों की माने तो गत दिसंबर माह में अपने प्रेमी व फिल्म निर्देशक मनीष शर्मा के साथ संबंध तोड़कर परिणीति चोपड़ा ने सुशांत सिंह राजपूत के संग नजदीकियां बढ़ानी शुरू की थी. कुछ सूत्रों का मानना है कि परिणीति व सुशांत के बीच मुलाकातों का सिलसिला तो तभी से जारी था, जब से दोनों ने एक साथ ‘यशराज फिल्मस’ की फिल्म ‘‘शुद्ध देसी रोमांस’’ की थी.

यूं भी जब कोई लंबा रिश्ता टूटता है, तो उसके लिए हमेशा शक किसी औरत पर ही जाता है. यहां तो सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे का कम से कम दस साल पुराना रिश्ता टूटा है.

इतना ही नहीं परिणीति की तरफ लोगों की उंगली उठने के पीछे अंकिता लोखंडे का ट्वीट भी अहम भूमिका निभा रहा है. यूं तो इस ट्वीट में अंकिता लोखंडे ने किसी पर उंगली नहीं उठायी है, मगर हर कोई अपने अपने हिसाब से अंकिता के इस ट्वीट का मतलब निकाल रहा है. अंकिता का यह ट्वीट एक फोटोग्राफ है, जिसमें लिखा है-‘‘प्यार उससे करो, जो आपको चाहता है, जो आपका इंतजार करता है, जो पागलपन में भी आपको समझता है, वह जो हमेशा आपकी मदद करता है. और आपको गाइड करता है. एक ऐसा इंसान जो आपका सहयोगी हो, आपकी उम्मीद हो. प्यार उससे करो जो झगड़े के बाद भी आपसे बात करता हो, प्यार उससे करो, जो आपको मिस करता है और आपके साथ ही फिट होता हो. सिर्फ किसी चेहरे या शरीर से प्यार मत करो. या महज प्यार में होने की आइडिया के लिए किसी से प्यार मत करो.’’ (फाल इन लव विथ समवन हू वांट्स यू, हू वेट्स फार यू, हू अंडरस्टैंड यू इवेन इन द मैडनेस, समवन हू हेल्प्स यू, एंड गाइड्स यू, समवन हू इज योर सपोर्ट, योर होप. फाल इन लव विथ समवन हू टाक्स टू यू आफ्टर फाइट. फल इन लव विथ समवन हू मिस यू एंड वांट्स टू बी फिथ यू. नाट फाल इन लव वनली विथ ए बाडी आर विथ ए फेस आर विथ द आइडिया आफ बीइंग इन लव.)

मजेदार बात यह है कि अपने अलगाव को लेकर अंकिता लोखंडे और सुशांत सिंह राजपूत ने चुप्पी साध रखी है. इनकी तरफ से इस खबर का खंडन या सच्चाई बयां नही की गयी है. मगर बौलीवुड में इस रिश्ते के टूटने की जांच पड़ताल फिल्मी पंडितो के बीच बड़ी तेजी से जारी है. तमाम सूत्र इस रिश्ते के टूटने को सफलता असफलता व जरुरत की तराजू पर तौल रहे हैं. सूत्रो की माने तो जब सुशांत सिंह राजपूत संघर्ष कर रहे थे, तभी सुशांत और अंकिता लोखंडे एक दूसरे के करीब आए थे. उस वक्त अंकिता लोखंडे टीवी सीरियलों में अभिनय कर रही थी और एकता कपूर से अंकिता के अच्छे संबंध थे. सूत्रों की माने तो अंकिता के ही कहने पर एकता कपूर ने सुशांत सिंह राजपूत को अपने जी टीवी के सीरियल ‘‘पवित्र रिश्ता’’ में अभिनय करने का अवसर दिया था. उसके बाद से सुशांत सिंह राजपूत को पीछे मुड़कर देखने की जरुरत नहीं पड़ी. उसके बाद वह ‘कई पो छे’, ‘शुद्ध देसी रोमांस’, ‘पी के’ और ‘डिटेक्टिब ब्योमकेश बक्षी’ जैसी फिल्में करके अच्छी सफलता बटोर चुके हैं. इन दिनों ‘‘एम एस धोनी अन टोल्ड स्टोरी’, ‘‘राब्ता’ के अलावा करण जोहर बैनर की फिल्में कर रहे हैं. तो वहीं वह ‘यशराज फिल्मस टैंलेट’ का हिस्सा है. जबकि अंकिता लोखंडे के पास पिछले दो वर्षों से कोई काम नहीं है. लेकिन सूत्रो के अनुसार अंकिता को लगता है कि जब सुशांत सिंह राजपूत संघर्ष कर रहे थे, तब उसने सुशांत का साथ दिया था. पर सफलता की सीढि़यां चढ़ रहे सुशांत को अब अंकिता लोखंडे में कोई रूचि नही है. यानी कि कुछ लोग इस अलगाव के पीछे अहम की लड़ाई मान रहे हैं.

तो दूसरी तरफ सुशांत सिंह राजपूत की ही तरह परिणीति चोपड़ा भी ‘यशराज फिल्मस टैलेंट’ का हिस्सा हैं. इसलिए भी इनकी मुलाकातें होती रही हैं. सूत्रों का दावा है कि इन दिनों परिणीति चोपड़ा का करियर डांवाडोल चल रहा है. लंबे समय से उनके पास कोई काम नही हैं, तो उन्हे भी सफलता की ओर अग्रसर इंसान की तलाश थी, जो कि सुशांत सिंह राजपूत तक जाकर रूक गयी और परिणीति चोपड़ा ने सुशांत सिंह राजूपत से नजदीकियां बढ़ाई.

बहरहाल, एक तरफ हर कोई सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे के रिश्ते के टूटने की वजहे तलाश रहा है तो दूसरी तरफ अंकिता व सुशांत को नजदीक से जानने वाला एक तबका अभी भी उम्मीद लगाए हुए है कि दोनों के बीच पुनः सारे गिले शिकवे मिट सकते हैं.

अब रोहित राय बने खलनायक

मशहूर टीवी व फिल्म कलाकार रोहित राय पहली बार बड़े परदे पर खलनायक के किरदार में नजर आने वाले हैं. जी हां! वह रितिक रोशन के साथ संजय गुप्ता के निर्देशन में एक फिल्म ‘‘काबिल’’ में अभिनय कर रहे हैं, जिसमें रितिक रोशन हीरो और रोहित राय विलेन हैं. पिछले बीस साल के दौरान छोटे परदे के अलावा बड़े परदे पर भी अभिनय करते आ रहे रोहित राय कुछ फिल्मों का निर्माण व निर्देशन भी कर चुके हैं. वह कई रियलिटी शो का संचालन कर चुके हैं. उन्होंने टीवी, फिल्म व थिएटर पर हर तरह के किरदार निभाए हैं. मगर वह हमेशा निगेटिव किरदार निभाने से खुद को बचाते रहे हैं. पर अब वह निगेटिव किरदार निभा रहे हैं. आखिर रोहित राय में यह बदलाव कैसे आया?

इस पर रोहित राय कहते हैं-‘‘कलाकार के अंदर हमेशा कुछ नया करने की प्यास बनी रहती है. लंबे समय से मैं कुछ अलग सा काम करने की सोच रहा था. ऐसे ही वक्त में मेरे सामने इस किरदार का आफर आ गया. पहले तो मैं इस किरदार को स्वीकार करने से हिचकिचा रहा था. क्योंकि मुझे सदैव यह लगता रहा है कि मैं  परदे पर निगेटिव किरदार को सही ढंग से नहीं निभा सकता. दूसरी बात इस किरदार के चरित्र चित्रण में काफी विविधता भी है. इसलिए एक बार तो मैंने मना ही कर दिया था. पर जब दूसरी बार मेरे पास इसका आफर आया, तो मैने इसे स्वीकार कर लिया और अब इस किरदार के साथ न्याय कर सकूं, इसके लिए अपनी तरफ से तैयारियां कर रहा हूं.

दूसरी बात बीस साल बाद मुझे एक बहुत  बड़ा मौका है, जब मैं अपने भाई रोनित राय के साथ भी परदे पर नजर आ सकूंगा. रोनित राय मेरे भाई होने के अलावा बौलीवुड के बहुत ही ज्यादा बेहतरीन और अतिसम्मानित कलाकार हैं. उन्होंने कई बार निगेटिव किरदारों में ऐसी उर्जा डाली है कि मैं खुद उन्हे परदे पर देखकर अचंभित होता रहा हूं.’’

वैसे रोहित राय और फिल्म ‘‘काबिल’’ के निर्देशक संजय गुप्ता के बीच बहुत पुराना संबंध है. संजय गुप्ता ने अपनी फिल्म ‘‘दस कहानियां’’ की एक कहानी ‘राइस प्लेट’ को निर्देशित करने का अवसर रोहित राय को दिया था. इस पर रोहित राय कहते हैं- ‘जी हां! संजय गुप्ता के निर्देशन में फिल्म करने का अर्थ मेरी घर वापसी है. संजय गुप्ता के साथ काम करने का आनंद ही कुछ और होता है.’’ 

फरहा खान करेंगी जैकी चैन की फिल्म में नृत्य निर्देशन

चाइनीज फिल्मों के अलावा हालीवुड के स्टार कलाकार जैकी चैन अब भारतीय नृत्य निर्देशक फरहा खान से अपनी फिल्म के एक गाने का नृत्य निर्देशन करवाने जा रहे हैं. मजेदार बात यह है कि जैकी चैन ने स्वयं अपनी ‘‘इंडोचाइनीज प्रोडक्शंस’’ की नई फिल्म में नृत्य निर्देशन करने के लिए फरहा खान का चयन किया है. वास्तव में जैकी चैन ‘‘इंडो चाइनीज प्रोडक्शन’’ के तहत एक फिल्म का निर्माण कर रहे हैं, जिसमें उनके साथ भारतीय अभिनेता सोनू सूद भी अभिनय करने वाले हैं.

यह फिल्म भारत में राजस्थान के अलावा चीन के बीजिंग शहर में फिल्मायी जाएगी. जैकी चैन को भारतीय गीत संगीत में काफी रूचि है. इसी के चलते उन्होने पहली बार अपनी फिल्म में एक गाना रखने का निर्णय लिया है. जैकी चैन स्वयं इस गीत को हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में गाएंगे और इस गाने को आमरा दस्तूर, दिशा पटनी व 150 डांसरो पर राजस्थान के भव्य सेट के अलावा चीन के बीजिंग शहर में फरहा खान के नृत्य निर्देशन में फिल्माया जाएगा. 

आथिया शेट्टी को पहननी है बिकनी

अभिनय का कीड़ा जो न कराए वह कम है. जी हसं! मशहूर अभिनेता, बिजनेसमैन और फिल्म निर्माता सुनील शेट्टी की बेटी आथिया शेट्टी ने सलमान खान निर्मित फिल्म ‘‘हीरो’’ से सूरज पंचोली के साथ अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था. मगर अफसोस की बात यह रही कि फिल्म ‘हीरो’ की बाक्स आफिस पर बड़ी दुर्गति हुई. इस फिल्म के असफल होने के बाद से अब तक सूरज पंचोली व आथिया शेट्टी में से किसी को कोई फिल्म नहीं मिली. दोनों फिल्म पाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं.

इसीलिए आथिया शेट्टी व सूरज पंचोली दोनों ही किसी न किसी बहाने खुद का सुर्खियों में बनाए रखने में लगे रहते हैं. हाल ही में एक मुलाकात के दौरान जब आथिया शेट्टी से फैशन की बात चली, तो आथिया बेवजह ही फैशन की बात करते करते यह कह कहने से नहीं चूकी कि उन्हें फिल्मों में बिकनी पहनने से कोई परहेज नहीं है. जी हां! आथिया शेट्टी कहती हैं-‘‘यदि पटकथा की मांग हो, तो मुझे बिकनी पहनने से कोई परहेज नहीं होगा.’’ अब आथिया शेट्टी की बिकनी पहनने की बात सुनकर कितने निर्माता उन्हें अपनी फिल्मों का आफर देते हैं, यह तो समय ही बताएगा..

वरूण धवन को भी आधी करनी पड़ी अपनी फीस

बौलीवुड में कहा जाता है कि यहां पर हर शुक्रवार को किस्मत बदलती है. इसके बावजूद बौलीवुड से जुड़ा हर शख्स हमेशा हवा में उड़ते हुए दिन में भी सपने देखने से परहेज नहीं करता. खैर,माना कि बौलीवुड में हर शुक्रवार को किस्मत बदलती है. मगर महज एक फिल्म के असफल होते ही एक साथ कईयों को लेने के देने पड़ जाएं, ऐसा बहुत कम होता आया है. पर शाहरुख खान की फिल्म ‘‘दिलवाले’’ की असफलता ने कईयों की जड़े तक हिला दी. सूत्रों के अनुसार ‘‘दिलवाले’’ के असफल होते ही सबसे पहले फिल्म के निर्देशक रोहित शेट्टी व शाहरुख खान के बीच अनबन हुई.

शाहरुख खान को कई कड़वे कदम उठाने पड़े. सूत्रों के अनुसार रोहित शेट्टी ने अपनी टीम की पारिश्रमिक राशि को आधी घटाकर कम बजट की फिल्मों से जुड़ने का ऐलान किया. अब सूत्रों से मिली खबर के अनुसार फिल्म ‘‘दिलवाले’’ में शाहरुख खान के साथ अभिनय करने वाले अभिनेता और मशहूर फिल्मकार डेविड धवन के बेटे वरूण धवन को भी अपनी फीस आधी करनी पड़ी है. वरूण धवन के नजदीकी सूत्रों की माने तो ‘दिलवाले’ के बाद वरूण धवन की कोई नई फिल्म शुरू नहीं हो पायी. यहां तक कि वरूण धवन के भाई रोहित धवन निर्देशित  फिल्म ‘‘ढिशुम’’ भी घिसट ही रही है. मजेदार बात यह है कि वरूण धवन के करियर में ऐसा पहली बार हुआ है. सूत्रों की माने तो ‘‘बीआर फिल्मस’’ अब अपने बैनर की 1969 में रिलीज हुई फिल्म ‘‘इत्तफाक’’ का रीमेक बनाने जा रहा है, जिसका निर्देशन बीआर चोपड़ा के नाती और रवि चोपड़ा के बेटे अभय चोपड़ा करने वाले हैं. फिल्म ‘‘इत्तफाक’’ में मुख्य भूमिका राजेश खन्ना ने निभायी थी. अब उसी रीमेक फिल्म में राजेश खन्ना वाला किरदार वरूण धवन निभाने वाले हैं. मगर सूत्र दावा करते हैं कि इस रीमेक फिल्म को हथियाने के लिए वरूण धवन ने अपनी फीस 12 करोड़ रूपए से घटाकर सीधे छह करोड़ रूपए की है.

वरूण धवन द्वारा इस तरह अपनी फीस आधी किए जाने पर उनके आस पास के लोग इस खबर पर धूल डालने का काम भी करने लगे हैं. वरूण धवन के एक करीबी सूत्र का दावा है कि वरूण धवन के पिता डेविड धवन ने जब फिल्म इंडस्ट्री मे कदम रखा था, उस वक्त ‘बी आर फिल्मस’ का अपना जलवा था. उस वक्त बी आर चोपड़ा के साथ डेविड धवन के अच्छे संबंध थे. उन्ही संबंधों को ध्यान में रखते हुए ‘बी आर फिल्मस’ के पुनः फिल्म निर्माण में उतरने की बात पर गौर करते हुए फिल्म बजट के अंदर बनकर रिलीज हो सके, इस बात का ख्याल रखकर वरूण ने अपनी फीस घटायी है.

तो एक सूत्र का कहना है कि ‘इत्तफाक’ कोई आम कमर्शियल मसाला फिल्म नहीं है, बल्कि एक प्रयोगात्मक फिल्म है. ऐसी फिल्म के साथ जुड़ने और कुछ अलग तरह का काम करने की मंशा के साथ वरूण धवन ने फीस आधी की है. यानी कि जितने मुंह उतनी बातें सुनायी पड़ रही हैं. मगर कटु सत्य यह है कि वरूण धवन को भी अपनी फीस 12 करोड़ रूपए से घटाकर छह करोड़ रूपए करनी पड़ी है. मगर इस बारे में वरूण धवन ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है. वैसे अभय चोपड़ा के लिए फिल्म निर्देशन करना कोई अनहोनी बात नही है. वह वर्तमान समय के बहुचर्चित स्टार को लेकर एक फिल्म निर्देशित कर चुके हैं, जिसकी शूटिंग मुंबई से सटे थाणे के सेंट्रल जेल में भी की गयी थी. उस वक्त इस फिल्म को विदेश में कुछ पुरस्कार मिलने की भी खबरें आयी थी. पर यह फिल्म किन वजहों से नहीं रिलीज हुई थी. यह पता नही. मगर यह फिल्म इस स्टार के करियर की पहली फिल्म थी. यह करीबन दस साल पुरानी बात है.

विराट पर फिदा हुई पाक मॉडल, शेयर की हॉट तस्वीर

टीम इंडिया स्टार विराट कोहली की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. अब सीमा पार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी विराट की लोकप्रियता बढ़ गई है. इसमें सबसे ज्यादा सुर्खी पाकिस्तानी मॉडल कंदील बलोच बटोर रही हैं. कंदील ने तो विराट के सामने अपने प्यार का इजहार तक कर दिया है. इससे पहले कंदील बलोच पाक टीम कप्तान शाहीद अफरीदी से भी प्यार का इजहार कर चुकी है.

मालूम हो कि विराट कोहली अभी तक 'सिंगल' हैं और लंबे समय तक उनका नाम बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ जोड़ा गया. दोनों की कई तस्वीरें वायरल भी हुईं और यहां तक कि विराट ने भी अनुष्का के साथ संबंध होने की बात को कभी नकारा नहीं, बल्कि खुलेआम स्वीकारा था.

अनुष्का की फिल्म के प्रमोशन में भी विराट ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया लेकिन ये बड़े बजट की फिल्म सुपर फ्लॉप हो गई. अनुष्का की नाकामी का असर विराट कोहली पर भी पड़ा और दोनों में ब्रेकअप हो गया

अब विराट पर कई लड़कियों की नजरें फिरने लगीं हैं और इसमें पाकिस्तान की मॉडल कंदील बलोच भी शामिल हो गईं हैं. कंदील ने कोलकाता में 19 मार्च को भारत-पाकिस्तान के बीच टी20 विश्व कप के मैच पर ऐलान किया था कि यदि इस मैच में पाकिस्तान जीत जाती है तो वे न्यूड डांस करेंगी. हालांकि मैच उस मैच को भारत ने 6 विकेट से जीत लिया और कंदील को न्यूड डांस करने की नौबत नहीं आई.

ट्विटर पर इजहार

ऐसा लगता है कि कंदील को मीडिया में बने रहना पसंद है. यही वजह है कि इस पाकिस्तानी मॉडल ने ट्विटर पर इशारों-इशारों में विराट कोहली से प्यार का इजहार कर दिया है. कंदील ने ट्वीट में लिखा है, 'विराट बेबी अनुष्का शर्मा ही क्यों?' फीलिंग इन लव.' कंदील के इस ट्वीट को जबरदस्त तरीके से शेयर किया जा रहा है.

प्रशंसक भले ही कंदील को लेकर उतावले हो रहे हों, लेकिन विराट की सेहत पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. उन्हें तो मालूम भी नहीं होगा कि पाकिस्तान में कंदील बलोच नाम की कोई मॉडल भी है.

 टी20 विश्व कप में भारत को हराने पर न्यूड डांस करने की घोषणा करने वाली कंदील का जब अरमान पूरा नहीं हुआ तो उसने पाक कप्तान शाहिद अफरीदी को खूब गालियां दीं. कंदील ने भारत की जीत पर उसके लिए डांस किया था. कंदील ने अपना एक डांस करते हुए वीडियो अपलोड किया जिसे उसने भारतीय टीम को डेडीकेट किया है.

राकी हैंडसमः कोरियन फिल्म का घटिया भारतीयकरण

2010 की सफलतम कोरियन फिल्म ‘‘द मैन फ्राम नो व्हेअर’’ का घटिया संस्करण है निशिकांत कामत निर्देशित फिल्म ‘‘राकी हैंडसम’’. फिल्म देखने जाने से कुछ घंटे पहले फिल्म को लेकर निशिकांत कामत से फोन पर लंबी चौड़ी बात हुई थी. उनसे बात करने के बाद फिल्म को लेकर जो उम्मीदें बंधी थी, फिल्म ठीक उसके विपरीत निकली. निशिकांत कामत का यह कहना सही है कि ‘राकी हैंडसम’ में अनूठे एक्शन सीन हैं, मगर उनका यह दावा कोरी बकवास लगती है कि फिल्म में आंखे भर आने वाला इमोशन है. दूसरी बात महज अच्छे एक्शन सीन के लिए अधकचरी कहानी परोसना सही नहीं ठहराया जा सकता. इस फिल्म की सबसे बड़ी कमजोर कड़ी रितेष जोशी की पटकथा व फिल्म की एडीटिंग है. तभी तो फिल्म की कहानी हिचकोले लेते हुए आगे बढ़ती रहती है. यह एक दिमाग शून्य फिल्म है. फिल्म की कहानी कहीं से भी दर्शकों को बांधकर नहीं रख पाती.

फिल्म ‘‘राकी हैंडसम’’ की शुरूआत होती है एकांत व शांत रहने वाले कबीर (जान अब्राहम) द्वारा मछली व फूल खरीदने से. फूल सूंघते ही वह अतीत में खो जाता है और कहानी सेशेल्स पहुंच जाती है. जहां कबीर अपनी खूबसूरत पत्नी रूकशिदा (श्रुति हासन) के संग खुशहाल जिंदगी बिता रहा है. पर चंद मिनटों मे कहानी फिर से वर्तमान में गोवा के एक गांव पहुंच जाती है. आठ साल की छोटी बच्ची नाओमी (बेबी दिया चालवाड़), कबीर के पान शाप के सामने है. दोनों के बीच कुछ बातचीत होती है. पता चलता है कि नाओमी, कबीर की पड़ोसन है और वह अपनी मां ऐना (नाथालिया कौर) के साथ रहती है. नाओमी की मां को ड्रग्स की लत है. नाओमी उसे हैंडसम बुलाती है और बताती है कि उसके स्कूल के दोस्त कहते हैं कि कबीर, बहुत बड़ा अपराध करने के बाद छिपकर रह रहा है. मगर नाओमी को अपने दोस्तों की इस बात पर यकीन नहीं है.

एक दिन कबीर जब अपनी पान शाप पहुंचता है, तो पाता है कि उसकी दुकान का ताला तोड़ा गया है और केविन परेरा (निशिकांत कामत) और उसका भाई एक गाड़ी में नाओमी और उसकी मां को लेकर जा रहा है. कबीर कुछ दूर तक गाड़ी का पीछा करता है. यहां कहानी फिर से अतीत में यानी कि  एक माह पहले चली जाती है. गोवा पहुंचा नया पुलिस अफसर (शरद केलकर) गोवा को ड्रग्स व अपराध मुक्त करने का प्रण लेता है. पुलिस एक अपराधी को ड्रग्स के साथ पकड़ती, उससे पहले ही ऐना ड्रग्स को चुराकर गायब हो जाती है. अब ड्रग्स की तलाश में केविन का भाई ऐना के यहां पहुंचता है. और ऐना को सजा देता है. दूसरे दिन जब केविन व उसका भाई नाओमी व उसकी मां को ले जा रहे होते हैं, तो फिर कबीर के गाड़ी का पीछा करने से कहानी वर्तमान में लौट आती है. केविन, ऐना व नाओमी को छोड़ने के एवज में कबीर से कहता है कि वह एक बैग कहीं पहुंचा दे. कबीर ड्रग्स का बैग लेकर उस जगह पहुंचता है, तो पता चलता है कि पुलिस ने घेर लिया है. उसके बाद कहानी में कई मोड़ आते हैं.

पुलिस कबीर के पीछे पड़ी है और उसका अतीत तलाश रही है. इधर कबीर, नाओमी और एना की तलाश ममें बड़ी निर्दयता से एक के बाद एक सैकड़ो हत्याएं करता हैं. बीच में कबीर को अपनी पत्नी की हत्या व खुद की हत्या के प्रयास की तीन साल पुरानी घटना याद आती है. इसी दौरान अपराधियों का चेहरा सामने आता है कि वह कितने अपराध कर रहे हैं. अपराधी चुराए गए बच्चों से किस तरह ड्रग्स की तस्करी से लेकर एटीएम से पैसे तक निकलवाते हैं, उसका चित्रण है. अंततः कबीर को नाओमी सकुशल मिल जाती है. पर कबीर को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है.

एकांतप्रिय व अतिशक्तिशाली इंसान कबीर उर्फ हैंडसम उर्फ राकी (जान अब्राहम) महज पड़ोसी की बच्ची नाओमी (बेबी दिया चालवाड) की वजह से नशीले पदार्थों यानी कि ड्रग्स के सौदागरों व अपराधियों से मुठभेड़ करने पर आमादा हो जाए, यह बात भी गले नहीं उतरती. फिल्म में कबीर को तीन साल पहले अपनी पत्नी के साथ बिताए गए प्रेम सीन व हमबिस्तर सीनों के साथ अपनी आंखों के सामने पत्नी की मौत व खुद की हत्या के प्रयास के सीन याद आते हैं. पर इन सीनों या उसकी हत्या के प्रयास का मूल कहानी से कोई तारतम्य समझ में नही आता. आखिर कबीर किस बदले की भावना से प्रेरित होकर अपराधियों की हत्या करने पर आमादा होता है, यह समझ से परे है.

कबीर जब नाओमी व उसकी मां को छुड़ाने के लिए अपराधियों का पीछा करता है, तो उसका साबका इस सच्चाई से होता है कि ड्रग्स के धंधे के साथ साथ यह अपराधी मानव अंगो की तस्करी, वेश्यावृत्ति, छोटे बच्चों का अपहरण कर उनसे भीख मंगवाने व ड्रग्स की तस्करी का उन्हे हिस्सा बनाने यानी कि बच्चों से अपराध कर्म करवाने के अपराध में लिप्त हैं. मगर इस तरह के अपराधों के चित्रण में कहीं कोई संजीदगी नहीं दिखायी गयी. और न ही इस तरह के अपराधों का कोई तर्कपूर्ण उपचार ही बताया गया. ‘‘राकी हैंडसम’’ में नयापन यह है कि अपराधी खूंखार नजर आने की बजाय मसखरी करते हुए नजर आते हैं.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो जान अब्राहम के बाद पुलिस अफसर के किरदार में शरद केलकर ही कुछ ठीक ठाक जमे हैं. आठ साल की बच्ची नाओमी के  किरदार में बेबी दिया चालवाड़ अपनी छाप छोड़ती हैं. विलेन केविन के किरदार में निशिकांत जमे नहीं. वह निर्देशन के साथ अभिनय करने की बजाय सिर्फ निर्देशन में ही ध्यान लगाते, तो शायद फिल्म ज्यादा बेहतर बन जाती. श्रुति हासन ने क्या सोचकर इस फिल्म में अभिनय किया, यह तो वही बेहतर बता सकती है. श्रुति हासन के हिस्से चंद मिनटों के लिए खूबसूरत लगने के अलावा जान अब्राहम के साथ हमबिस्तर होने के दृश्य ही आए हैं. फिल्म का संगीत भी कुछ खास नही है.

हिंदी फिल्मों की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि फिल्म के हीरो को सुंदर व अच्छा इंसान ही साबित किया जाता है. शायद इसी वजह से फिल्म के अंदर एक सीन रखा गया है. जहां एक पुलिस अफसर, कबीर के अतीत को तलाशते हुए अमेरिका में व्हाइट हाउस को ईमेल भेजकर कबीर से संबंधित फाइल खुलवाने में मदद मांगता है. फिर यह पुलिस अफसर दूसरे पुलिस अफसरों को बताता है कि कबीर की असलियत सामने आ गयी है. कबीर सीआईए एजेंट है. निर्दयी, अतिशक्तिशाली और सच्चा देशभक्त है. पर उन्हे समझ में नहीं आता कि तीन साल पहले जब कबीर को गोली मारी गयी थी, तो उसका ईलाज सैनिक अस्पताल में क्यों किया गया था? पर फिल्म की कहानी की पृष्ठभूमि में हमें यह सीन अधकचरे दिमाग की उपज लगती है.

बहरहाल, यदि आप जान अब्राहम के प्रशंसक हैं अथवा कुछ बेहतरीन एक्शन सीन देखने की इच्छा है, तो ‘‘राकी हैंडसम’’ देख सकते हैं, अन्यथा….

जान अब्राहम और सुनील क्षेत्रपाल निर्मित फिल्म ‘‘राकी हैंडसम’’ के लेखक रितेश जोषी, निर्देशक निशिकांत कामत, संगीतकार सनी बावरा और इंदर बावरा, कैमरामैन शंकर रमन तथा कलाकार हैं- जान अब्राहम, श्रुति हासन, शरद केलकर, बेबी दिया चालवाड़,  नथालिया कौर, नोरा फतेही आदि.

हॉलैंड के महान फुटबॉलर क्रूफ का निधन

हॉलैंड के महान फुटबॉलर जोहान क्रूफ का गुरुवार को निधन हो गया. वह 68 साल के थे. कैंसर से पीडि़त क्रूफ ने बार्सिलोना स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली. तीन बार फाफा द्वारा साल के बेहतरीन फुटबॉलर चुने गए क्रूफ ने अपने शानदार खेल की बदौलत 1974 में हॉलैंड के फीफा विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया था.

क्रूफ की वेबसाइट पर उनके निधन की जानकारी मिली. वेबसाइट पर लिखा है-जोहान क्रूफ ने शांति से बार्सिलोना में अंतिम सांस ली. एक महीने पहले ही क्रूफ ने कहा था कि वह कैंसर से लड़ाई जीतने को लेकर आश्वस्त हैं. खिलाड़ी के तौर पर अपने बेहतरीन करियर की समाप्ति के बाद क्रूफ आठ साल तक स्पेन के अग्रणी क्लब बार्सिलोना के प्रबंधक रहे.

धूम्रपान के आदी क्रूफ ने 1991 में दिल की सर्जरी कराई और बीते साल अक्टूबर में खुद के फेफड़े के कैंसर से पीडि़त होने की खबर को सार्वजनिक किया. क्रूफ की गिनती फुटबाल के महानतम खिलाडिय़ों में होती है. क्रूफ ने एजाक्स के साथ तीन यूरोपीयन चैम्पियनशिप जीती थी.

पेशेवर करियर में सफलता के अलावा क्रूफ की सबसे बड़ी उपलब्धि अपनी टीम को फीफा विश्व कप फाइनल में पहुंचाना था, जहां उसे पश्चिम जर्मनी के हाथों 1-2 से हार मिली थी. उस मैच में क्रूफ ने काफी अटैकिंग फुटबाल खेला था और उनकी इस शैली को टोटल फुटबाल नाम दिया गया था. क्रूफ को टोटल फुटबाल का जनक माना जाता है. एक खिलाड़ी के तौर पर क्रूफ ने 520 मैचों में कुल 392 गोल किए. एक कोच के तौर पर भी वह काफी सफल रहे. उनकी देखरेख में टीमों ने 387 मैचों में से 242 मैच जीते और 70 मैच हारे. 75 मैच बराबरी पर छूटे. 

शहजाद ने कहा, पाकिस्तान टीम में कोई गुटबाजी नहीं

पाकिस्तान के अनुभवी सलामी बल्लेबाज अहमद शहजाद ने टीम में गुटबाजी की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टी20 मैच में कप्तान शाहिद अफरीदी को निराश करने के लिए उन्होंने जानबूझकर क्षमता से कमतर प्रदर्शन नहीं किया.

पाकिस्तान की हार के बाद से ही सोशल मीडिया नेटवर्क और पूर्व खिलाड़ियों के अलावा सरकारी मंत्रियों ने आरोप लगाए कि लक्ष्य का पीछा करते हुए शहजाद के अलावा उमर अकमल और शोएब मलिक ने भी जानबूझकर धीमी बल्लेबाजी की.

इन खिलाड़ियों की फोटो कुछ सोशल नेटवर्किंग साइट पर डाली गई और अफरीदी के खिलाफ गुटबाजी और षड्यंत्र के लिए इन्हें जिम्मेदार ठहराया गया. शहजाद ने हालांकि ‘जंग’ समाचार पत्र से कहा कि टीम में कोई गुटबाजी नहीं है और वे सभी टीम की तरह खेले.

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम हारे तो इसके लिए हम सभी जिम्मेदार हैं और अगर हम जीतते जो इसका श्रेय सामूहिक रूप से हमें जाता.’’ शहजाद ने कहा कि उन्होंने रन बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन भाग्य में कुछ और लिखा था.

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