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आखिर क्यों हुए ‘भाईजान’ भावुक…

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान भले ही अपनी आने वाली फिल्म 'सुल्तान' में एक मजबूत इरादों वाले रेसलर की भूमिका निभा रहे हों लेकिन असल जिंदगी में सलमान बहुत भावुक हैं.

हाल ही में सुल्तान के सेट पर कुछ ऐसा हुआ जिससे सलमान भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. दरअसल फिल्म का एक चार्टबस्टर सॉन्ग 'जग घूमिया' जिसे सलमान ने खुद अपनी आवाज में रिकॉर्ड किया है. इस गाने के लिरिक्स से सलमान खुद को बहुत जुड़ा हुआ महसूस करने लगे जिसके बाद वह अपने आंसू रोक नहीं पाए. यह गाना एक ऐसे इंसान की जिंदगी पर फिल्माया गया है जो पूरी दुनिया घूमता है और अंत में शांति उसे खुद अपने अंदर ही मिलती है.

दरअसल यह गाना न सिर्फ फिल्म का एक हिस्सा है बल्कि फिल्माया भी सलमान पर ही गया है. सॉन्ग की रिकॉर्डिंग पूरी हो चुकी है. इससे पहले सलमान का गाया सॉन्ग 'मैं हूं हीरो तेरा' एक बड़ा हिट साबित हुआ. यह सॉन्ग सलमान की होम प्रोडक्शन फिल्म 'हीरो' से था जिसमें सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी ने अपना डेब्यू किया था. उस फिल्म में भले ही सलमान नहीं थे, लेकिन उनका गाया यह प्रमोशनल ट्रैक सुपरहिट रहा था.

इसके अलावा सलमान 'वॉन्टेड', 'दबंग' और 'किक' जैसी फिल्मों के सॉन्ग्स में भी अपनी आवाज दे चुके हैं. अब फिल्म 'सुल्तान' के लिए गाया सॉन्ग 'जग घूमिया' ऑडियंस को कितना दीवाना बनाता है, यह तो फिल्म के म्यूजिक लॉन्च के बाद ही पता चलेगा. फिलहाल सलमान अपनी को-स्टार अनुष्का शर्मा के साथ दिल्ली में सुल्तान की शूटिंग में व्यस्त हैं. यह फिल्म इस साल ईद पर रिलीज होगी.

‘फार्म एन फूड’ किसान सम्मान बढ़ी जानकारी मिला इनाम

भारत की सब से ज्यादा पसंद की जाने वाली दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन समूह की कृषि पत्रिका ‘फार्म एन फूड’ द्वारा जान डियर ट्रैक्टर के साथ मिल कर बस्ती में स्थित ‘कृषि विज्ञान केंद्र’ पर ‘फार्म एन फूड किसान अवार्ड समारोह’ का आयोजन किया गया. इस समारोह में बस्ती, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर के 400 से ज्यादा किसानों ने हिस्सा लिया. इस सम्मान समारोह में 55 प्रगतिशील किसानों को ‘नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज फैजाबाद’ के कुलपति प्रो. अख्तर हसीब के हाथों सम्मानित किया गया.

इस मौके पर मुख्य मेहमान अख्तर हसीब ने कहा कि अब तक बहुत सारे कृषि मेले सरकारी लेवल पर आयोजित होते रहे हैं. यह पहला मेला है, जिसे गैर सरकारी लेवल पर लगाया गया है. आयोजन से खुश हो कर प्रोफेसर हसीब अख्तर ने सुझाव दिया कि ‘फार्म एन फूड’ का यह आयोजन ‘आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज, फैजाबाद’ में भी किया जाए. अख्तर हसीब ने सरकार द्वारा चलाई जा रही किसानों की योजनाओं में होने वाले भ्रष्टाचार पर चिंता जताते हुए कहा कि देश के अन्नदाता किसानों के लिए बनने वाली योजनाओं में गोलमाल खेती के लिए खतरा बन चुका है. उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद के तहत आने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों के जरीए किसानों को फील्ड लेवल पर बड़े पैमाने पर कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी जा रही है, जिसे और मजबूत बनाने की कोशिश की जा रही है.

संयुक्त निदेशक उद्यान, बस्ती मंडल आरके सिंह तोमर ने मेले में किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी, जिन में सब्जी की खेती, मसाले की खेती, केले की खेती, औषधीय खेती, पौलीहाउस, ग्रीनहाउस, पौधों की नर्सरी सहित तमाम योजनाएं शामिल थीं. जान डियर ट्रैक्टर के क्षेत्रीय प्रबंधक अवनींद सिंह ने जान डियर ट्रैक्टर की खूबियों की जानकारी दी. उन्होंने जान डियर ट्रैक्टर के विभिन्न माडलों की भी जानकारी दी. एसपी आटोमोबाइल्स के मालिक अखिलेश दुबे ने किसानों से कहा कि जान डियर ट्रैक्टर दुनिया के कई देशों में किसानों को बेहतर सेवाएं दे रहा है.

‘कृषि विज्ञान केंद्र’ के प्रभारी डा. एसएन सिंह ने ‘कृषि विज्ञान केंद्र’ के माध्यम से किसानों को मुहैया कराई जा रही सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा जिले के किसानों के खेतों तक कृषि वैज्ञानिकों की सेवाएं मुहैया कराई जा रही हैं, ताकि किसानों को तकनीकी जानकारी मिल सके. उन्होंने ‘फार्म एन फूड’ पत्रिका को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस में छपे लेखों से देश के तमाम किसान लाभ ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि ‘फार्म एन फूड’ पत्रिका ने किसानों व कृषि वैज्ञानिकों को एक मंच मुहैया कराया है, जहां से किसान वैज्ञानिक जानकारी हासिल कर सकते हैं. केंद्र के वरिष्ठ पशु वैज्ञानिक डा. एसएन लाल ने किसानों को पशुपालन के बारे में जानकारी दी और विषय विशेषज्ञ राघवेंद्र विक्रम सिंह ने किसानों के सवालों के जवाब दिए.

किसानों के उत्पादों की प्रदर्शनी से दिखी किसानों की तरक्की

‘कृषि विज्ञान केंद्र’ के जरीए तरक्की कर रहे किसानों की खोजों और उत्पादों की प्रदर्शनी ने लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा. इस प्रदर्शनी में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुने गए किसान आज्ञाराम वर्मा द्वारा खोजी गई गन्ने की नई प्रजाति कप्तान बस्ती, मोबाइल सोलर पंप व न्यूनतम लागत से तैयार एकसाथ गेहूं व भूसा काटने वाली कंबाइन को पेश किया गया. युवा किसान जय सिंह की बतख व उस के अंडे और राममूर्ति मिश्र द्वारा तैयार राजमा, धान व अन्य फसलों के बीजों ने भी लोगों का ध्यान खींचा.

किसान ध्रुवनारायण चौधरी द्वारा तैयार किए गए डेरी उत्पादों व जैविक खाद ने भी लोगों का ध्यान खींचा. इस के अलावा किसान अरविंद सिंह द्वारा पेश की गई सब्जियों के बीज उत्पादन की विधि, मोहम्मद आमिर व राधेश्याम यादव की मछली प्रदर्शनी भी काफी पसंद की गई. राजेश कुमार मौर्या की मशरूम प्रदर्शनी, हसन रजा की बकरी प्रदर्शनी, दिनेश कुमार सिंह की पपीता प्रदर्शनी, रामचंद्र मौर्या की सब्जी प्रदर्शनी, राम जनक मौर्या की सब्जी प्रदर्शनी, हरिश्चंद्र सिंह द्वारा तैयार की गई वर्मी कंपोस्ट, महिला किसान आकांक्षा पांडेय के डेरी उत्पाद, सरोज शुक्ला द्वारा तैयार किए जा रहे अचारमुरब्बे के स्टाल भी आकर्षण के केंद्र रहे. इस अवसर पर मेले में आए अन्य किसानों ने इन किसानों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों को अपनाने की बात कही.

किसानों ने अपनी सफलता की कहानियों से कराया रूबरू

इस आयोजन में आसपास के जिलों से आए कई किसानों ने अपनी सफलता की कहानियां लोगों के सामने रखीं. डेरी व्यवसाय से जुड़ी आकांक्षा पांडेय ने कहा कि वे एक पढ़ीलिखी महिला हैं और उन्होंने बिना किसी मदद के खुद ही डेरी की शुरुआत की थी. आज उन की डेरी में तमाम प्रोडक्ट बनते हैं, जिन में खोया, पनीर व दही वगैरह शामिल हैं. उम्दा किसम के होने की वजह से उन के उत्पादों की दूसरे जिलों में भी खूब मांग है. संतकबीर नगर जिले के सांडेकला गांव की महिला किसान रामरती ने बताया कि वे जैविक खेती कर के लागत मूल्य में कमी लाने में कामयाब हुई हैं. उन की फसल जैविक होने के कारण महंगे दामों पर बिकती है, जिस से उन को पहले के मुकाबले ज्यादा फायदा मिल रहा है. बस्ती जिले के भेलवल गांव के रहने वाले किसान अरविंद सिंह ने कहा कि किसान अपनी फसल से बीज तैयार कर के अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं.

महिला किसानों का हुआ विशेष सम्मान

‘फार्म एन फूड’ व जान डियर ट्रैक्टर द्वारा आयोजित ‘फार्म एन फूड किसान अवार्ड समारोह’ में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला किसानों को खासतौर पर सम्मानित किया गया. डेरी कारोबार से जुड़ी किसान आकांक्षा पांडेय व संजू चौधरी, फल संरक्षण के लिए सरोज शुक्ला, जैविक खेती के लिए उमा देवी किरन, ज्ञानमती, राजमती, संतकबीर नगर जिले की सब्जी उत्पादक रामरती व समुन, गोरखपुर की आरती देवी, प्रेमशिला, राजमती व आशा देवी, सिद्धार्थनगर जिले की गुजराती व इसरावती को कुलपति प्रो. अख्तर हसीब ने सम्मानित किया.

खेती में खास काम करने वाले किसान व पत्रकार भी हुए सम्मानित

कुलपति ने कृषि क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले 55 किसानों व पत्रकारों वगैरह को भी सम्मानित किया. इन में किसान आज्ञाराम वर्मा, गोमती प्रसाद कन्नौजिया, अरबिंद पाल, अरबिंद कुमार सिंह, केसी मिश्र भानवाती, इलाइची देवी, इसरावती देवी, गुजराती, गौरा पार्वती, आत्माराम पाठक, राकेश सिंह, अशोक सिंह, महेश सिंह, शीतला दुबे, भगवानदीन, विजयनाथ पांडेय, राजेंद्र पाल, मनोज, अतींद्र सिंह, कृष्णा चौधरी, रक्षा राम चौधरी, राम परिखन, आशा देवी, राजमती, ज्ञानमती, किरन, उमा देवी, गिरीश चंद्र शुक्ल, रामरती, श्रीधर पांडेय, फिरोज अहमद, रामचंद्र यादव, श्रीमती सरोज शुक्ला, श्रीमती संजू चौधरी, श्रीमती आकांक्षा पांडेय, राधेश्याम यादव, शिव मूरत सिंह, हसन रजा, राम भवन यादव, राम चंद्र सिंह, राम तौल, सतीश चंद्र शर्मा, राजेश कुमार मौर्या, बीर सिंह, रूप नारायण चौधरी, मो. आमीर अली, राममूर्ति मिश्र, लाल पुष्पेंद्र बहादुर पाल, दिनेश कुमार सिंह, विजय कुमार सिंह, राम चंद्र मौर्या, परमानंद सिंह, राम मनोहर चौधरी, योगेंद्र सिंह, राम जनक मौर्या, राममणी तिवारी, जय सिंह, सत्य प्रकाश सिंह, हरिश्चंद्र सिंह, मो. इल्माल खान व सैनुल्लाह खान के साथ ही ‘संयुक्त निदेशक उद्यान’ आरके तोमर, कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डा. एसएन सिंह, कृषि वैज्ञानिक डा. राघवेंद्र सिंह, डा. दिनेश कुमार यादव, डा. प्रेमशंकर, श्रीमती बीना सचान, इंजीनियर वरुण कुमार, डा. एसएन लाल, डा. राकेश शर्मा व जान डियर के एरिया मैनेजर अवनेंद्र सिंह भी शामिल थे.

इस मौके पर समाजसेवा के क्षेत्र में डा. कुलदीप सिंह, संजय द्विवेदी, मंगेश दुबे, राधेश्याम चौधरी, पत्रकार विनोद उपाध्याय, सतीश श्रीवास्तव, जीतेंद्र द्विवेदी, अमित सिंह, कमलेश सिंह, रजनीश त्रिपाठी, मेहताब आलम, सिम्मी भाटिया, हिफजुर्रहमान, सुप्रिया सिंह, विवेक श्रीवास्तव, शिक्षक सर्वेष्ट मिश्र, गुलाम नबी अहमद के साथ ही अनेक लोगों को सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम को कराने में दिल्ली प्रेस के उत्तर प्रदेश सरकुलेशन प्रबंधक ऋषि श्रीवास्तव, बृहस्पति पांडेय, पंकज त्रिपाठी व सचिंद्र शुक्ल का खास योगदान रहा.

छेने और चीनी का स्वाद सफेद रसगुल्ला

सफेद रसगुल्ला बंगाली मिठाई है. यह छेने और चीनी से तैयार होती है. अच्छे रसगुल्ले की पहचान यह होती है कि वे एकदम मुलायम होते हैं. रसगुल्ले सफेद और हलका पीलापन लिए बनाए जाते हैं. इन का साइज भी अलगअलग हो सकता है. छोटेछोटे साइज वाले रसगुल्ले ज्यादा पसंद किए जाते हैं. अब डब्बाबंद रसगुल्ले ज्यादा बिकते हैं, जिन को महीनों महफूज रखा जा सकता है. मिठाई के बाजार को देखें तो रसगुल्ले सब से खास जगह रखते हैं. रसगुल्ला भले ही बंगाली मिठाई हो, पर इसे पूरे देश के लोग स्वाद ले कर खाते हैं. यही वजह है कि लगभग हर शहर में बंगाली मिठाइयों की दुकानें मिल जाती हैं.

रसगुल्ला कारोबार में हुनर और रखरखाव का खास योगदान होता है. जो कारीगर इसे सही तरह से बनाते हैं, उन की दुकान पर रसगुल्ले खरीदने वालों की भीड़ लगी होती है. हर शहर में ऐसी मिठाई की दुकानें होती हैं, जिन के रसगुल्ले सभी पसंद करते हैं. इन को खरीदने के लिए दूरदूर से चल कर लोग आते हैं. यही वजह है कि रसगुल्ले की कीमत में भी अंतर होता है. 160 रुपए प्रति किलोग्राम से ले कर 350 रुपए प्रति किलोग्राम तक की कीमत में रसगुल्ले बिकते हैं. खानपान की चीजों में लोग इस बात का पूरा खयाल रखते हैं कि उन को सफाई से बनाया जाए और उन्हें सही तरह से रखा जाए. जिस दुकान में गंदगी होती है, वहां लोग कम जाते हैं. रसगुल्ला निकालने के लिए भी हाथ के बजाय चम्मच का इस्तेमाल करना चाहिए.

कैसे तैयार करें रसगुल्ला

रसगुल्ला बनाने के लिए 150 ग्राम छेना लें. इस के बाद किसी साफ बरतन में 2 कप पानी में छेना डाल कर करीब 10 मिनट तक उबालें. इस के बाद इसे ठंडा होने दें. फिर छेना बाहर निकाल लें. छेना दोनों हाथों में ले कर मसल लें. छेना  तब तक मसलें, जब तक वह पूरी तरह चिकना न हो जाए. छेना जितना चिकना होगा, रसगुल्ले उतने ही मुलायम बनेंगे. इस छेने से 10 गोलगोल रसगुल्ले तैयार करें. ध्यान रखें कि रसगुल्ले एक ही साइज के हों. साइज अलगअलग होगा तो ये देखने में अच्छे नहीं लगेंगे. रसगुल्ले भिगोने के लिए चाशनी तैयार करनी होगी. चाशनी तैयार करने के लिए कड़ाही में 2 कप चीनी डाल कर उस में 4 कप पानी डालें और मध्यम आंच पर उबालें. जब यह मिश्रण थोड़ा गाढ़ा हो जाए तो उसे उंगली में लगा कर देखें. उस में तार बनने लगें तो उसे आंच से उतार लें. उस में 2 छोटे चम्मच गुलाबजल और इलायची पाउडर खुशबू के लिए डालें. चाशनी में रसगुल्ले डालें और 20 मिनट तक उबालें. हर 5 मिनट उबालने के बाद उस में थोड़ाथोड़ा पानी डालते रहें. पानी नहीं डालेंगे तो चाशनी कम हो जाएगी और रसगुल्ले जल भी सकते हैं.

तैयार रसगुल्लों को कुछ देर ठंडा होने के लिए रख दें. हलके मुलायम रसगुल्ले चाशनी में ऊपर तक आ जाते हैं. जो रसगुल्ले ठीक नहीं होते वे नीचे बैठ जाते हैं.छेना बनाने वाले कारीगर निखिल गुप्ता कहते हैं, ‘छेने की मिठाई में रसगुल्ले सब से खास होते हैं. इन्हें बनाने में समय का सब से ज्यादा ध्यान रखना चाहिए. छेना अगर सही नहीं बनता तो रसगुल्ले भी सही नहीं बनते हैं. छेना बनाने के लिए दूध को फा ड़ना पड़ता है. अगर घर पर छेने के रसगुल्ले बनाने हों, तो छेना बाजार से खरीदा जा सकता है.’

डेरी किसान उठा सकते हैं लाभ

जो किसान डेरी का काम करते हैं, वे रसगुल्ला कारोबार का हिस्सा बन सकते हैं. वे अच्छे किस्म के दूध से छेना तैयार कर के उसे बाजार में रसगुल्ले का कारोबार करने वाले दुकानदारों को बेच सकते हैं. इस से उन का मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है. ऐसे में डेरी उद्योग ज्यादा किसानों के बीच फैल सकेगा. किसान यह न मानें कि मिठाई बनाना केवल हलवाई का काम है. आज शहरों में मिठाई का काम एक कारोबार की तरह हो गया है. वहां तमाम जातियों के लोग यह काम करते हैं. किसान भी गांवों और शहरों में मिठाई बना कर बेच सकते हैं. इस काम को शुरू करने में बहुत पूंजी की जरूरत नहीं पड़ती है. शादी के मौसम में यह कारोबार ज्यादा मुनाफा देने वाला साबित हो सकता है.

तंबाकू सेक्टर में एफडीआई पर पूरी तरह रोक!

तंबाकू सेक्टर में विदेशी निवेश पर पूरी तरह पाबंदी लग सकती है. इसके लिए उद्योग मंत्रालय ने कैबिनेट ड्राफ्ट नोट तैयार किया है और इसे संबंधित मंत्रालयों को सलाह के लिए भेजा गया है.

संभावना जताई जा रही है कि इस प्रस्ताव को अगले एक महीने में हरी झंडी मिल सकती है.

सरकार के इस फैसले पर आईटीसी और दूसरे सिगरेट उत्पादकों ने चिंता जताई है. हम आपको बता दें कि अभी सिगरेट की मार्केटिंग, ब्रांडिंग और फ्रैंचाइजी में विदेशी निवेश की छूट है, और सिर्फ सिगरेट की मैन्युफैक्चरिंग में विदेशी निवेश पर पाबंदी है.

हालांकि, अब ये माना जा रहा है कि सिगरेट के मार्केटिंग, ब्रांडिंग और फ्रैंचाइजी में विदेशी निवेश पर पाबंदी संभव है. बताया जा रहा है कि घरेलू सिगरेट कंपनियां किसी भी रास्ते से एफडीआई नहीं ला सकेंगी.

वासेपुर से सीधा हॉलीवुड का टिकट

बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण के बाद अब फिल्म इंडस्ट्री की एक और हसीना हॉलीवुड में एंट्री करने जा रही हैं. हम बात कर रहे हैं 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' फेम हुमा कुरैशी की.

खबरों की मानें तो यह खूबसूरत अदाकारा जल्द ही हॉलीवुड के मशहूर एक्टर टॉम क्रूज के साथ स्क्रीन शेयर करती नजर आ सकती है. यह फिल्म 'द ममी' का सीक्वेल होगा. इस बार फिल्म में पुराने स्टार कास्ट की जगह टॉम क्रूज और सोफिया को साइन किया गया है.

सूत्रों का कहना है कि हुमा ने हाल में इस फिल्म का ऑडिशन दिया है. बता दें कि बॉलीवुड की खुबसुरत अदाकारा हुमा कुरैशी जल्द ही साऊथ के मशहूर सुपरस्टार ममूटी के साथ मलयालम फिल्म 'व्हाइट' में नजर आएंगी.

दक्षिण अफ्रीका नहीं कर पायेगा इन टूर्नामेंटों की मेजबानी

दक्षिण अफ्रीका ने देश के बड़े खेल महासंघों क्रिकेट, एथलेटिक्स, रग्बी और नेटबॉल में अश्वेत खिलाड़ियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व न मिलने का हवाला देते हुए इन महासंघों द्वारा किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी करने पर कम से कम एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है.

सरकार के इस फैसले के बाद अब ये महासंघ कम से कम एक साल के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की न तो मेजबानी कर पाएंगे और न ही उसके लिए दावेदारी कर पाएंगे. सरकार देश के सबसे अधिक लोकप्रिय खेलों में ज्यादा से ज्यादा अश्वेत खिलाड़ियों की भागीदारी चाहती थी लेकिन रंगभेद समाप्त होने के दो दशक से ज्यादा समय के बाद भी श्वेत खिलाड़ियों का ही एथलेटिक्स, क्रिकेट, नेटबॉल और रग्बी टीमों में बोलबाला है.

खेल मंत्री फिकिले एमबालुला ने एक बयान में कहा, 'मुझे एथलेटिक्स दक्षिण अफ्रीका (एएसए), क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए), नेटबॉल दक्षिण अफ्रीका (एनएसए) और दक्षिण अफ्रीका रग्बी (एसएआर) को प्रतिबंधित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है और वे अब बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट की मेजबानी और दावेदारी नहीं कर पाएंगे.'

एमबालुला ने साथ ही कहा कि एथलेटिक्स और नेटबॉल महासंघों को वैश्विक टूर्नामेंट की दावेदारी करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. खेल मंत्री ने यह फैसला उस रिपोर्ट के बाद लिया है जिसमें कहा गया है कि पांच बड़े खेल महासंघों में से चार महासंघ अश्वेत खिलाड़ियों को पर्याप्त मौके देने में विफल रहे हैं. इस फैसले से रग्बी महासंघ की 2023 रग्बी वर्ल्ड कप की दावेदारी करने की इच्छा को गहरा झटका लगा है.

यह प्रक्रिया जून में शुरु होनी है और अगले साल तक चलनी है. ऐसे में एसए रग्बी उम्मीद नहीं कर सकता है कि उसके लिए वर्ल्ड कप की दावेदारी का मौका बन जाए. देश के एथलेटिक्स और क्रिकेट महासंघों का कहना है कि वे इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इस मामले पर कोई टिप्पणी कर पाएंगे. दक्षिण अफ्रीका को 2020 में अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन करना है.

खेल मंत्री ने कहा कि वह 2016-17 में सुधार लक्ष्यों के परिणाम देखने के बाद अपने इस फैसले की समीक्षा करेंगे.  एमबालुला ने साथ ही कहा कि केवल फुटबॉल महासंघ ही इन पांचों में एकमात्र महासंघ है जिसने सुधार के लक्ष्यों को पूरा किया है.

 

ऐसे रख सकते हैं आप अपने स्मार्टफोन का ध्यान

अब स्मार्टफोन तो सभी प्रयोग करते होंगे. कुछ समय तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने के बाद कुछ न कुछ परेशानियां आने लगती हैं. हालांकि यह जरूरी नहीं होता की यह परेशानियां फोन के सॉफ्टवेयर की वजह से आए बल्कि इसका कारण हमारी लापरवाही होती है. जैसे कभी हमारा फोन पानी में चला जाता है तो कभी गिरने या किसी और कारण से इसकी स्क्रीन टूट जाती है या स्क्रैच आ जाता है. अब इन परेशानियों के लिए आपको पैसे खर्चने की जरुरत नहीं. आइए जानते हैं कि कैसे इसका घर पर ही समाधान किया जा सकता है-

-अगर आपका फोन गिर गया है या किसी कारणवश उसपर स्क्रैच आ गए हैं, तो कॉटन पर थोड़ा सा टूथपेस्ट लेकर हल्के हाथ से स्क्रीन पर लगाएं. स्क्रैच धीरे धीरे कम हो जाएंगे और डिसप्ले साफ नजर आएगा.

-यदि आपका फोन मैटेलिक फ्रेम और बैक कवर वाला है और उसपर स्क्रैच पड़ गए हैं तो सैंडपेपर से उन स्क्रैचेज को कम किया जा सकता है. सैंडपेपर को हल्के हाथ से स्क्रैचेज पर घिसने से स्क्रैच कम हो जाएंगे.

-अगर आपका फोन पानी में गिर गया है तो उसकी बैटरी तुरंत निकाल दें और बैटरी को सूखे चावल के कटोरे में 24 से 48 घंटे तक रख कर छोड़ दें. इससे फोन के इंटरनल पार्ट्स सूख जाएंगे.

-फोन को सूखाने का एक तरीका और भी है. फोन पर सिलिका जेल पैक लगा दीजिए. सिलिका जेल पैक से DSLR को ड्राई रखा जाता है.

-पावर बैंक की इफिशिएंसी कम होने लगी है, तो इसका भी समाधान है. इसके लिए पावर बैंक को महीने में कम से कम एक बार पूरी तरह से चार्ज जरुर करें और उसे पूरी तरह से डिसचार्ज भी होने दें. इससे पावर बैंक इफिशिएंसी बढ़ जाएगी.

-हैडफोन जैक और यूएसबी पोर्ट को साफ करने के लिए टूथपिक के सिरे में रुई लगाकर साफ कीजिए. इससे वहां जमी डस्ट साफ हो जाएगी.

-सिग्नल कम आते हैं. सिग्नल न मिलने से परेशान हैं. ये है समाधान. वाईफाई राउटर के पास सोडा कैन या एलुमिनियम फॉइल लगा दीजिए. सिग्नल थोड़े बेहतर हो जाएंगे.

…और ऐसे आ सकते हैं आप कोहली के करीब

टीम इंडिया के स्टार क्रिकेटर विराट कोहली के प्रशंसकों के पास उनसे जुड़ने के लिये एक शानदार मौका है. कोहली ने अपने प्रशंसकों के लिये एक फैनबॉक्स लॉन्च किया है, जिसके जरिये प्रशंसक विराट से ऑनलाइन और उनकी रीयल लाइफ के बेहतरीन अनुभव से जुड़ सकते हैं. प्रिविप्लेक्स के साथ विराट की पार्टनरशिप में तैयार किये गये इस फैनबॉक्स की कीमत 16,999 रुपये रखी गई है.

यह फैनबॉक्स मई के पहले हफ्ते से उपलब्ध हो जाएगा. इसमें मोटो जी टर्बो का नया वैरियंट होगा, यह विराट के सम्मान में तैयार किया गया है. मोटो जी टर्बो में 'विराट एम्ब्लेम' होगा. विराट फैनबॉक्स के अंतर्गत आने वाले इस प्री-इंस्टाल्ड एप्लीकेशन के जरिये कोहली अपने प्रशंसकों के साथ जुड़ेंगे.

इस बॉक्स में प्रशंसकों को विराट के हस्ताक्षर वाला एक मिनिएचर बैट मिलेगा. साथ ही एप्लीकेशन के जरिये उन्हें विराट के सोशल मीडिया पोस्ट, स्टेटस आदि की जानकारी तुरंत मिलेगी.

फैनबॉक्स की लॉन्चिंग करते हुए विराट ने कहा- 'एक क्रिकेटर के तौर पर मैं अपने प्रशंसकों के प्यार और समर्थन का बेहद शुक्रगुजार हूं. विराट फैनबॉक्स प्रशंसकों को एक खास अनुभव देने का मेरा व्यक्तिगत प्रयास है. मैं उनसे बात करने के लिए, उन्हें करीब से जानने के लिए और उनसे ऑनलाइन या फिर वास्तविक जीवन में मिलने के लिए उत्साहित हूं.'

PCB लगा सकती है यूनिस खान पर प्रतिबंध

पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने वाले यूनिस खान, हमेशा गलत कारणों से चर्चा में बने रहते हैं. पाकिस्तान में चल रहे पाकिस्तान कप के बीच में से ही यूनिस खान वापस घर लौट गए हैं. खैबर पख्तुन्खवा की कप्तानी कर रहे यूनिस टूर्नामेंट में अंपायरिंग के स्तर से खुश नहीं थे और उन्होंने इसकी शिकायत भी की. इस वजह से उन्हें मैच रेफरी अज़ीज़ उर रहमान ने जवाब तलब कर दिया.

लेकिन यूनिस खान हाज़िर नही हुए और उनपर रेफरी ने जुर्माना लगा दिया और इस वजह से वो और गुस्सा हो गए. एक सूत्र ने बताया कि उम्र के इस पड़ाव पर यूनिस को इस तरह का व्यवहार रास नही आया. दूसरी टीम, फ़ेडरल एरियाज इस्लामाबाद की कप्तानी मिस्बाह उल हक़ कर रहे थे और उन्ही के खिलाफ अपील के ठुकराए जाने पर यूनिस खुश नही थे. उन्होंने अंपायर से बहस भी की और उन्हें अपना अंपायरिंग स्तर बढाने को कहा. इसके बाद ही मैच रेफरी ने यूनिस से अंपायरों के साथ सही बर्ताव करने को कहा था.

सूत्रों के मुताबिक पीसीबी अध्यक्ष शहरयार खान, यूनिस के इस बर्ताव से खुश नही हैं. उन्होंने मैच रेफरी से इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट भी मांगी है. ऐसा कहा जा रहा है कि मैच अधिकारियों के साथ बदतमीजी बर्दाश्त नही की जाएगी और अगर सख्त एक्शन लिया गया तो शायद यूनिस खान पर पीसीबी के द्वारा प्रतिबन्ध भी लगाया जा सकता है.

आ गया है इन इकोफ्रेंडली गैजेट्स का जमाना

हम प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस के रूप में मनाते हैं. इस दिन को हम प्रकृति और पृथ्वी को सुरक्षित रखने के लिए समर्पित करते हैं परंतु पूरे साल में केवल एक दिन ही ऐसा करना उचित नहीं कहा जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि हम अपने प्रतिदिन के व्यवहार में कुछ बदलाव करें ताकि हम अपने पर्यावरण को बेहतर बनाने में योगदान दे सकें. अपने जीवन के अभिन्न अंग बन चुके अधिक से अधिक गैजेट को पवन एवं सौर ऊर्जा द्वारा चालित करें जोकि पर्यावरण अनुकूल हों. हालांकि इनमें भी हमारे पास विकल्प मौजूद हैं कि हम सौर या पवन ऊर्जा चालित गैजेट उपयोग करें या गतिज ऊर्जा द्वारा चालित गैजेट.

आज हम ऐसे ही 8 गैजेट्स लेकर आए हैं जो कि पर्यावरण अनुकूल हैं और आपके प्रतिदिन के उपयोग में लाए जा सकते हैं. यह गैजेट न केवल यूजर्स फ्रैंडली हैं बल्कि किसी न किसी रूप में पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी अपना योगदान देते हैं.

गुडबाय बैटरी, हैलो एच2

आपको अब पानी से चलने वाली इस अलार्म घड़ी के लिए अपनी पुरानी बैटरी से चलने वाली अलार्म घड़ी को छोड़ना पड़ेगा. यह घड़ी, आपकी पुरानी बैटरी से चलने वाली घड़ी की जगह पर, पानी और नमक से बिजली बनाती है जो कि घड़ी को पावर देती है.

वैंक बैंड

यह यूजर्स को पारंपरिक तरीके से मोबाइल चार्ज करने के स्थान पर गतिज ऊर्जा से फोन चार्ज करने की सुविधा प्रदान करता है. इसको जब यूजर्स अपनी कलाई पर बांधकर हाथ को गति से ऊपर नीचे करते हैं तो वह चार्ज हो जाता है. इसका उपयोग आप टेनिस खेलते समय और टेबल की सफाई के समय भी कर सकते हैं.

रॉकिंग लैंप

राकिंग कुर्सी अपने साथ जुड़े राकिंग लैंप के लिए ऊर्जा पैदा करने की क्षमता रखती है. चूंकि जब कुर्सी आगे और पीछे की ओर होती है तो जो गतिज ऊर्जा निकलती है उसका उपयोग वह राकिंग लैंप के लिए करती है. अब यह तकनीक काफी आसान और रोचक है.

स्वयं ऊर्जादायी माउस

पर्यावरण के हित में इस पृथ्वी दिवस पर डेस्क से अपने पुराने माउस को लीफ माउस से बदल दें. अगर आप सोच रहे हैं कि इस उपकरण में असाधारण जैसा क्या है तो हम आपको बता दें कि लीफ के आकार का माउस है जो कि आप द्वारा माउस चलाने से पैदा होने वाली गतिज ऊर्जा का उपयोग करता है.

झूलते हुए इस डिवाइस से अपने आईफोन को चार्ज करें

यह हैंडिग्रप आईफोन चार्जर भी एक और अच्छा गैजेट है जो कि गतिज ऊर्जा को ऊर्जा में तब्दील करता है. जब भी आप हाथ को झुलाते हुए काम करते हैं तो यह चार्जर ऊर्जा पैदा कर आपके आईफोन को चार्ज करता है.

धनुष जैसी टोपी

अगर आप धूप में बाहर निकलते हैं तो यह टोपी आपको ठंडक देगी. पर्यावरण अनुकूल गर्मियों के लिए विशेष रूप से तैयार यह टोपी पंखे के साथ आती है. सौर ऊर्जा संचालित यह टोपी पंखे को सौर ऊर्जा प्रदान करती है.

विंडो चार्जर

आप इस विंडो चार्जर से अपने स्मार्टफोन के चार्जर को बदल सकते हैं जो कि आपके फोन की बैटरी को सौर ऊर्जा से चार्ज करता है. यह आज की जरूरत है कि हम सभी दूसरे चार्जर से सौर ऊर्जा चालित विंडो चार्जर को बदल डाले. यह चार्जर न केवल पर्यावरण फ्रैंडली है बल्कि यूजर्स फ्रैंडली भी है.

सनफ्लावर से दे अपने गैजेट को ऊर्जा

सनफ्लावर चार्जर, सौर पैनल के साथ आने वाला, एक अन्य दिलचस्प गैजेट है जो कि सूर्य की रोशनी से ऊर्जा पैदा करता है. यह उपकरण सूर्य के प्रकाश में रखा जाता है जो कि सौर ऊर्जा को ग्रहण करता है जिसका उपयोग यूजर्स संगीत सुनने तथा अन्य उपकरणों में कर सकते हैं.

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