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खान कलाकार इस बार भारत में करेंगे नए साल का स्वागत

आमीर खान, शाहरुख खान, सलमान खान और सैफ अली खान हर वर्ष नए साल का जश्न मनाने के लिए विदेश चले जाते थे. लेकिन इस बार काफी कुछ बदला हुआ है. यह पहला मौका होगा, जब आमीर खान विदेश नहीं जाएंगे, बल्कि गोवा में नए साल का आगाज करेंगे.

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वास्तव में ‘यशराज फिल्मस’ की फिल्म ‘‘ठग्स आफ हिंदुस्तान’’ की शूटिंग में व्यस्त होने की वजह से आमीर खान ने इस बार विदेश जाने की बनिस्बत गोवा जाकर नए साल का स्वागत करने का निर्णय लिया है.

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जबकि शाहरुख खान इस बार अपने परिवार के साथ मुंबई में अपने मन्नत बंगले में ही नए साल का जश्न मनाने वाले हैं.

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मगर सैफ अली खान अपनी पत्नी करीना कपूर खान व बेटे तैमूर अली के संग स्विटजरलैंड पहुंच चुके हैं.

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लेकिन सलमान खान कहां नए साल का जश्न मनाएंगे, यह अभी तक राज बना हुआ है.

अपनाएं ये ट्रिक, पासवर्ड जानकर भी कोई नहीं कर पाएगा आपका फोन अनलौक

आज हर किसी के पास स्मार्टफोन है. अपने फोन को दूसरों से बचाने और सुरक्षित रखने के लिऐ आजकल हर कोई पासवर्ड या फिंगरप्रिंट लौक लगाकर रखता है. लेकिन कई बार आपका पासवर्ड आपकी लापरवाही के कारण भी चोरी हो सकता है. कई बार हम अपने दोस्त या अन्य व्यक्ति के सामने अपना फोन अनलौक करते हैं तो उसे आपका पासवर्ड पता चल जाता है.

इसके बाद आपका दोस्त या दूसरा व्यक्ति आपकी निजी जानकारी को ऐक्सेस करने की कोशिश कर सकता है. इस स्थिति से बचने के लिऐ हम आपको ऐक ट्रिक बताने जा रहे हैं जिससे अगर कोई आपका पासवर्ड जान भी जाता है तो वो आपके फोन की जानकारी ऐक्सेस नहीं कर पाऐगा.

ऐप करेगी मदद

इस काम में आपकी मदद Screen Lock- Time Password ऐप कर सकती है. इसके जरिऐ अगर आपका पासवर्ड कोई देख भी लेता है तो भी आपके फोन वह अनलौक नहीं कर पाऐगा. इसका इंटरफेस काफी आसान है.

कैसे करती है काम

इसके लिऐ सबसे पहले गूगल प्ले स्टोर से आपको Screen Lock- Time Password ऐप डाउनलोड करनी होगी.

सबसे पहले आपको Change Security Setting पर क्लिक करना होगा. यहां से आप पासवर्ड का कोई भी पैटर्न चुन सकते हैं.

इसके बाद आपको Disable System Lock के तहत पासवर्ड के औप्शन दिऐ गऐ होंगे. यहां से आप पासवर्ड का फौर्मेट सेलेक्ट कर सकते हैं.

ध्यान रहे अगर आपने करंट टाइम सेलेक्ट किया है तो आपके मोबाइल का करंट टाइम ही आपका पासवर्ड होगा. जैसे जैसे टाइम चेंज होता रहेगा. वैसे वैसे पासवर्ड भी बदलता रहेगा.

इसके बाद आपको Enable recovery passcode पर क्लिक करना होगा. यहां आपको रिकवरी पासवर्ड एंटर करना है. अगर आप पासवर्ड भूल जाते हैं तो यह पासवर्ड काम आऐगा.

इसके बाद enable lock screen पर क्लिक कर दें.

ऐसा करने से आपके फोन में लौक लग जाऐगा और करंट टाइम डालकर ही उसे खोला जा सकेगा. इससे किसी को भी आपका पासवर्ड पता नहीं चलेगा.

कहीं आपका बैंक भी अनुचित शुल्क तो नहीं वसूल रहा, सतर्क रहें

आपका खाता निजी बैंक में हो या सरकारी में आपको कुछ बाते ध्यान में रखने और सतर्क रहने की जरूरत है. ज्यादातर जगहों पर आपको अपने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य होता है. यह दर आपके खातों और बैंकों के मुताबिक अलग-अलग होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ बैंक आप से खाते में न्यूनतम बैलेंस दर के नाम पर अनुचित शुल्क वसूल रहे हैं.

मौजूदा समय में भारतीय स्टेट बैंक न्यूनतम बैलेंस न रखने पर 24.96 फीसदी का जुर्माना लगाता है. कहीं आपका बैंक भी आप से अनुचित चार्ज तो नहीं वसूल रहा, इसको लेकर सतर्क रहें.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आईआईटी-मुंबई) के एक प्रोफेसर ने यह दावा किया है कि देश के कुछ प्रमुख निजी और सरकारी बैंक अपने ग्राहकों से खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने के नाम पर अनुचित शुल्क वसूल रहे हैं. कुछ बैंक औसतन 78 फीसदी का वार्षिक जुर्माना लगा रहे हैं तो वहीं कुछ बैंक अपने ग्राहकों पर 100 फीसदी से ज्यादा का सालाना जुर्माना भी लगा रहे हैं. ये बैंक ऐसा कर आरबीआई की तरफ से न्यूनतम बैलेंस के लिए तय मानकों की दज्ज‍ियां उड़ा रहे हैं.

न्यूनतम बैलेंस को लेकर आरबीआई ने साफ किया है कि न्यूनतम बैलेंस न रखने पर बैंक जो चार्ज लगा रहे हैं, वे किफायती हों. ये चार्ज सेवा मुहैया करने के लिए लगने वाली लागत से ज्यादा न हो.

इन बातों का खयाल रखें

हमेशा ये जानकारी जरूर रखें कि आपको अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस रखना है कि नहीं. अगर नहीं, तो आप से किसी भी तरह का चार्ज इसके लिए नहीं वसूला जा सकता और अगर ऐसा है तो तुरन्त इसकी शिकायत करें.

अगर न्यूनतम बैलेंस की शर्त आप पर लागू होती है, तो कोशिश करें कि आप इस शर्त को हमेशा पूरा करें, ताकि किसी भी तरह आपको ज्यादा चार्ज न देना पड़े.

न्यूनतम बैलेंस पर लगने वाले चार्ज को लेकर आप अपने बैंक से जानकारी हासिल करें, क्योंकि ऐसे मामलों में जानकारी रखना ही आपको नुकसान सहने से बचा सकता है.

सर्दियों में मेरी त्वचा बहुत शुष्क हो गई है. इस की केयर घर पर कैसे करूं.

सवाल
जाड़ों में मेरी त्वचा बहुत शुष्क हो गई है. इस की केयर घर पर कैसे करूं?

जवाब
सर्दी के मौसम में शरीर में पानी की कमी हो जाती है. ऐसे में आप सुबहशाम किसी डीप मौइश्चराइजिंग क्रीम का इस्तेमाल करें और रोजाना कम से कम 10-12 गिलास पानी जरूर पिएं. चेहरे को धोने के लिए किसी ट्रांसपैरेंट फेसवाश का प्रयोग न करें, क्योंकि इस तरह के क्लींजर त्वचा से ऐक्सट्रा औयल निकाल लेते हैं. बहुत ज्यादा गरम पानी से नहाने की जगह कुनकुने पानी से नहाएं.

इस मौसम में त्वचा को सौफ्ट बनाए रखने के लिए पैक भी लगा सकती हैं. 1 चम्मच कैलेमाइन पाउडर में शहद और औरेंज जूस मिला कर चेहरे पर लगाएं. सूखने पर चेहरे को सादे पानी से धो लें. ऐसा करने से त्वचा खिलीखिली व यंग नजर आएगी. इस के अलावा रोज रात में गरम दूध में रोगन बादाम की कुछ बूंदें मिक्स कर के पिएं. यह आप की सेहत के लिए तो अच्छा है ही, साथ ही स्किन के लिए भी एक चमत्कारी दवा है.

पोर्न वेबसाइट पर देखी जा रही है अनुपम खेर की यह फिल्म

जून, 2017 की सबसे ज्यादा क्रिटिकली एक्लेम्ड फिल्मों में शुमार फिल्म अनुपम खेर स्टारर फिल्म ‘द बिग सिक’ इन दिनों अनोखी वजह से सुर्खियों में छाई हुई है. बताया जा रहा है कि ‘द बिग सिक’ को किसी अनजान शख्स ने पोर्न वेबसाइट पोर्नहब (Pornhub) पर अपलोड कर दिया है. फिल्म को ‘Interracial’ सेक्शन में डाला गया है. इस बात की जानकारी इस फिल्म का हिस्सा रहे एक्टर और कौमेडियन कुमैल ननजियानी ने दी.

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उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा हैः “यह खबर उन लोगों के लिए है जो अपने परिवारों के साथ ‘द बिग सिक’ देखना चाहते हैं लेकिन उनके पास अमेजन प्राइम नहीं है या फिर वे इसका खर्च नहीं उठा सकते… उनके लिए ये पूरी फिल्म Pornhub पर मौजूद है. मुझसे ये मत पूछना कैसे? क्योंकि ये बेहद निजी है. ये ‘Interracial’ सेक्शन में हैं और यह कोई मजाक नहीं है.”

कुमैल के इस मामले को लाइम लाइट में लाने के बाद पोर्नहब के द्वारा इसे वहां से हटाने का आश्वासन भी दिया गया. इस पर भी कुमैल ने चुटकी लेते हुए लिखा, “अरे नहीं नहीं..मेरा ये मतलब नहीं था कि इसे डिलीट किया जाए. आप क्रिसमस का लुत्फ लें! आप कई लोगों की जिंदगी में खुशियां लाएं हैं! ये छुट्टियां आपका हक हैं.”

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ‘द बिग सिक’ अमेरिकी रोमांटिक कौमेडी फिल्म है जिसे लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया है. 50 लाख डालर में बनी इस फिल्म ने दुनिया भर में 55 करोड़ डालर की कमाई की. इतना ही नहीं ये 2017 की सबसे ज्यादा कमाने वाली इनडिपेंडेंट फिल्म है. फिल्म की कहानी इंटररेशियल यानी दो अलग-अलग देशों के जोड़े के बीच की है.

हैप्पी बर्थडे पुलकित सम्राट : जानिये उनकी लव लाइफ के बारे में

29 दिसंबर 1983 को बौलीवुड एक्टर और मौडल पुलकित सम्राट का जन्म एक पंजाबी परिवार मे हुआ था. उनका परिवार रियल एस्टेट के बिजनेस में है. उन्होंने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई दिल्ली के मानव स्थली में की थी. इसके बाद दिल्ली के ही अशोक विहार में स्थित मोंटफोर्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल से पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के बाद उन्होंने एपीजे इंस्टीट्यूट औफ डिजायन से एडवरटाइजिंग कोर्स में एडमिशन लिया लेकिन पांच महीने बाद ही पढ़ाई छोड़ दी क्योंकि उन्हें अपना पहला मौडलिंग एसाइनमेंट मिल गया था. इस साल एक्टर अपना 34वां जन्मदिन मना रहे हैं.

पढ़ाई छोड़ने के बाद पुलकित मुंबई शिफ्ट हो गए और उन्होंने किशोर नमित कपूर द्वारा चलाए जा रहे एक्टिंग कोर्स में एडमिशन लिया. इसके बाद उन्हें अपना पहला एक्टिंग ब्रेक बालाजी टेलिफिल्म्स ने क्योंकि सास भी कभी बहू थी में लक्ष्य वीरानी के तौर पर दिया. उन्होंने एक साल बाद ही शो को छोड़ दिया. इसके बाद साल 2011 में सम्राट कोरियोग्राफर वैभवी मर्चेंट की म्यूजिकल फिल्म ताज एक्सप्रेस में लीड एक्टर के तौर पर नजर आए. आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते हैं उनसे जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य.

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  • साल 2012 में आई फिल्म बिट्टू बौस के जरिए पुलकित ने बौलीवुड में डेब्यू किया था. उन्हें पहचान दिलाने का काम किया 2013 में आई फुकरे ने.
  • पुलिकत सम्राट औऱ मौनी रौय एक समय पर रिलेशनशिप में थे लेकिन 2 साल बाद ही दोनों का ब्रेकअप हो गया. इसके बाद एक्टर ने सलमान खान की राखी बहन श्वेता रोहिरा को डेट करना शुरू किया. दोनों ने शादी भी की लेकिन यह भी ज्यादा समय तक नहीं चल पाई.
  • एक्टिंग के अलावा पुलकित को दिमाग और कार्ड्स पढ़ना आता है.
  • पुलकित सलमान खान और रोनित रौय को अपना मेंटर जबकि स्मृति ईरानी को अपनी प्रेरणा मानते हैं.
  • इसी महीने पुलकित की फिल्म फुकरे रिटर्न्स रिलीज हुई थी जिसने 100 करोड़ की कमाई की थी. इस समय पुलकित जेपी दत्ता की पलटन में बिजी हैं.

तीन तलाक : राज्यसभा में संशोधनों के लिए बन सकता है दबाव

एक बार में तीन तलाक कहकर विवाह को समाप्त करने के खिलाफ (मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 लोकसभा में बिना किसी संशोधन के पारित हो गया लेकिन उच्च सदन में विपक्ष अपने संशोधनों के लिए दबाव बना सकता है. कांग्रेस ने संकेत दिया है कि वह इस मामले में विपक्ष के साथ साझा रणनीति बनाकर कोई फैसला करेगी.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उच्च सदन में हम अपने संशोधनों पर दबाव बना सकते हैं. पार्टी तलाक को आपराधिक बनाने और पति के जेल जाने के बाद गुजारा भत्ता जैसे प्रावधानों को लेकर उठ रहे सवालों का समाधान कराने का प्रयास करेगी. कांग्रेस का कहना है कि हम विधेयक का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन विधेयक को मजबूत बनाने के लिए हम राज्यसभा में सरकार पर दबाव बनाने से नहीं हिचकेंगे जिससे मुस्लिम महिलाओं के हक को ज्यादा मजबूती दी जा सके.

उच्च सदन में विपक्ष के पास ताकत

कांग्रेस के अलावा सपा, माकपा जैसे दलों ने लोकसभा में विधेयक की जल्दबाजी पर सवाल खड़ा करते हुए इसे संसदीय समिति के पास भेजने की वकालत की है. यह सभी दल उच्च सदन में विधेयक पर ज्यादा विचार विमर्श के लिए समिति के पास भेजने की मांग दोहरा सकते हैं. उच्च सदन में विपक्ष के पास पर्याप्त संख्या बल है इसलिए अगर विपक्ष एक साथ संशोधनों पर दबाव बनाए या फिर इसे संसदीय समिति के पास भेजने का आग्रह करे तो सरकार के लिए चुनौती हो सकती है.

उठाए गए हैं कई सवाल

लोकसभा में कांग्रेस ने विधेयक की कई खामियों का जिक्र करते हुए विधेयक को ज्यादा मजबूत बनाने की वकालत की थी. इसमें कहा गया था कि तीन तलाक साबित करने की जिम्मेदारी महिला पर डाली गई है. कांग्रेस का कहना है कि करीब महिलाएं यह साबित करने के लिए अदालतों के चक्कर काटती रहेंगी कि उन्हें तीन बार तलाक दिया गया कि नहीं. यह जिम्मेदारी पतियों पर डाल देनी चाहिए. इससे यह कानून और कठोर एवं महिलाओं के पक्ष में हो जाएगा.

विपक्षी दलों को आशंकाएं

तीन साल की सजा पर भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों को कुछ आशंकाएं हैं कि अगर पति जेल गया तो उसकी पत्नी एवं बच्चों का गुजारा भत्ता कौन देगा. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कई मसलों पर संशोधनों के जरिये विधेयक को मजबूती दी जा सकती है.

मसौदे पर केंद्रीय मंत्रालयों में नहीं थी एकराय

तीन तलाक विधेयक भले ही गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गया हो, लेकिन केंद्रीय मंत्रालयों के बीच इसके मसौदे पर एकराय नहीं थी. निचले सदन में जिस तरह के सवाल इस विधेयक पर उठे, ठीक उसी तरह के सवाल महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इसके प्रावधानों को लेकर उठाए थे. साथ ही कानून मंत्रालय को संबंधित प्रावधानों को और स्पष्ट करने का सुझाव दिया था.

कानून मंत्रालय ने तीन तलाक विधेयक के मसौदे पर केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों से सुझाव आमंत्रित किए थे. राज्य सरकारों ने इस अहम कानून के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने में खासी लापरवाही दिखाई, जबकि महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्रालय ने मसौदे के कुछ प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए उन्हें और स्पष्ट करने को कहा था.

सूत्र बताते हैं कि कानून मंत्रालय की ओर से की गई रायशुमारी महज खानापूर्ति थी. शायद यही वजह है कि साथी मंत्रालय द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल नहीं किया गया. कानून मंत्रालय को दिए गए जवाब में डब्ल्यूसीडी ने कहा था कि जब तीन तलाक देने पर पति को जेल भेज दिया जाएगा तो पीड़िता पत्नी को जेल से वह गुजारा भत्ता या हर्जाने का भुगतान कैसे कर पाएगा.

डब्ल्यूसीडी ने कानून मंत्रालय से कहा कि तीन तलाक को जब गैरकानूनी करार दिया जा रहा है तो किस आधार पर गुजारा भत्ता मुस्लिम महिला को मुहैया कराया जाएगा. कानून मंत्रालय को साथी मंत्रालय ने चेताया था कि जब तलाक गैरकानूनी करार दे दिया गया यानी तलाक हुआ ही नहीं तो फिर एक महिला को किस आधार पर बच्चों की देखरेख कैसे प्रदान की जा सकेगी, जैसा कि विधेयक में शामिल धारा-6 में अवस्यक बच्चों की कस्टडी मुस्लिम महिला को दिए जाने का प्रावधान है.

नहीं दिया जवाब

दूसरी ओर मंत्रालय की ओर से भेजे गए मसौदे पर महज 11 राज्यों की ओर जवाब भेजा गया. जवाब देने वाले 11 राज्यों में महज तमिलनाडु ही एक ऐसा राज्य था जो तीन तलाक के उस प्रावधान पर सहमत नहीं था जिसमें तीन साल की सजा देने को कहा गया है.

कांग्रेस की सरकार वाले राज्य भी चुप

गौरतलब है कि बाकी दस राज्यों ने केंद्र द्वारा भेजे गए मसौदे पर पूरी सहमति जताई. इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, अरूणाचल प्रदेश और आसाम समेत अन्य राज्यों ने केंद्र को दिए गए जवाब में पूरा समर्थन जताया. हालांकि अन्य राज्य चुप्पी साधे रहे और कोई प्रतिक्रिया नहीं थी. इनमें कांग्रेस सरकार वाले पंजाब, कर्नाटक जैसे राज्य भी शामिल हैं.

मुस्लिम महिलाएं अब चार शादी के खिलाफ हल्ला बोलेंगी

तीन तलाक पर सफलता हासिल करने के बाद मुस्लिम समुदाय की महिलाएं अपना संघर्ष रोकने के मूड में नहीं हैं. अब उन्होंने मुस्लिम धर्म में जारी बहुविवाह (चार शादी का प्रावधान) और निकाह हलाला के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है. तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई को सर्वोच्च अदालत तक ले जाने वाली उत्तराखंड के शायरा बानो ने बुधवार को कहा कि अब उनकी अगली लड़ाई बहुविवाह और निकाह हलाला के खिलाफ होगी. हमारे समाज में इसके लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.

बचत से जुड़ी इन बातों का हमेशा रखें ध्यान, होगा बड़ा फायदा

जीवन में छोटी-छोटी बचत भविष्य का सहारा होती है, इसलिए बचत को अपनी आदत में शुमार करें. यह न सिर्फ आपके बुरे वक्‍त में काम आती है, बल्कि जरूरत के समय आपकी राह को आसान भी बना देती है. बचत के लिए न तो ज्‍यादा दिक्‍कत का सामना करना पड़ता है और न ही कोई खास मेहनत ही करनी पड़ती है. बस जरूरत है बचत को अपनी आदत बनाने की. महिला हो या पुरुष, जीवन में अपने लक्ष्‍य को पाने के लिए बचत करना बहुत जरूरी है. ज्‍यादतर लोगों की शिकायत होती है कि रूम रेंट, घर का खर्च, बच्‍चे की पढ़ाई के बाद बचत नहीं हो पाती है. इस तरह की शिकायतों की लिस्‍ट काफी लम्‍बी हो सकती है, लेकिन बचत न करना करना इसका हल नहीं हो सकता है.

हम आपको बचत के 5 ऐसे तरीके बता रहे हैं जिनसे आपको बचत करने में मदद मिलेगी.

कैसे करें हर महीने बचत

बचत की शुरुआत करने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि बचत करने में हम कहां छोटी-छोटी गलतियां करते हैं. हम में ज्‍यादातर लोग खर्च के बाद जो रकम शेष होती है उसकी बचत करना चाहते हैं, लेकिन यह बचत करने का बेहतर तरीक नहीं माना जाता है और इसमें बचत की संभावना कम होती है. इसके अलावा भविष्‍य के खर्चों का वर्तमान में आकलन कर बचत करने में भी असफल होने की संभावना बहुत अधिक होती है. बचत का सबसे बेहतर तरीका है वर्तमान और भविष्‍य की जरूरत को आंकते हुए बचत करना. यह वर्तमान खर्च और भविष्य में बचत को विभाजित करने में मदद करता है.

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अपना लक्ष्‍य तय करें

बचत करने से पहले अपने गोल को लिखें. इसके बाद इसको पूरा करने में आने वाले खर्च का आकलन करें और समझें कि आपको पैसे की जरूरत कब होगी. इसको आप अपने साल के कैलेंडर में शामिल कर लें. यह सरल प्रक्रिया आपको बचत करने का एक खाका प्रस्‍तुत कर देगी.

प्राथमिकता को तय करें

हर किसी की ढ़ेरों आवश्‍यकताएं होती हैं और इसको पूरा करने के लिए बहुत सारे पैसे की जरूरत होती है. अमूमन हर किसी के पास आय कम और खर्च अधिक होता है. ऐसी स्थिति में अपने खर्चे और जरूरत में से प्राथमिकता तय करें. ऐसा करने से बहुत सारे ऐसे खर्चे होते हैं, जिनको आप आसानी से कम कर सकते हैं. ऐसा कर के हमेशा छोट अवधि और लम्‍बी अवधि के लिए बचत करें.

छोटी बचत योजना

आमतौर पर हम-आप आसानी से अपनी आय का 10 से 25 फीसदी तक बचत कर सकते हैं. हालांकि, यह कोई तय नहीं है कि आप इसी के बीच में बचत करें. बचत में जब आप अपना लक्ष्‍य बना लेते हैं तो आप उसी के अनुरूप बचत करते हैं. जैसे कि आप अपने बच्‍चों की पढ़ाई के लिए 5 लाख रुपए की बचत करना चाहते हैं तो यह ध्‍यान रखें कि आप वर्तमान में 5 लाख रुपए की बचत करने के बारे में सोच रहे हैं. यह 10 सालों के बाद 10 लाख रुपए भी हो सकता है. अपनी बचत की प्‍लानिंग इसी के अनुरूप करें.

बचत पर रिटर्न

बचत और निवेश के बीच अंतर को जानना जरूरी है. बचत आपातकालीन खर्चों और भविष्‍य में किए जाने वाले खर्चों के लिए किया जाता है. वहीं, निवेश इसलिए करते हैं, ताकि कुल आय में वृद्धि और दीर्घकालीन लक्ष्‍यों की पूर्ति की जा सके. निवेश करने से पहले अपने लक्ष्‍यों को भली-भांति निर्धारित कर लें. इसके बाद फंडो की जानकारी, निवेश की पूंजी, जोखिम और नुकसान का आकलन कर लें. ध्‍यान रखें कि परिवार के लिए आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य तैयार करना ही आपका लक्ष्‍य है. आपकी बचत का अंतिम उद्देश्‍य यही होना चाहिए. बचत को जीवन का एक तरीका बना लें.

व्हाट्सऐप पर किसी ने कर दिया है ब्लौक तो ऐसे करें उससे बात

आज के समय में हर किसी के पास स्मार्टफोन है, जाहिर सी बात है अगर स्मार्टफोन है तो व्हाट्सऐप भी होगा. दुनियाभर में ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. दरअसल हम आपको व्हाट्सऐप की एक खास ट्रिक के बारे में बताने जा रहे हैं. खास इसलिए, क्योंकि इस ट्रिक से आप उस यूजर को भी मैसेज कर सकते हैं जिसने आपको व्हाट्सऐप पर ब्लौक कर दिया है. सबसे खास बात कि यह बिलकुल फ्री है. इसके लिए अपने फोन में आपको अलग से कोई भी ऐप इंस्टौल करने की जरूरत नही है.

अगर किसी ने आपको व्हाट्सऐप पर ब्लौक कर दिया है तो ब्लौक होने के बाद आप उस यूजर को न तो मैसेज कर सकते हैं, न ही उसकी प्रोफाइल पिक्चर देख सकते हैं, न उसका स्टेटस देख सकते हैं. चलिए हम आपको बताते हैं कि ऐसी स्थिति आने पर आप कैसे उसी यूजर को उसी नंबर से व्हाट्सऐप मैसेज कर सकते हैं, जिसे ब्लौक कर दिया है.

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इसके लिए सबसे पहले आपको व्हाट्सऐप पर एक ग्रुप बनाना होगा. इसके बाद उस ग्रुप में आपको सबसे पहले किसी ऐसे यूजर को जोड़ना है, जिसने आपको ब्लौक नहीं कर रखा हो. इस यूजर को जोड़ने के बाद अब आप उस यूजर को जोड़ें जिसने आपको ब्लौक कर रखा है. अब अगर ग्रुप में आप कोई भी मैसेज करेंगे तो वह उस यूजर के पास भी जाएगा जिसने आपको ब्लौक कर रखा है.

अगर आप चाहते हैं कि आप जो मैसेज भेजें यह सिर्फ उसी यूजर के पास जाए जिसने आपको ब्लौक कर रखा है, तो अब इस ग्रुप में से आप उस यूजर को रिमूव कर दें जिसके पास मैसेज नहीं भेजना है. अब ग्रुप में सिर्फ आप और वही यूजर बचेंगे जिसनें आपको ब्लौक कर रखा है. इस तरह आप किसी भी उस यूजर से व्हाट्सऐप पर चैट कर सकते हैं जिसने आपको ब्लौक कर रखा है.

आखिर क्यों सीवर डालो के होर्डिंग कहीं नहीं दिखते

देश के सीवरों की बुरी हालत है. नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता के नाम पर हर घर में अपना शौचालय बनाने की मुहिम तो चलवा दी पर उन्होंने राज्य सरकारों, नगर निकायों और पंचायतों को सीवर डालने की जरूरत पर ध्यान देने को कुछ नहीं कहा, क्योंकि इस में अरबोंखरबों लगते हैं और सरकार को अरबोंखरबों तो सैनिक, हथियारों, बुलेट ट्रेनों और मूर्तियों पर खर्च करने हैं.

देश तब तक साफ न होगा जब तक देश भर में बड़े, विशाल सीवर न बनेंगे. हमारे देश में आर्यों से पहले बसने वाले सिंधुघाटी सभ्यता के लोगों ने हड़प्पा, मोहन जोदाड़ो, धौलावीरा या लोथल जैसी जगहों पर जो बंद ढके नालेनालियां बनाई थीं आज भी देखी जा सकती हैं. पर आर्यों को किसी तरह शूद्र व अछूत मिल गए जिस की वजह से सीवर बनने न के बराबर हो गए.

आज देश के अधिकांश शहरों में बने सीवर आवश्यकता से कहीं कम हैं. अकसर भरे रहते हैं. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने हाल ही में आदेश दिया है कि रेस्तराओं का कचरा सीवरों में जा कर उन्हें रोके नहीं पर यह न कहने भर से रुकेगा और न ही 2-4 को पकड़ने व जुर्माना कर देने से.

सीवरों का विज्ञान आज बहुत आगे चला गया है पर हमारे ऊंचे लोग उस बारे में सोचने को भी तैयार नहीं हैं.

सीवर हर घर के लिए वरदान है, सब से बड़ा सुख है, क्योंकि इस से बदबू नहीं रहती, आसपास मच्छरमक्खी नहीं फटकते पर इस देश में करोड़ों ने तो अपने घर ही उन छोटी नदियों के किनारे बना रखे हैं, जो अब शहरी नालों में बदल गई हैं.

मुंबई में हर बरसात में जहां बहुत से सीवर अपनेआप साफ हो जाते हैं, ये नाले उफन कर पानी और कचरे को बाहर फेंक देते हैं.

हर शहर की दोतिहाई आबादी हमारे यहां सीवर की कमी या खराबी के कारण परेशान रहती है. शौचालय बनाओ के होर्डिंगों पर नरेंद्र मोदी की तसवीरें दिखती हैं पर सीवर डालो के होर्डिंग कहीं नहीं दिखते, क्योंकि यह महंगा काम है.

आजकल ऐसे क्रशर आ गए हैं, जो घर के कूड़े को पीस कर पानी के साथ बहा सकते हैं और अगर हमारे शहरियों ने लगाने शुरू कर दिए तो रहेसहे सीवरों को भरने में देर न लगेगी. रेस्तराओं में तो ये लग चुके हैं, क्योंकि उन के कूड़े को हर समय फेंकने के लिए न तो लोग हैं और न ही जगह.

शहरों की शुद्धि न्यायाधिकरणों के आदेशों, नेताओं के भाषणों, यज्ञोंहवनों से नहीं, सही सीवरों से आएगी पर इस पर ध्यान दे कौन. इस गंदे काम के लिए तो मरने को तैयार एक बड़ी जनता है तो हम क्यों परेशान हों.

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