रीवा और ईशान को शादी के बंधन में बंधे कुछ ही महीने हुए हैं. रीवा एक मल्टीनैशनल कंपनी में वर्किंग है और ईशान का अपना सफल बिजनैस है. जब रीवा और ईशान ने एक होने का निर्णय लिया था तभी उन के कानों में घरपरिवार और आसपास के लोगों की खुसफुसाहट पड़ने लगी थी कि अगर ईशान इतना अच्छा कमाता है तो रीवा को भला नौकरी करने की क्या जरूरत है. रीवा और ईशान दोनों अपने कैरियर के अच्छे मुकाम पर थे और उन दोनों ने लोगों की बातों को अनदेखा करते हुए अपना अलग घर बसाने का निर्णय लिया.

अगर घरपरिवार की सोच के हिसाब से सोचें तो उन्होंने ऐसा निर्णय ले कर बहुत गलत किया लेकिन अगर ध्यान से देखा जाए तो उन्होंने बहुत सही निर्णय लिया.

लोगों का काम है कहना

भले ही समाज बदल रहा है और बदलते समय के साथ भारतीय समाज के लोगों की सोच में भी काफी बदलाव आया हो लेकिन आज भी पुरानी सोच के लोगों के मुंह से काम के साथ घर संभालने वाली महिलाओं को ‘जब पति इतना कमाता है तो तुम्हें जौब करने की क्या जरूरत’ सुनने को मिल ही जाता है. लेकिन मौडर्न एज के मैरिड कपल्स ने ‘कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना’ वाली कहावत को सही मानते हुए अपने कैरियर को न छोड़ने का निर्णय लिया.

आप ही सोचिए अगर लड़का अपने कैरियर को बनाने में मेहनत करता है और लड़की भी उतनी ही मेहनत करती है तो उस की मेहनत को कम क्यों आंका जाए और उस से जौब छोड़ने की उम्मीद क्यों की जाए?

पकापकाया नहीं खुद की मेहनत का

हमारे समाज में अधिकांश कपल शादी के बाद पेरैंट्स के साथ उन के बनाए उन के सैटल घर में रहते हैं जहां उन्हें सबकुछ रेडीमेड मिलता है लेकिन वहीं जब रीवा की ईशान की तरह आप अपने घर में अलग रहने का निर्णय लेते हैं तो उस घर में वे हर चीज खुद से करते हैं जिस से उन में न केवल कौन्फिडैंस आता है बल्कि उन्हें दुनियादारी की सम झ और आटेदाल का भाव भी पता चलता है जो हर कपल को सीखना चाहिए.

अलग रहने का एक फायदा यह भी होगा कि आप को फैमिली, नातेरिश्तेदारों की चूंचूं भी नहीं सुननी पड़ेगी और अकेले रहने से नातेरिश्तेदार आप की वैल्यू करेंगे, इज्जत करेंगे कि आप ने अपना घर खुद बनाया है. सास, ननद देवरानी, जेठानी के ताने देने पर लड़की को नौकरी नहीं छोड़नी पड़ेगी. वैसे भी, आज के जमाने में एक व्यक्ति की कमाई से न घर बनाया जा सकता है न चलाया जा सकता है. आज की जरूरत है कि पतिपत्नी दोनों काम करें.

पतिपत्नी के बीच प्यार और नजदीकी बढ़ेगी

शादी के बाद हर कपल ऐसी प्लानिंग करे कि वे अलग घर में रहें भले ही और वह घर एक कमरे का हो या दो कमरे का, यंग कपल का अपना अलग किचन होना चाहिए.

इस से उन में अलग रहने का, जीवन के उतारचढ़ावों का सामना करना आएगा, खुद पर गर्व होगा कि वे खुद का घर बना और चला सकते हैं जहां लड़के और लड़की दोनों की भागीदारी होगी. इस से कपल के बीच प्यार और नजदीकी भी बढ़ेगी. पति भी पत्नी की कमाई की वैल्यू करेगा और घरपरिवार दोनों के खर्चे से ही चलेगा.

औरतों को मिलेगी अपनी पहचान

लड़कियों के लिए नौकरी या कमाई करना सिर्फ पैसा कमाने का जरिया होने से ज्यादा आत्मसम्मान, इंडिपैंडैंट बने रहने और अपनी पहचान बनाने का जरिया होता है. यह बात उन परिवारों और समाज को सम झने की जरूरत है जिन्हें लगता है कि पति अच्छा कमाता है तो पत्नी को घर से बाहर जा कर काम करने की क्या जरूरत है.

पतिपत्नी दोनों का होगा घर

जब पतिपत्नी दोनों मिल कर शादी के बाद अपना अलग घर बसाएंगे तो वह घर पतिपत्नी दोनों की कमाई से बनेगा और चलेगा. ऐसे में घर दोनों का होगा और लड़कियों की आखिरकार, शादी के बाद ‘उस का घर कौन सा’ की समस्या भी दूर होगी.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...