हाइट बढ़ना या न बढ़ना एक बायोलौजिकल प्रोसेस है जो 10 साल से 20 साल तक की अवस्था में अधिक से अधिक बढ़ती है. लेकिन कई बार लड़का हो या लड़की की अगर हाइट कम रह जाती है तो लोग उन्हें ताने देते हैं कि देखो कितनी कम हाइट है इस की. ये तो भीड़ में कहीं गुम ही हो जाएगी. अरे इस बेचारी को आगे रखो ये तो फोटो में नज़र ही नहीं आएगी. लड़के को तो ये बातें और भी ज्यादा सुननी पड़ती है कि इस से कौन लड़की शादी करेगी. बीवी लम्बी आ जाए तो भी ताने मारते हैं कि ये तो बीवी के आगे कुछ बोल ही नहीं सकता इस में इतनी बड़ी कमी जो है हाइट की. अकसर इस तरह की बातें सुनने को मिलती है.
इस बारें में स्वाति का कहना है कि मेरी हाइट भी कम है. लोग कहते है मुझे रस्सा कूदना चाहिए, डॉक्टर को देखना चाहिए पर भी जाने क्या क्या कहते हैं. लेकिन सच तो यह है मुझे इस से कोई फर्क नहीं पड़ता. हाइट कम होना किसी की कोई कमी नहीं है, बल्कि यह सिर्फ़ हार्मोन्स और आनुवांशिक कारणों से होती है.
नवादा की श्वेता कौर का कहना है कि मेरी हाइट 4 फिट से भी कम है. मेरी हाइट छोटी थी, लोगों के ताने सुनने पड़ते थे. लोग यही बोलते थे कि मेरी हाइट छोटी है तो शादी कैसे होगी? लेकिन मेरे हौसले कभी कम नहीं हुए. दो बार असफल होने के बाद तीसरी बार परीक्षा के परिणाम आते ही मैं जिला औडिट औफिसर बन गई हूं. उन्होंने बिहार लोकसेवा आयोग यानी बीपीएससी 67वीं परीक्षा में 330वां स्थान प्राप्त किया. बीपीएससी क्वालिफाई करने के बाद अब वह जिला औडिट औफिसर बन गई हैं.
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