तकनीक ने हमारे जीवन को काफी बेहतरी दी है. जीवन के कई सवालों के जवाब तकनीक से मिलते हैं. इसी कड़ी में स्मार्टफोन, कंप्यूटर जैसी चीजों ने इंसानी जीवन क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं. जिस हिसाब से लोगों ने इन तकनीक को  हाथो हाथ लिया,  आलम है कि अब ये हमारे जीवन को नकारात्मक ढंग से प्रभावित कर रहे हैं.

हाल ही में हुए एक शोध में ये बात सामने आई कि कंप्यूटर और स्मार्टफोन से निकलने वाली किरणें हमारी सेहत पर बुरा असर डालती हैं. इनसे निकलने वाली आर्टिफीशियल लाइट हमारी नींद पर बुरा असर करती हैं.  जिसके कारण लोगों में अनिद्रा, माइग्रेन जैसी परेशानियां होने लगी हैं. वैज्ञानिकों के इस शोध से इन समस्याओं का इलाज भी संभव है.

शरीर को कैसे प्रभावित करती है आर्टिफीशियल लाइट

शोधकर्ताओं ने इस शोध में पाया कि आंखों की कुछ कोशिकाएं हमारे आसपास की रोशनी को प्रोसेस कर हमारे बौडी क्लौक को फिर से फिर से तय करती हैं. आंखों की ये कोशिकाएं जब देर रात को इन किरणों के संपर्क में आती हैं, हमारा आंतरिक समय चक्र प्रभावित हो जाता है. जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां पैदा होने लगती हैं.

इस अनुसंधान की मदद से माइग्रेन, अनिद्रा और बौडी क्लौक संबंधी शिकायतों का इलाज किया जा सकता है.

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