Relationship Problems: पुरुषों की न तो दूसरी शादी आसानी से होती और न ही उन की सामाजिक स्थिति पहले सी रह जाती. उन की तुलना कटी पतंग से करना कतई ज्यादती की बात नहीं. जब से महिलाओं का शिक्षित जागरूक और आत्मनिर्भर होना शुरू हुआ है तब से पुरुष भी दूसरी शादी के लिए परेशान रहने लगे हैं उन पर सैकेंड हेंड का भी ठप्पा लग जाता है.

“तलाक के बाद आदमी एक खंडहर बन जाता है मजबूत दीवारों के साथ लेकिन अंदर से सुनसान.” किसी भी तलाकशुदा पुरुष की मनोस्थिति समझने मशहूर अमेरिकी लेखक और ब्लागर रोबर्ट एम ड्रेक जिन के सोशल मीडिया पर कोई 30 लाख फौलोअर दुनिया भर में हैं की यह एक लाइन ही सारा सार बता देती है. लेकिन इस की गहराई में जाएं तो लगता है कि तलाकशुदा पुरुष के दर्द को तलाकशुदा महिला के मुकाबले शब्दों में बयां करना बेहद चुनौती भरा काम है क्योंकि खुद तलाकशुदा पुरुष भी ईमानदारी और निष्पक्षता से सौ फीसदी सच्चाई नहीं बता पाता.

आमतौर पर यह माना जाता है कि तलाक के बाद सारी दुश्वारियां महिला के हिस्से में ही आती हैं, लेकिन हकीकत इस के उलट है. तलाकशुदा पुरुष को उस से कम परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता. वह वाकई में एक ऐसे खंडहर में तब्दील हो चुका होता है जिस के अंदर सिर्फ मलवा होता है जिस का वक्त रहते सोशल रिनोवेशन न हो तो उस का ध्वस्त होना तय होता है. भोपाल के 40 वर्षीय सुमित के तलाक को 3 साल हो चुके हैं. सवा लाख रुपए महीने की सैलरी वाले सुमित द्वीतीय श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी हैं जिन्हें सरकारी बंगला गाड़ी और नौकर मिले हुए हैं. बेहद शानदार पर्सनैलिटी के मालिक और खानदानी सुमित के तलाक की वजह के कोई माने नहीं.

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