Love Rules : कोई शर्त होती नहीं प्यार में, मगर प्यार शर्तों पे तुम ने किया, साहिबा प्यार में सौदा नहीं. इस तरह के न जाने कितने ही बौलीवुड गाने हैं जो प्यार में शर्तों पर बने हैं और प्यार में कोई शर्त नहीं होती. यही संदेश देते नजर आए हैं. वाकई प्रेम तो एक स्वार्थ रहित भावना है वहां शर्तों का क्या काम. लेकिन आजकल प्यार की भावना कहीं गुम हो रही है और उस का स्थान शर्तों ने ले लिया है.
अभी हाल ही में यूपी की रहने वाली 25 वर्षीय सृष्टि तुली कमर्शियल पायलट थी. उस की आत्महत्या का मामला सुर्खियों में है. सृष्टि ने मुंबई में अपने किराए के फ्लैट में डेटा केबल से फांसी लगा कर जान दे दी थी. इस मामले में पुलिस ने मृतका सृष्टि तुली के प्रेमी आदित्य पंडित को गिरफ्तार किया है. आरोप यह भी है कि आदित्य पंडित, सृष्टि को नौनवेज खाना छोड़ ने के लिए प्रताड़ित करता था. लड़की ने लड़के को बहुत समझाया पर वह नहीं माना और लड़की ने इस विवाद के चलते अपनी जान दे दी. अब आप इसे क्या कहेंगे. क्या आप को लगता है उस लड़के को लड़की से प्यार था? जो प्रेम शर्तों पर हो उस के लिए मरने की जरूरत नहीं है
दूसरी बात, धर्म और रीतिरिवाजों के कारण बहुत सारे प्रेम प्रेम नहीं रह जाते. वह असलियत में समझौते बन जाते हैं. पहले दिन जब नौनवेज खाया तो अगले दिन मना कर देता कि हमारा नहीं चल पाएगा. बात को आगे बढ़ाने की जरूरत ही क्यों थी. लड़की नौनवेज खाती है ये बात तो आप को 2 -4 मीटिंग्स में पता चल ही गई होगी. फिर क्यूं तब आप ने इस रिश्ते को इतना आगे बढ़ने दिया?
शायद आप को लग रहा होगा कि मेरे प्यार में नौनवेज क्या कोई बड़ी चीज है इतना तो वह जब मैं कहूंगा वह तभी छोड़ देगी. यही बात और सोच तो गलत है, अगर आप की प्रायोरिटी थी कि लड़की वेज ही खाती हो तो यह बात पहले ही क्लियर कर लेनी चाहिए थी. ताकि किसी की जान तो नहीं जाती. इस का मतलब साफ है कि वह लड़का प्रेम के लायक ही नहीं है. ऐसे प्रेम के लिए किसी को भी जान देने की जरूरत नहीं है बस हिम्मत कर के उस रिश्ते से निकलने की जरूरत होती है.
ये घटनाएं अब आम हो गई हैं जिस में एक साथी अपनी कोई शर्त रख देता है और दूसरा उसे ना माने तो उस पर विवाद इतना बाद जाता है कि प्यार के दावे तो ऐसे में बहुत पीछे रह जाते हैं. जो प्रेम में शर्तें लगाता हो उसे प्रेमी कहा ही नहीं जा सकता.
प्यार शर्तों पर होता है या नहीं इस बारे में लोगों की राय
बैंक से रिटायर सुनील जी का इस बारे में कहना है मैं एक पिता हूं, और मैं अपने बेटे से बिना शर्त प्यार करता हूं. मुझे लगता है कि मैं अपनी पत्नी से भी बिना शर्त प्यार करता हूं. इस के साथ ही, मेरी पत्नी ऐसी कुछ चीजें या गलती करती है जो हमारी शादी को खत्म कर सकती हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं उस से तब भी प्यार करूंगा. शायद मेरा बेटा ऐसी कुछ चीजें कर सकता है जो मुझे बिलकुल भी बर्दाश्त ना हो और शायद मैं उस के साथ एक घर में ना रह पाऊं. लेकिन फिर भी इस का मतलब यह नहीं है कि मैं उस से प्यार नहीं करूंगा.
मुझे लगता है कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि “प्यार” से क्या तात्पर्य है. मैं बहुत से लोगों से प्यार करता हूं. प्रेम पर कोई शर्त नहीं लगती है. हालांकि, हमारे पास अन्य सामाजिक अनुबंध हैं जिन पर शर्तें हैं, और वे केवल इसलिए उन शर्तों को नहीं तोड़ सकते क्योंकि मैं उन से प्यार करता हूं.
वहीं इस बारे में हिमांशु का कहना है कि प्यार में शर्त नहीं होती. प्यार निःस्वार्थ होता हैं. ऐसा मैं मानता हूं. हां, बिल्कुल यदि बीच में कोई शर्त हो तो, क्या आप प्यार दे पाएंगे? नही न, क्योंकि आप पूरे वक्त उस शर्त को ही सोचते रहेंगे की कही आप से कोई गलती ना हो जाए और शर्त टूट ना जाए. आप हमेशा कांशियस रहेंगे पर प्यार में तो आजादी होती है. एकदूसरे के लिये सम्मान होता है.
आशा का इस बारे में कहना है प्रेम निडर, निर्भय और स्वार्थ रहित, परमार्थी बनाता है जहां प्रेम होगा वहां निश्चित रूप से समर्पण होगा. एक बात समझ लें कि समर्पण प्रेम की शर्त नहीं है, समर्पण प्रेम का स्वभाव है. जिस में शर्त हो वह सौदा है. प्रेम में शर्त नहीं होती और जो शर्त रखता है वह प्रेम कर ही नहीं सकता. यदि प्रेम करना चाहते हो तो तुम्हें समर्पण कर ना पड़ेगा. यह वैसी ही बात है कि दीया जलेगा तो प्रकाश होगा ही. तुम दीप जलाओ और प्रकाश न हो यह तो संभव नहीं है. जहां प्रेम की ज्योति जलती है, वहां समर्पण का प्रकाश होना ही है.
क्या होती हैं शर्तें
1. नौनवेज खाना छोड़ दो
2. मेरा धर्म अपनाना पड़ेगा
3. मेरी मम्मी के साथ तो एडजस्ट करना ही पड़ेगा
4. हमारे यहां ट्रैडिशनल कपड़े ही पसंद किए जाते हैं
5. तुम शादी के बाद जौब करोगी या नहीं ये मेरे घरवाले ही तय करेंगें
लड़की की शर्तें
1 मेरे अलावा तुम किसी और लड़की से दोस्ती नहीं रखोगे
2 वीकेंड पर देर तक सोने वाले लड़के मुझे पसंद नहीं आते
3 ये हर वक्त दोस्तों की कंपनी मुझे पसंद नहीं, तुम्हें छोड़नी पड़ेगी
4 अपने गेम खेलने की आदत तुम्हें बदलनी पड़ेगी
5 मैं तुम्हारी इतनी बड़ी जौइंट फैमिली में एडजस्ट नहीं कर पाऊंगी हम अलग घर में रहेंगे
6 हम दोनों एक ही करियर चूज करेंगे
शर्तों पर प्यार करने के नुकसान
आज जो व्यक्ति इतनी शर्तें रख रहा है वह कल अपनी बात को मनवाने के लिए आपको टौर्चर भी कर सकता है. ऐसे प्यार की कोई गारंटी नहीं ये शर्त कब जिद में बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसे रिश्ते में सम्मान की कोई जगह नहीं होती क्यूंकि ये रिश्ता बराबरी का नहीं है. बराबरी वहां होती है जहां दोनों एकदूसरे की इच्छाओं का सम्मान करें लेकिन यहां कोई एक अपनी चला रहा है. ऐसे रिश्ते का कोई भविष्य नहीं है.
जब प्यार शर्तों पर किया जाएं तब क्या करें
कुछ मुलाकातों में ही समझ आ जाना चाहिए कि इस बंदे का क्या नेचर है? उस के घर का माहौल कैसा है? लाइफ को लेकर उस की प्रायोरिटी क्या है? लेकिन अगर नहीं समझ आया तो समझने की कोशिश करें. आखिर यह पूरी जिंदगी का मामला है. अगर लड़के को आप के नौनवेज खाने से दिक्कत है या फिर आप को उस की जौइंट फैमिली से परेशानी है या इसी तरह की कोई और बात नजर आ रही है, तो ऐसे में रिश्ते को ज्यादा लम्बा खींचने से कोई फायदा नहीं है.
साथी से बात करें कि यह शर्तें आप को मान्य नहीं है.
जो इंसान आज आप से शर्तों पर प्यार कर रहा है क्या वाकई आप को लगता है वह भरोसे के काबिल है. आज उस की एक शर्त है जिसे वह आप के लिए बदल नहीं पा रहा इस बात की क्या गारंटी है कल वह ऐसे हजार शर्ते नहीं रख देगा. ऐसे साथी को छोड़ देने में समझदारी हैं लेकिन उसे सिर्फ छोड़ना नहीं है बल्कि एक बुरा सपना समझकर भूल भी जाना है.
बिना शर्त के प्रेम कैसा होता है
सच्चा प्रेम बिना किसी शर्त या अपेक्षा के होता है. इसका मतलब है कि प्रेमी अपने साथी को बिना किसी बाहरी कारण के प्यार करता है, जैसे कि उस के गुण, उस की स्थिति, या किसी अन्य शर्त की वजह से. बिना शर्त प्रेम का मतलब यह भी है कि दोनों साथी एकदूसरे को अपनी पूरी वास्तविकता और खामियों के साथ स्वीकार करते हैं.
वह आप को कभी जज नहीं करता हो. आप का लाइफस्टाइल, आप के पहनने ओढ़ने, चलनेफिरने के स्टाइल के बजाए खुशी से साथ स्वीकार करें.