बदलते लाइफस्टाइल के साथ लोगों के खानेपीने की आदतों में खासा बदलाव आया है. लोग एकदूसरे के खानपान को अपनाने लगे हैं. उस में उन्हें स्वाद भी आने लगा है जैसे पंजाब के छोलेभठूरे तो दक्षिण का इडलीडोसा, हैदराबाद की बिरयानी तो कश्मीर का कहवा व फिरनी, उत्तर प्रदेश की जलेबी, समोसा तो राजस्थान का दालबाटी चूरमा. यह सब एकदूसरे के प्रति प्यार को दर्शाता है. विदेशी व्यंजनों को भी हमारी रसोइयों में खासा स्थान मिल गया है.
हाल ही में एक गृहिणी मंजू मेहता ने एक किटी पार्टी दी. उस में समोसे, पकोड़े, टिक्की यानी पूरी चाट का इंतजाम था. उन की किटी पार्टी की सदस्यों में कुछ बड़ी उम्र की भी थीं. समोसे, पकोड़े तो महिलाएं बहुत जराजरा सा ले रही थीं क्योंकि हैल्थ के प्रति जागरूक होने के साथसाथ उन में उन्हें औयल दिखाई दे रहा था. ‘डीप फ्राइड चीजें हैं, ज्यादा नहीं खाना,’ पर जैसे ही वैज पास्ता आया, सभी ने खूब खाया. सभी चर्चा कर रही थीं कि हमारे घर में तो हम सब को नूडल्स, चाउमीन, पास्ता आदि खूब पसंद हैं. पसंद भी क्यों न हो, झटपट बन जो जाता है, साथ ही उन के स्वाद भी अच्छे लगते हैं.
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झटपट से तैयार
70 वर्षीय उमा अकेली रहती हैं. उन का कहना है, ‘मैं खूब सारी सब्जियां काट कर रख लेती हूं. जब थकी होती हूं या खाने में बदलाव चाहती हूं तो झटपट नूडल्स उबाले, सब्जियां, सौस आदि मिलाया और खा लिया. समय की बचत के साथसाथ दांतों को भी ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती,’ ट्रेडीशनल खाने में रोटी, दाल, सब्जी, रायता आदि बनाओ. यह तो फुल वन मील है. बरतन भी ज्यादा नहीं होते. बाई नहीं आए तो भी परेशानी नहीं.
हर वर्ग द्वारा सब से अधिक पसंद किया जाने वाला व्यंजन है चाइनीज. विदेशी व्यंजनों में भारतीय स्टाइल में बने चाइनीज व्यंजन खूब पसंद आते हैं. युवाओं और हर वर्ग उम्र के लोगों का झुकाव इस ओर खूब है. इन व्यंजनों की विशेषता यह है कि इन में विभिन्न प्रकार की सौस, पौली अनसैचुरेटेड औयल का प्रयोग किया जाता है. दूध से बनी चीजों का प्रयोग बहुत ही कम होता है. सोया सौस, जिस में अमीनो एसिड अधिक मात्रा में होता है, शरीर के नर्वस सिस्टम के लिए उपयुक्त है. स्टरफ्राई हरी व रंगबिरंगी सब्जियों का इस्तेमाल खूब होता है जो सेहत के लिए अच्छी हैं. चाइनीज नूडल्स, चाउमीन की मांग को देखते हुए बाजार में अब आटा नूडल्स, मल्टीग्रेन नूडल्स आदि भी आ गए हैं.
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फ्यूजन का जमाना
भारतीय किचन में जो विदेशी चीजें बनाई जाती हैं उन में मिर्चमसाला आदि का प्रयोग भारतीय स्टाइल में किया जाता है. यों कहा जा सकता है कि भोजन में भी ‘फ्यूजन’ का जमाना है. हमारे ‘टैस्ट बड्स’ भारतीय हैं, इसलिए हम चटपटा, कुरकुरा, मसालेदार और तीखा पसंद करते हैं. नूडल्स बने या पास्ता, स्पाइसी ही खाते हैं. पिज्जा की बात करें तो हमारे यहां लोग लाल टमाटर सौस के साथ खाना अधिक पसंद करते हैं.
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विदेशी खाने में ‘तीखापन’ न के बराबर होता है तथा खाने में कई तरह की हर्ब्स का इस्तेमाल किया जाता है जबकि हमारे यहां लाल तीखी मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है. अब तो नई कंपनियां ग्राहक की पसंद को देखते हुए भारतीय स्टाइल में विदेशी व्यंजन सर्व कर रही हैं.