बच्चों को पब्लिक प्लेस पर ले जाना किसी मुसीबत से कम नहीं होता खासकर जब बच्चे बदमाश हों और बाहर जाकर तूफान मचा देते हों. कई बार तो बच्चे बाहर जाकर खाने की टेबल पर इतना आतंक मचाते हैं कि औरों के सामने आपको शर्मिंदा होना पड़ता है. कुछ बच्चे खाना खाते समय एक जगह पर टिक कर नहीं बैठते, इधर उधर भागते रहते हैं, क्रोकरी के साथ छेड़छाड़ करते रहते हैं. कभी पानी टेबल पर गिरा देते हैं तो कभी खाना, जिससे मेजबानों को अत्यंत परेशानी का सामना करना पड़ता है, इसलिये कम उम्र से ही बच्चों को टेबल मैनर्स सिखाएं, ताकि घर में या घर बाहर जाकर आपको शर्मिंदगी का सामना न करना पड़े.

घर से करें शुरुआत

कई बच्चों को नैपकिन व नाइफ का इस्तेमाल करना नहीं आता. तो कुछ बच्चों को खाना खाने वक्त जोर से आवाज करने की आदत होती है. पेरैंट्स होने के नाते आपको अपने बच्चे को रेस्तरां, सामाजिक आयोजनों में ले जाने से पहले टेबल पर बैठने और खाने के तरीकों के बारे में सिखाना चाहिए. नन्हे बच्चों में टेबल मैनर्स और खाने के शिष्टाचार सिखाने की शुरुआत अपने घर से ही करनी चाहिए. टेबल मैनर्स का प्रयोग बच्चा घर से बाहर कर सके, इसके लिए उसे पहले घर पर प्रैक्टिस करायें. अगर बच्चा रेस्तरां में या किसी के घर पर कहने की टेबल पर कोई गलती कर रहा है तो उसे वहां डांटें या उस पर चीखे या चिल्लाएं नहीं, घर आकर आराम से प्यार से समझाएं. शुरुआती दौर में ऐसे रेस्त्रां में ले जाएं जहां बहुत ज्यादा भीड़ न हो, ताकि वह आपके द्वारा सिखाये गए टेबल मैनर्स का सहजता से प्रयोग कर सके अगर आपका बच्चा टेबल मैनर्स का पालन करता है तो उसकी तारीफ करें ताकि वह आगे भी उन नियमों का पालन करे. बचपन से बच्चों को टेबल मैनर्स सिखाना बहुत जरूरी है, क्योंकि जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा, उसे सोशल गेट टूगेदर में यह मैनर्स उसे आत्मविश्वास दिलाएंगे.

जरूरी टेबल मैनर्स

– अपने बच्चे को सिखाएं कि किस तरह उन्हें छोटे-छोटे टुकड़े तोड़कर, खाने को अच्छी तरह से चबाकर और मुंह बंद करके खाना खाना है साथ ही उन्हें यह भी सिखाएं कि पानी पीते व भोजन करते समय अनावश्यक आवाज न करें. साथ ही बच्चों में ऐसी आदत भी डालें कि वह प्लेट में उतना ही खाना लें जितना खा सकें या पहले थोड़ा ही ले और जरुरत हो तो बाद में ले लें, ताकि खाने को बर्बाद होने से बचाया जा सके.

– खाना खाते समय किस बर्तन में क्या खाना है इसकी जानकारी भी शुरुआती उम्र से ही बच्चों को दें, जैसे सूप के लिए बड़े चम्मच और डेजर्ट के लिए छोटे चम्मच और  ग्रेवी वाली डिश के लिए कटोरी का इस्तेमाल करना सिखाएं.

– बच्चों को यह भी सिखाएं कि अगर उन्हें खाने की कोई चीज टेस्टी लगती है तो उन्हें उसे बनाने वाली कि तारीफ किस तरह करनी चाहिए. साथ ही अगर कोई चीज उन्हें अच्छी न लगे तो किस तरह विनम्रतापूर्वक यह बताना है कि उन्हें वह डिश पसंद नहीं आयी.

– बच्चो को बताएं कि अपने घर में भी और किसी और के घर में भी खाना खाने के बाद वे अपनी प्लेट खुद उठाकर सिंक में रखें .

– किसी भी रेस्टोंरट में जाने पर बच्चों को नैपकिन का यूज करना सिखाएं. नैपकीन का यूज मुंह या हाथ पोंछने के लिए ही करें.

– बच्चों को टेबल पर बैठने के  मैनर्स भी सिखाएं. उन्हें बताएं कि हाथों को टेबल पर रखें. उन्हें यह भी बताएं कि खाना खाते वक्त आपके हाथों की पोजीशन ऐसी हो कि साथ बैठे लोगों को दिक्कत नहीं आए.

– उसे बताएं कि वह खाना खाते समय बात न करे. बच्चे को सिखाएं कि वह भोजन करते समय नाइफ को राइट और फॉक को लेफ्ट हेंड से पकड़े. खाना खत्म होने के बाद पानी के गिलास में हाथ न धोएं. अगर वे खाना खा चुके हों तब भी तुरंत बाद टेबल से नहीं उठें. सबके भोजन समाप्त होने का इंतज़ार करें.

– अपने बच्चे को घर पर शुरुआत से ही अलग-अलग तरह की कटलरी का प्रयोग करना सिखाएं. खास कर चम्मच या छुरी से खाना, कई बार किसी किसी पार्टी में छुरी कांटे  से  ही खाने का ऑप्शन होता है. बच्चे को प्लेट से भोजन को चम्मच से मुंह के पास ला कर खाना खाने को कहें. उसे बताएं कि अगर डाइनिंग टेबल पर उसे कोई डिश चाहिए तो पास बैठे व्यक्ति से वह डिश पास करने को कहे न कि टेबल के दूसरी ओर हाथ बढ़ा कर खुद लेने की कोशिश करे.

– बच्चे को सिखाएं कि अगर वह किसी के घर पार्टी पर जाता है और उसे कोई खाने की कोई चीज़ पसंद आती है तो वह मेजबान को थैंक यू बोले और उस की तारीफ अवश्य करे. साथ ही उसे यह भी सिखाएं कि यदि उसे कोई डिश पसंद नहीं आती तो उसके लिए खराब कमेन्ट न दे. ऐसा करना बैड मैनर्स माना जाता है.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...