आजकल फैमिली में सिंगल चाइल्ड का ट्रैंड चल पड़ा है जिस से धीरेधीरे उस घर के बच्चे के मन में यह भावना घर करने लगती है कि वह घर पर अकेला है और सबकुछ उसी का है. हर चीज पर उसी का अधिकार है और यह एकछत्र साम्राज्य की भावना धीरेधीरे उस के जीवन पर भी हावी होने लगती है. फिर चाहे घर हो या फ्रैंड सर्किल उसे लगता है कि सिर्फ वही सबकुछ है. वह खुद को सुपर दिखाने की कोशिश करता है, इस से उसे अपनी हर गलती भी सही लगती है, क्योंकि वह इतने लाड़प्यार वाले माहौल में पलाबढ़ा होता है कि समझ ही नहीं पाता कि औरों के भी हक हैं, भावनाएं हैं, उस का यही स्वभाव उस की पर्सनैलिटी पर गलत प्रभाव डालता है, जिस से लोग उस से दोस्ती करने के बजाय उस से दूर भागने लगते हैं. अत: घर में अकेले हैं तो खुद को शहंशाह न समझें बल्कि अकेले होने के बावजूद बढ़ी अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान दें, क्योंकि आप को अकेले ही घर की सभी जिम्मेदारियां निभानी हैं फिर चाहे वह कमाई की हो, रिश्तेदारी की या मातापिता को संभालने की.
फैमिली में अकेली हैं तो क्या न करें
मनमानी न करें
अकसर देखने में आता है कि जिस घर में पेरैंट्स की अकेली लड़की होती है उस घर में उस की खूब केयर होती है और लाड़प्यार में पली ऐसी लड़की को लगता है कि वह अब अपनी कैसी भी इच्छा पूरी करवा सकती है, जिस से मनमानी करना उस के स्वभाव में शामिल होने लगता है.