आजकल फैमिली में सिंगल चाइल्ड का ट्रैंड चल पड़ा है जिस से धीरेधीरे उस घर के बच्चे के मन में यह भावना घर करने लगती है कि वह घर पर अकेला है और सबकुछ उसी का है. हर चीज पर उसी का अधिकार है और यह एकछत्र साम्राज्य की भावना धीरेधीरे उस के जीवन पर भी हावी होने लगती है. फिर चाहे घर हो या फ्रैंड सर्किल उसे लगता है कि सिर्फ वही सबकुछ है. वह खुद को सुपर दिखाने की कोशिश करता है, इस से उसे अपनी हर गलती भी सही लगती है, क्योंकि वह इतने लाड़प्यार वाले माहौल में पलाबढ़ा होता है कि समझ ही नहीं पाता कि औरों के भी हक हैं, भावनाएं हैं, उस का यही स्वभाव उस की पर्सनैलिटी पर गलत प्रभाव डालता है, जिस से लोग उस से दोस्ती करने के बजाय उस से दूर भागने लगते हैं. अत: घर में अकेले हैं तो खुद को शहंशाह न समझें बल्कि अकेले होने के बावजूद बढ़ी अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान दें, क्योंकि आप को अकेले ही घर की सभी जिम्मेदारियां निभानी हैं फिर चाहे वह कमाई की हो, रिश्तेदारी की या मातापिता को संभालने की.
फैमिली में अकेली हैं तो क्या न करें
मनमानी न करें
अकसर देखने में आता है कि जिस घर में पेरैंट्स की अकेली लड़की होती है उस घर में उस की खूब केयर होती है और लाड़प्यार में पली ऐसी लड़की को लगता है कि वह अब अपनी कैसी भी इच्छा पूरी करवा सकती है, जिस से मनमानी करना उस के स्वभाव में शामिल होने लगता है.
अगर पेरैंट्स उसे डिनर पर साथ चलने को कहते हैं तो वह घर पर ही डिनर मंगवाने की जिद करने लगती है और अपनी इस जिद में यह भी भूल जाती है कि उस के अलावा औरों की भी इच्छा है.
अंत में पेरैंट्स उस की खुशी के लिए झुक जाते हैं और घर पर ही डिनर करने को राजी हो जाते हैं, जबकि ऐसे में उस को चाहिए कि वह अपने पेरैंट्स की हर बात की रिस्पैक्ट करे और उन की खुशी के लिए हरदम झुकने को तैयार रहे न कि हरदम मनमानी करती रहे.
स्पैशल ट्रीट करवाने की कोशिश न करें
भले ही आप को आप के मम्मीपापा स्पैशल ट्रीटमैंट देते हों लेकिन यह जरूरी नहीं कि यही ट्रीटमैंट फैमिली के और मैंबर्स यानी आप के कजिंस भी दें. इसलिए जब भी आप कजिंस से मिलें तो ऐसे शो न करें जैसे आप बहुत खास हैं, इसलिए सब का फोकस आप पर ही रहे, सब बाकी लोगों को छोड़ कर आप को ही ऐंटरटैन करें. कोई चीज सर्व हो तो शुरुआत आप से ही हो बल्कि आप नौर्मल रहें और सब से शिष्टाचार से बोलें, जिस से वे यह कहने पर मजबूर हो जाएं कि देखा, पूरी फैमिली में अकेली लड़की है फिर भी कितनी समझदार है.
ड्रामा न करें
अगर आप को मामूली सी चोट लगी है या फिर बुखार है तो पूरा घर सिर पर न उठा लें कि मेरे यहां दर्द हो रहा है, हाय मुझ से तो उठा ही नहीं जा रहा जबकि दर्द आप को सिर्फ थोड़ा ही हो रहा है.
लेकिन यह सारा ड्रामा ऐक्स्ट्रा केयर व सब आगेपीछे घूमें इस के लिए ही किया जा रहा है. यहां तक कि जिस किसी का फोन भी आए तो आप उस के सामने अपनी बीमारी का रोना रोने लग जाएं ताकि हर कोई आप को देखने आए. इसलिए मामूली बातों पर ज्यादा रिऐक्ट न करें और जब तक जरूरी न हो अपनी समस्या अपने तक ही रखें. ध्यान रहे आप की ऐसी हरकतें दूसरों की परेशानी बढ़ा सकती हैं.
‘मैं’ वाला कौन्सैप्ट छोडे़ं
पापा देखो न मेरे सिवा घर में बच्चा है ही कौन, जो है सब मेरा ही तो है. मैं ही आप की दुनिया हूं, तो पापा आप के इस ‘मैं’ इमोशन के सामने पिघल कर आप को आप की पसंद का वीडियोगेम दिला देंगे और आप वीडियोगेम हाथ लगते ही खुद को शहंशाह समझने लगेंगी और फिर सब को वीडियो गेम दिखा कर चिढ़ाने लगेंगी कि देखा मेरा वीडियो गेम, मैं कहती हूं न कि मैं शहंशाह हूं.
इस में एक तो आप अपने पेरैंट्स को ‘मैं ही हूं’ शब्द से बारबार पिघलाने की कोशिश कर रही हैं वहीं दूसरी ओर अपनी ‘मैं’ के कारण औरों की नजरों में भी गिर रही हैं इसलिए अपने ‘मैं’ वाले कौन्सैप्ट को छोड़ें.
सब चीजों पर अपना हक न जमाएं
अकेली हैं तो इस का मतलब यह नहीं कि सिर्फ घर में आप की खुशी ही माने रखती है. मसलन, घर में एक टीवी है तो उस का यह मतलब नहीं कि हर वक्त आप की ही पसंद का सीरियल चलेगा. आप के पेरैंट्स भी खुद को रीफ्रैश करने के लिए टीवी देखना चाहते हैं अत: उन की इच्छाओं की भी कद्र करें. साथ ही जब मम्मीपापा लैपटौप या फोन में गेम खेलने लगें तो उन के हाथ से फोन छीन लेना या अपने काम का बहाना बना कर लैपटौप पर कब्जा जमाना ठीक नहीं. याद रखें, दूसरों की भी इच्छाएं हैं, अकेले होने का फायदा न उठाएं बल्कि उन की फीलिंग्स की कद्र करें.
फ्रैंड सर्किल में किन बातों का ध्यान रखें
सैंटर औफ अट्रैक्शन बनने की कोशिश न करें
भले ही आप अपने मम्मीपापा की प्रिंसैस हों लेकिन अगर आप अपने किसी फ्रैंड की बर्थडे पार्टी में गई हैं और वहां भी आप यह सोचें कि बर्थडे बौय को भूल कर सब आप पर फोकस करें तो भूल जाएं कि ऐसा होगा.
अगर आप बारबार उलटीसीधी हरकतें कर के सब का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश भी करेंगी तब भी सैंटर औफ अट्रैक्शन नहीं बन पाएंगी. इसलिए अपने को ही सबकुछ समझने की सोच को बाय कहें और अपने कारण किसी के इतने खास दिन को खराब न होने दें.
सिर्फ खर्च ही न करवाती रहें
चाहे 10 भाइयों की एक बहन हों या फिर पूरे ग्रुप में अकेली लड़की, लेकिन इस का मतलब यह नहीं कि हरदम अपने अकेले होने का फायदा उठाते हुए उन्हें लूटती रहें और जब कोई खर्च करने को कहे तो ‘यार अकेली हूं फिर भी मुझ से पैसे लोगे’ कहें. ऐसे में फ्रैंड्स भले ही यह बात सुन कर आप से पैसे न लें लेकिन पीठ पीछे आप की बुराई अवश्य करेंगे. इसलिए हर जगह अपने अकेले होने का फायदा न उठाएं वरना किसी दिन कोई यह कहने में भी देर नहीं लगाएगा कि अकेली है तो कोई शहंशाह थोड़ी न बन गई. अपनी अच्छी आदतों से सब का दिल जीतने की कोशिश करें.
अपनी पसंद दूसरों पर न थोपें
जब आप फ्रैंड्स के साथ आउटिंग पर जाएं तो वहां अपनी घर वाली दादागीरी न दिखाएं कि मैं तो शाही पनीर ही खाऊंगी या फिर मैगी और जब सब कहें कि यार यह डिश तो हमें पसंद नहीं इसलिए कोई दूसरी डिश मंगवा लेते हैं तो मुंह फुला कर न बैठ जाएं. ऐसे में उन्हें जबरदस्ती आप की खुशी के लिए हामी भरनी पड़ेगी लेकिन अंदर से उन्हें आप पर गुस्सा भी बहुत आएगा. इसलिए जब कभी बाहर जाएं तो ऐडजस्ट करना सीखें वरना अगली बार कोई फ्रैंड आप को इनवाइट करने की भूल नहीं करेगा.
हर बात पर जिद न करें
कहीं बाहर घूमने गई हैं तो वहां बातबात पर जिद कर के फ्रैंड्स का मूड औफ न करें, जैसे कि मुझे रूम में अकेले सोना है, सभी का सुबह घूमने जाने का प्रोग्राम 10 बजे का है लेकिन आप सिर्फ नींद के कारण 12 बजे चलने को बोलें. सब लोकल बस से घूमने की बात कहें लेकिन आप प्राइवेट कार करने की बात पर अड़ी रहें. ये सारी जिद घर में चल जाएगी क्योंकि अकेले होने के कारण पेरैंट्स आप को रोकेंगेटोकेंगे नहीं लेकिन फ्रैंड्स संग नहीं. इसलिए हर बात की जिद न करें.
जब अकेले रहते हैं तो इन बातों पर ध्यान दें
कभी भी निकल जाएं घूमने के लिए
आज पढ़ाई व जौब के सिलसिले में किशोरों को घर से दूर जा कर होस्टल या पीजी में रहना पड़ता है. ऐसे में घर से दूर जाते ही उन्हें लगने लगता है कि अब वे आजाद हो गए हैं. ऐसे में पीजी में रहते हुए जब भी मन करता है या फिर बोर हो रहे होते हैं तो घूमने निकल जाते हैं, बेशक तब रात ही क्यों न हो रही हो. भले ही आप अकेले रहें लेकिन कुछ नियमों का पालन घर की तरह ही करें. इस से आप सेफ भी रहेंगे.
जब मरजी सो कर उठें
पीजी रूम में देखने वाला तो कोई है नहीं इसलिए जब मरजी सो कर उठो, मन करे तो कालेज जाओ वरना पूरे दिन सोते रहो. भले ही आप पर नजर रखने वाला अब कोई, नहीं लेकिन ऐसा कर के आप अपने साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, इसलिए रूटीन को फौलो जरूर करें.
कुछ भी देख लेने की आदत
जब घर पर थे तब तो मम्मी की नजर हरदम आप पर ही टिकी रहती थी कि फोन में क्या देख रहे हो, टीवी पर कौन सा चैनल चलाया हुआ है. पर अब कोई टोकने व देखने वाला नहीं है तो फ्रैंड्स के कहने पर पोर्न साइट्स भी देखने से गुरेज नहीं करते. ऐसे में ऐसी चीजें देख कर आप का पढ़ाई से ध्यान तो हटेगा ही साथ ही आप की नैगेटिव इमेज भी बनेगी.
अभद्र भाषा का प्रयोग
अकेले रहना क्या शुरू किया कि दोस्तों के साथ अबे, तू, साला या फिर गंदीगंदी गालियों से बातें करें और छोटी सी बात पर मारपीट करने को तैयार हो जाएं. ध्यान रहे अकेले रहने का मतलब यह नहीं कि आप सारी मर्यादाएं ही भूल जाएं.
इस तरह यदि आप अकेले हैं चाहे सिचुऐशन कैसी भी हो तब भी अपनी जिम्मेदारियों को न भूलें और खुद को अकेला हूं कह कर शहंशाह न समझ बैठ