दिल्ली में किए गए एक अध्ययन से  यह खुलासा हुआ कि दीवाली के मौके पर दिल्ली के अस्पतालों में पटाखों से जख्म के मामले शहर की एक लाख की आबादी पर एक के हिसाब से आते हैं. इस अनुपात से हम यह सोचने पर मजबूर हुए कि पटाखों से बचना कितना महत्वपूर्ण है.

दीवाली पर अपने बच्चों को लेकर कैसी सावधानियां बरतनी चाहिए.

दीवाली करीब है और इसके साथ पटाखों का त्हायोर आने ही वाला है. अगर आप चाहते हैं कि बच्चे इस त्योहार का आनंद लें तो कुछ अच्छे काम करें और दीवाली मनाने की अपनी योजना इसी अनुसार बनाएं.

इस बारे में बता रहे है, क्लिनिक ऐप्प के सीईओ श्री सतकाम दिव्य.

अगर घर पर आपके कोई बच्चा है जो इस बार पहली दीवाली देखेगा तो यह साल और विशेष बन जाता है. इसलिए, दीवाली पर जो सबसे पहली सावधानी बरती जानी है वह है है पटाखे चलाने के समय ध्यान रखना.

जो आप को किसी भी दुर्घटना से बचने में सहायता करेंगी और इस प्रकाश पर्व में आपको किसी भी तरह की घटना को रोकने में सहायता मिलेगी.

बच्चों के साथ दीवाली की योजना बनाने के लिए

नवजात और छोटे बच्चों को दीवाली के शोर के बीच अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है. अगर आप पटाखे चला रहे हैं, दीया जला रहे हैं या फिर लाइट लगा रखी है तो सतर्क और सावधान रहें. पटाखों और दीयों से प्रदूषण भी होता है. इसलिए बच्चे का ख्याल रखना जरूरी है. यहां कुछ ऐसे उपाय बताए जा रहे हैं जिससे आप अपने बच्चे के साथ अच्छी दीवाली मना सकते हैं.

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इस मौके के लिए नियमित चीजों की योजना बनाइए

छोटे बच्चों को उनकी दिनचर्या की आदत रहती है. इसलिए वे चाहते हैं कि उनके काम उसी क्रम में चलते रहें और उनके सामान ठीक से रहें. इससे वे खुश और शांत रहते हैं. त्यौहार का अपना कार्यक्रम बनाने में इन बातों का ख्याल रखें और देखें कि दीवाली के कारण आपकी व्यवस्तता या किसी अन्य काम के कारण वे ना अलग महसूस करें और ना ही उपेक्षित रहें. वैसे भी कोई अभिभावक नहीं चाहता कि उसका बच्चा रोए. उल्टे हर कोई चाहता है कि बच्चे की मुस्कुराती तस्वीर मिले.

तेज आवाज वाले पटाखों से बचिए

पटाखें बच्चे के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं और जरा सी भी लापरवाह या चूक खतरनाक हो सकती है. इसलिए शोर करने वाले पटाखों से दीवाली मनाने की बजाय आप शोर मुक्त पटाखे चला सकते हैं जो आपके बच्चों को खुश कर देगा और उन्हें पसंद आएगा. इस तरह वे पटाखों से डरने की बजाय खुश रहेंगे.

सूती कपड़े पहनिए

यह एक महत्वपूर्ण जानकारी है जो हर किसी के लिए है, सिर्फ बच्चों के लिए नहीं. हम समझते हैं कि दीवाली के दौरान आप सर्वश्रेष्ठ दिखना चाहते हैं और नए कपड़े पहनना चाहते हैं. नए कपड़े अक्सर सिल्क या सिंथेटिक होते हैं. दीवाली पर इस बात का ध्यान रकिए और अगर आप पटाखे चला रहे हैं या आपके आस-पास दीये जल रहे हैं तो कोशिश कीजिए कि कपड़े सूती हों और लहराने वाले न हों बल्कि उन्हें संभाल कर भी रखिए.

उपरोक्त उपायों के अलावा त्यौहार के समय हरेक अभिभावक और बच्चे को इसका पालन करना चाहिए.

दीवाली के समय पटाखे चलाने में बच्चों के लिए क्या करें और क्या नहीं करें

  • हल्के छोटे पटाखे छत या खुली जगह में चलाएं.
  • अपने बच्चों को आरामदेह कपड़े पहनाएं न कि कसे हुए.
  • पटाखे चलाते समय रॉकेट को बोतल में और चक्री को समतल सतह पर रखें.
  • प्राथमिक उपचार के लिए किट और पानी की भरी बाल्टी तैयार रखिए.
  • एक बार में एक ही पटाखा चलाइए.
  • सुनिश्चित कीजिए कि बच्चे बड़ों की मौजूदगी में पटाखे चलाएं.
  • पटाखे चलाते समय ज्वलनशील चीजें दूर कर दें.
  • अपने पैरों को ढंग कर रखने के लिए  जूते पहनिए.

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क्या नहीं करें

  • पटाखें संकरी या छोटी जगह पर न चलाएं ताकि दुर्घटनाएं न हों.
  • नायलौन, सिल्क या सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें और जो पहने उसे संभाल कर रखे.
  • पटाखे दियासलाई से न जलाएं बल्कि मोमबत्ती का उपयोग करें और पटाखे के पास रखकर भाग लें.
  • पटाखों का चुनाव आयु के लिहाज से करें.
  • बच्चे मांगे तो भी उन्हें खतरनाक पटाखे न दें.
  • रौकेट को बोतल में रखे बिना न चलाएं.
  • तारों या पेड़ के नीचे पटाखें न चलाएं.
  • पटाखा न चले तो नजदीक न जाएं. इंतजार के बाद ही आगे बढ़ें.
  • पटाखों के मामले में खेल न करें ना उन्हें मजाक में लें. एक साथ दो-तीन पटाखे न चलाएं.
  • पटाखे या जलने वाली चीज को पास में या जेब में न रखें.
  • पटाखे हाथ में रखकर न चलाएं.
  • जलते हुए पटाखे दूसरों पर या पेड़ों पर न फेंके.

हम उम्मीद करते हैं  अब आपको आईडिया हो गया होगा कि दीवाली पर कैसी सावधानियां बरतनी चाहिए और बच्चों का ख्याल कैसे रखना है. इस बार दीवाली में और आने वाले वर्षों में इन बातों का ख्याल रखें.

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हमेशा अपने बच्चे की सुरक्षा के बारे में पहले सोचे और कोई भी योजना उसके बाद बनाएं. अगर कोई शंका हो तो ऑनलाइन रिसर्च कर लें इससे काफी सहायता मिल जाएगी. त्यौहार के दौरान बच्चों को संभालने और उनकी सुरक्षा के लिए दोनों अभिभावकों को समान जिम्मेदारी लेनी चाहिए. इस तरह किसी भी समय बच्चे पर किसी ना किसी की नजर रहेगी ही. इस तरह काम करने पर त्यौहार तनाव नहीं देते हैं उल्टे तनाव कम करने का काम करते हैं और आपकी व्यस्त तथा नीरस दिनचर्या से कुछ अलग करने का मौका मिलता है. इस साल सुरक्षित और भरपूर दीवाली मनाएं

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