लॉक डाउन के इस समय में हमारे साथ-साथ बच्चे भी घर के अंदर कैद हो चुके हैं. और बच्चों की फितरत होती है खेलना-कूदना क्योंकि उनमें हमसे कहीं अधिक एनर्जी होती है. किन्तु इस वातावरण में बच्चों के पास न तो स्कूली शिक्षा है, और न ही खेलने की अलग जगह. सामान्य हालातों में जब हम घर के अंदर बच्चों की धमा-चौकड़ी से तंग आ जाते हैं तो उन्हें खेलने के लिए घर से बाहर पार्क या मैदान में भेज देते हैं, परंतु इस समय ऐसा करना मुमकिन नहीं है. और इसीलिए अधिकतर माता-पिता बच्चों के कारण काफी परेशान हो रहे हैं. बच्चों के हर समय घर में रहने और मम्मी-पापा को परेशान करने के कारण कई चुटकुले भी बन रहे हैं, जैसे अगर लॉक डाउन यूँ ही चलता रहा तो कोई माँ ही कोरोना का इलाज ढूंढ निकालेगी!

बच्चों को हैंडल करना जितना मुश्किल है, उतना ही आसान भी. लॉक डाउन ने आपको बच्चों के साथ अच्छे क्वालिटी टाइम के साथ क्वान्टिटी टाइम भी दिया है. बस, आपको थोड़ी समझदारी से काम लेना होगा.

घर बैठे क्या करें बच्चे

उछल-कूद मचाना बच्चों की नैचुरल डिमांड होती है जोकि आजकल वो कर नहीं पा रहे हैं. अगर आपका बच्चा खेल-कूद में ज़्यादा इंटरेस्टेड था तो ऐसे में आप उसे समझने की कोशिश करें. उसके साथ इन्वोल्व हों. आज एक अच्छा मौका है टीवी के ऊपर अपनी निर्भरता खत्म करने का. बच्चों के साथ बोर्ड गेम खेलें ताकि वो स्क्रीन की दुनिया से बाहर आ सकें.

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