जिन लड़कियों के ब्रैस्ट का आकार छोटा होता है या ज्यादा बड़ा होता है वे परेशान रहती हैं. उन के मन में यह डर रहता है कि ब्रैस्ट का आकार पति के साथ संबंधों में परेशानी का सबब तो नहीं बन जाएगा. शादी के बाद हनीमून और वहां पहनी जाने वाली सैक्सी ड्रैस में बहुत छोटे या बहुत बड़े ब्रैस्ट बाधा बनते हैं. शादी के पहले इस तरह की परेशानी ले कर तमाम लड़कियां डाक्टरों के पास पहुंचती हैं. इन लड़कियों को इस बात की चिंता होती है कि वे पति को फर्स्ट नाइट में खुश रख पाएंगी या नहीं.

ब्रैस्ट शेपिंग को ले कर दूसरी बड़ी चिंता क्लीवेज होती है. फैशनेबल ड्रैस पहनने वाली लड़कियों को लगता है कि अगर उन की क्लीवेज नहीं दिखेगी तो उन को सैक्सी, बोल्ड और ब्यूटीफुल नहीं माना जाएगा. क्लीवेज दोनों ब्रैस्ट के बीच दिखने वाली गहराई को कहा जाता है.

आज के दौर में क्लीवेज के शेप को सब से खूबसूरत माना जाता है. हर लड़की की यह इच्छा होती है कि उस की क्लीवेज सुंदर दिखे. इस के लिए वह ब्रैस्ट शेपिंग का हर उपाय करना चाहती है.

ग्लो एस्थैटिक क्लिनिक, लखनऊ की प्रमुख डा. प्रभा सिंह कहती हैं, ‘‘शादी के पहले केवल लड़कियां ही नहीं, उन की मां तक ब्रैस्ट शेपिंग की समस्या का समाधान कराने आती हैं. कई लड़कियां कहती हैं कि उन की होने वाली सास चाहती हैं कि उन का ब्रैस्ट शेप में सुंदर लगे.’’

सर्जरी ब्रैस्ट इंप्लांट

ब्रैस्ट शेपिंग के 2 तरीके होते हैं. पहला तरीका ब्रैस्ट इंप्लांट होता है. यह सामान्य रूप से नहीं किया जाता. जब ब्रैस्ट बहुत ही छोटे होते हैं तो इस सर्जरी को अपनाया जाता है. ब्रैस्ट का साइज कपसाइज के ऊपर निर्भर करता है. महिलाओं के ब्रैस्ट का साइज ‘ए’ से शुरू हो कर ‘एच’ तक बढ़ता रहता है. ‘सी’ और ‘डी’ साइज को भारतीय ब्यूटी में सब से खूबसूरत माना जाता है. खूबसूरत ब्रैस्ट का पैमाना उम्र और लंबाई के हिसाब से जो खूबसूरत लगे उसी को माना जाता है. सब से छोटे साइज को हाइपोमेस्टिया और बहुत बड़े साइज को जिंगटोमेस्टिया कहते हैं. ये दोनों ही साइज औरतों या युवतियों में हीनभावना को बढ़ावा देने वाले होते हैं. बड़े साइज के ब्रैस्ट से फैट निकाल कर उस का साइज ठीक किया जाता है.

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ब्रैस्ट का छोटा होना कुदरती बात होती है. आज के दौर में युवतियां या औरतें इस को स्वीकार नहीं कर पातीं. वे इस को दूर करने के उपाय करने की कोशिश में लगी रहती हैं. बहुत सारे मामलों में शादी और बच्चा पैदा होने के बाद ब्रैस्ट के साइज में बदलाव होता है. कभीकभी ऐसा नहीं भी होता. इस तरह के मामलों में कौस्मैटिक सर्जरी के जरिए ब्रैस्ट का इंप्लांट कर के मनचाहा आकार हासिल किया जा सकता है. कभीकभी युवतियों या औरतों में एक ब्रैस्ट छोटा और दूसरा बड़ा भी होता है.

आमतौर पर यह फर्क इतना मामूली होता है कि किसी को पता नहीं चलता. अगर साइज का यह फर्क दूर से दिखाई देने वाला हो तो ब्रैस्ट इंप्लांट के जरिए दोनों का साइज बराबर भी किया जा सकता है.

ब्रैस्ट इंप्लांट के लिए सिलिकौन इंप्लांट का ही प्रयोग किया जाता था. आधुनिक तकनीक से ब्रैस्ट इंप्लांट में बहुत से बदलाव आ गए हैं. इस से ब्रैस्ट नैचुरल सा लुक देने लगता है. ब्रैस्ट इंप्लांट के लिए मैमरीग्लैंड के नीचे सर्कयुमैरियोलर, आर्मपिट या ट्रांसुबिलिकल में चीरा लगा कर सिलिकौन पैड को डाला जाता है. नीचे चीरा लगने के कारण इस का निशान छिप जाता है और धीरेधीरे यह खत्म भी हो जाता है.

औपरेशन के बाद त्वचा में खिंचाव पैदा होने के कारण कुछ दिनों तक दर्द बना रह सकता है. इस को दूर करने के लिए दवाएं दी जाती हैं. अलगअलग साइज के इंप्लांट बाजार में मिलते हैं. जिन की कीमत 30 से 35 हजार रुपए के आसपास होती है.

इस के अलावा लगभग इतना ही खर्च दवाओं और सर्जरी का भी आता है. 70 से 75 हजार रुपए के बीच का कुल खर्च ब्रैस्ट इंप्लांट में आता है. कुछ अस्पतालों में यह खर्च एक लाख रुपए के आसपास होता है. यह औपरेशन लगभग एक घंटे का होता है.

आमतौर पर औपरेशन के बाद कोई परेशानी नहीं आती. अगर एक माह कुछ नहीं होता है तो मरीज को भी भूल जाना चाहिए कि उस का औपरेशन हुआ है. पति को बिना बताए, पता नहीं चल सकता. मां बनने के बाद बच्चे को दूध पिलाने में कोई परेशानी नहीं आती है. जब चाहे इसे निकाला भी जा सकता है.

ब्रैस्ट शेपिंग मसाज

ब्रैस्ट को सही आकार देने के लिए कुछ ऐसे भी तरीके होते हैं जिन में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती. डा. प्रभा सिंह कहती हैं, ‘‘आमतौर पर 20 से 22 साल की उम्र में जब ब्रैस्ट का आकार 30 ब्रा साइज से कम होता है तो उसे छोटा और 34 से ज्यादा होता है तो बड़ा माना जाता है. छोटे ब्रैस्ट वाली लड़कियां ज्यादा परेशान रहती हैं.

‘‘कई बार जब उन को यह बताया जाता है कि शादी के बाद सैक्स ऐक्टिविटी से ब्रैस्ट का साइज बढ़ता जाता है और मां बनने के बाद भी यह बढ़ता है. ऐसे में ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं होती है. अब लड़कियां इस के लिए तैयार नहीं होतीं. उन के मन में फर्स्ट नाइट इंप्रैशन का सवाल रहता है. ऐसे में मसाज द्वारा ब्रैस्ट के आकार को बढ़ाने का सहारा लिया जा सकता है.’’

शादी के बाद जब ब्रैस्ट का आकार बढ़ता है उस का भी कारण ब्रैस्ट मसाज ही होता है. सैक्स ऐक्टिविटी के समय ब्रैस्ट की मसाज सी हो जाती है. जिस का प्रभाव उस के आकार

पर पड़ता है. यह मसाज अगर लड़की खुद भी 5-6 माह तक भी अच्छे बौडी औयल से करे तो ब्रैस्ट का आकार 30 से 32 हो सकता है.

कई क्लिनिक भी इस तरह की मसाज देने का काम करते हैं. क्लिनिक में ट्रेंड नर्स इस तरह की मसाज देती हैं जिस से फर्क कम समय में ही दिखने लगता है. कुछ क्लिनिक्स में हाथ के बजाय मशीन से मसाज की जाती है. यह प्रोसीजर भी कारगर होता है. ब्रैस्ट के आकार को बढ़ाने के लिए मसाज थेरैपी के साथ ही साथ डाइट पर भी ध्यान देना चाहिए. अच्छी डाइट होने से शरीर पर प्रभाव पड़ता है जिस से ब्रैस्ट का आकार भी ठीक हो जाता है.

कई लड़कियों में छोटे ब्रैस्ट की आनुवंशिक समस्या होती है. वहां मसाज कम असरदार होती है. ऐसे में हार्मोंस की दवाएं देने से ब्रैस्ट के आकार को बड़ा किया जाता है. शादी से पहले ब्रैस्ट के आकार को बड़ा करने या छोटा करने के लिए सर्जिकल प्रोसीजर का प्रयोग नहीं करना चाहिए जब तक कि कोई दूसरा उपाय न हो. अगर बड़े ब्रैस्ट को छोटा करना है तो डाइट का ध्यान दे कर शरीर के बढ़ते फैट को कम कर के ब्रैस्ट के आकार को ठीक किया जा सकता है.

कई लड़कियों में ब्रैस्ट के ढीलेपन की परेशानी भी होती है. इस को भी मसाज और ऐक्सरसाइज से ठीक किया जा सकता है.

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ब्रैस्ट शेपिंग से बढ़ती क्लीवेज की खूबसूरती

आज के समय में लड़कियों में अपनी क्लीवेज दिखाने का फैशन चल पड़ा है. शादी में भी ऐसी ड्रैस तैयार होती है जिस से क्लीवेज दिखती रहे. हनीमून और नाइट ड्रैस में भी इस बात का खास खयाल रखा जाता है क्रि ब्रैस्ट की खूबसूरती दिखती रहे.

ब्रैस्ट को ब्रा का सपोर्ट दे कर उस के क्लीवेज को उभारने का काम किया जाता है. इस के लिए पैडेड ब्रा, अंडरवायर ब्रा, डबल पैडेड ब्रा का सहारा लिया जाता है. ब्रा से ब्रैस्ट के साइज को ज्यादा और क्लीवेज को सुंदर दिखाया जा सकता है.

पति के साथ करीबी क्षणों में ब्रा के सहारे ब्रैस्ट के साइज को उभारना संभव नहीं हो पाता. नाइटी में भी पैडेड ब्रा अपना असर नहीं डाल पाती. ऐसे में लड़कियों को नैचुरल ब्रैस्ट साइज की जरूरत होती है. इस के लिए शादी से पहले वे हर तरह के उपाय करने को तैयार रहती हैं. इन में खाने की गोलियां, लगाने की क्रीम कुछ भी हो सकती हैं.

ब्यूटी प्रोडक्ट्स में ब्रैस्ट की शेपिंग और साइज को बढ़ाने के नाम पर बहुत सारे प्रोडक्ट्स बाजार में मौजूद हैं. लड़कियां ब्रैस्ट के साइज को ले कर मानसिक कुंठा से बाहर निकलें तो उन को लगेगा कि करीबी पलों में साइज नहीं, ऐक्टिविटी मैटर करती है. जहां तक क्लीवेज की बात है, उन को ब्रा के सहारे उभारा जा सकता है. इस तरह की ब्रा का प्रयोग उतने ही समय के लिए करें जितना जरूरी हो.

खूबसूरती के लिए पुशअप

अगर ब्रैस्ट का आकार सही नहीं है, उन में ठीक से उभार नहीं है या फिर बैकलैस पोशाक पहननी है तो पुशअप का प्रयोग किया जा सकता है. यह पुशअप अलगअलग आकार के आते हैं. इन को पानी के सहारे ब्रैस्ट से चिपका लिया जाता है. इन का प्रयोग ज्यादा  से ज्यादा 2 बार ही किया जा सकता है. इस की कीमत 200 से 500 रुपए तक होती है.

ब्रैस्ट के उभार को दिखाने के लिए पुशअप ब्रा भी आती है. इस में ब्रा के दोनों कप्स में निचले हिस्से में एक वायर पड़ा होता है. चाहें तो इस को निकाल भी सकते हैं. इस के प्रयोग से ब्रैस्ट में मनचाहा उभार दिख सकता है. उभार दिखाने के लिए ब्रा के अंदर रखे जाने वाले पैड भी आते हैं. ये इतने कोमल होते हैं कि इन का पता ही नहीं चलता है. इन की कीमत 300 रुपए से शुरू हो जाती है. ये अलगअलग आकार के आते हैं.

निप्पल कवर

कभीकभी ब्रैस्ट के निप्पल का साइज कपड़ों के ऊपर अजीब सा दिखता है. इन परेशानियों को दूर करने के लिए निप्पल कवर भी आते हैं जो पुशअप की तरह चिपक जाते हैं. द्य

छोटे-बड़े ब्रैस्ट से न घबराएं

ब्रैस्ट का साइज कभी भी एकजैसा नहीं होता है. दोनों ब्रैस्ट के साइज में थोड़ाबहुत अंतर अवश्य होता है. यह अंतर ऐसा होता है जो आसानी से समझ ही नहीं आता. बहुत कम औरतों में यह अंतर ऐसा होता है जो आसानी से पता चल जाता है. यह अंतर इतना ज्यादा होता है कि इस को आसानी से छिपाया भी नहीं जा सकता. अगर अंतर इतना ज्यादा है तो डाक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है. ज्यादातर मामलों में यह अंतर सामान्य होता है. माहवारी के पहले यह अंतर दिखाई देता है, बाद में अपनेआप सही हो जाता है. जिन ब्रैस्ट के साइज में फर्क सामान्य वजहों से होता है उन को दबाने से दर्द नहीं होता. अगर ब्रैस्ट को दबाने से न सहने वाला दर्द हो तो डाक्टर से मिल कर उस की जांच जरूर करानी चाहिए.

इनरवियर में ऐक्सेसरीज का जलवा

ब्रैस्ट औरत की खूबसूरती का सब से अहम हिस्सा होता है. इस के लिए तरहतरह के डिजाइनर इनरवियर तो बहुत पहले से बाजार में बिक रहे थे. आज का दौर बदल गया है. अब हर औरत अपने को सुंदर दिखाने के लिए इनरवियर में भी ऐक्सेसरीज का प्रयोग करने लगी है. ब्रा और ब्रैस्ट में लगने वाली ये ऐक्सेसरीज कम दामों से ले कर महंगे दामों तक खूब बिक रही हैं.

खूबसूरत स्ट्रैप्स

ब्रैस्ट सौंदर्य को निखारने के लिए औरतें डिजाइनर ब्रा का प्रयोग करती रही हैं. इस में अब ऐसे स्ट्रैप्स का प्रयोग किया जा रहा है जो देखने में खूबसूरत हों. स्किन कलर के स्ट्रैप्स भी चलन में आ गए हैं जिस से टौपलैस पोशाक पहनने पर ब्रा के स्ट्रैप्स दूर से दिखाई न दें.

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रंगबिरंगे स्ट्रैप्स

अपनी पोशाक से मैच करते हुए स्ट्रैप्स का प्रयोग ब्रा में कर सकते हैं. इन के लिए अलगअलग रंगों में स्ट्रैप्स मिलते हैं. कुछ में पोशाक से मैच करती हुई इंब्रौयडरी भी होती है. इन स्ट्रैप्स की कीमत 100 रुपए से शुरू हो कर 300 रुपए तक होती है.

ज्वैलरी स्ट्रैप्स

गले में पहने गए नैकलेस के डिजाइन से मैच करते हुए ब्रा के स्ट्रैप्स रखने हैं तो बाजार में वे भी उपलब्ध हैं. ये आर्टिफिशियल डिजाइन के तैयार किए जाते हैं. कुछ शौकीन लोग चांदी और सोने में भी इस को तैयार करवाते हैं. इन स्ट्रैप्स के लिए सब से जरूरी यह होता है कि स्ट्रैप्स अलग करने वाली ब्रा के साथ ही लगाए जा सकते हैं.

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