एक विवाहित युगल के लिए मां-बाप बनना उनके जीवन का सबसे सुखद क्षण होता है, लेकिन कभी-कभी तमाम प्रयासों के बावजूद शादीशुदा जोड़े अपने घर के आंगन में बच्चों की किलकारियां सुनने से महरूम रह जाते हैं. ऐसे दम्पत्तियों के लिए आईवीएफ सेंटर्स एक वरदान साबित हो रहे हैं. आईवीएफ उपचार के चमत्कारी परिणाम देखे जा रहे हैं. ‘पैंसठ साल की आयु में भी मां बनने का सुख उठाने वाली उस महिला की खुशी का अंदाजा आप नहीं लगा सकते, जिसने पूरी जवानी एक बच्चे की आस में गुजार दी. दुनिया भर के ट्रीटमेंट कर डाले, मगर उनके आंगन में खुशी का फूल खिला तो आईवीएफ उपचार के बाद...’. ऐसा कहना है दिल्ली के नारायणा विहार स्थित ‘द नर्चर आईवीएफ क्लिनिक’ की निदेशक डा. अर्चना धवन बजाज का.

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी औफ नौटिंघम से रिप्रोडक्टिव टेक्नोलौजी में मास्टर्स डिग्री प्राप्त करने वाली डा. अर्चना धवन बजाज एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ, एक परामर्शदाता, प्रसूति विशेषज्ञ और फर्टिलिटी और आईवीएफ के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम बन चुका है. आज ‘द नर्चर आईवीएफ क्लिनिक’ में भारतीय दम्पत्ति ही नहीं, बल्कि विदेशी दम्पत्ति भी बच्चे की उम्मीद लेकर आते हैं, और अपने साथ खुशियों की सौगात लेकर जाते हैं.

आईवीएफ के प्रति आज भी लोगों में कई तरह की भ्रांतियां व्याप्त हैं. इससे जुड़े अलग-अलग प्रकार के ट्रीटमेंट से भी लोग वाकिफ नहीं हैं. इसके साथ ही आजकल गली-मोहल्लों में तेजी से खुल रहे आईवीएफ सेंटर्स में ठगे जाने के बाद कई दम्पत्ति निराश हो जाते हैं. आईवीएफ और उससे जुड़ी तकनीकी बातों पर डा. अर्चना धवन बजाज ने दिल्ली प्रेस की एसोसिएट एडिटर नसीम अंसारी कोचर से विस्तृत बातचीत की और आईवीएफ के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

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