‘‘आप कैसे हैं अंकल?’’ निलय ने अपने 71 साल के पड़ोसी अंकल से पूछा.
‘‘खुश हूं बेटा,’’ वे मुसकराते हुए बोले. ‘‘क्या बात है अंकल, लोग खुशी को तरसते हैं और आप खुश हैं, कैसे? मतलब अंकल, हम तो कभी किसी से कह ही नहीं पाते कि हम खुश हैं. हर समय कुछ न कुछ परेशानी लगी ही रहती है. आप इस उम्र में भी खुश हैं तो इस का राज तो बताना ही होगा अंकल,’’ निलय ने अंकल की तरफ गौर से देखते हुए पूछा.
‘‘कोई बड़ी वजह नहीं बेटा. बस, मन में किसी तरह का तनाव या अवसाद नहीं पाला है. जो मिला उसे बेहतर तरीके से एंजौय कर रहे हैं. किसी से किसी तरह का गिलाशिकवा नहीं. किसी से किसी की शिकायत करने की बात सोच कर अपना खून नहीं जला रहे. बेवजह किसी पर गुस्सा नहीं कर रहे. शांति से अपने मनोनुकूल काम में लगे हैं. हर चीज का अच्छा पहलू देख उसे सराहते हैं. चार घड़ी दोस्तों के पास बैठ कर हंसबोल लेते हैं. सुबहशाम टहलते हैं. रास्ते में लोगों की कुशलक्षेम पूछ लेते हैं. किसी से कोई उधार नहीं लिया है. न किसी को देना है, न किसी से लेना है. जो है उसे भी दूसरों में बांट कर खुश हो लेते हैं.
‘‘जिंदगी में, बस, और क्या चाहिए बेटा? छोटीछोटी खुशियां ही सहेज लो और हमेशा अच्छा सोचो, तो सबकुछ है,’’ अंकल ने सहजता से कहा.
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‘‘सच अंकल, आप की बातें सुन कर बहुत खुशी हुई. इस खुशी को मैं अपने घर में भी फैलाऊंगा. शायद इसी खुशी की कमी है जीवन में, जो कहीं सुकून नहीं मिलता.’’ ‘‘हां बेटा, जिंदगी की रेस में दौड़तेभागते हम अकसर खुश रहना भूल जाते हैं. कुछ अधिक पाने की चाह में दिमाग को हजार तरह के तनावों से भर लेते हैं और खुल कर सांस लेना भूल जाते हैं. निराशावादी बन जाते हैं. वक्त गुजरने के बाद इस बात का एहसास होता है कि हम ने क्या खो दिया. अपनी ही जिंदगी के लमहों में कटौती कर डाली. इस के बजाय समय पर यदि हम खुश रहने की अहमियत सम?ा जाएं तो जिंदगी भी लंबी हो जाती है,’’
अंकल ने सम?ाते हुए कहा. खुश रहने के लिए क्या है सब से जरूरी जिंदगी तब सब से अधिक खूबसूरत लगती है जब आप अंदर से खुश होते हो. दिखावे की खुशी से कुछ नहीं होता. दिल खुश हो, सोच सकारात्मक हो तभी इंसान खुश रहता है और बो?िल जिंदगी डियर जिंदगी में बदल जाती है.
हाल ही में द बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल औफ मैडिसिन द्वारा एक अध्ययन किया गया. इस में पाया गया कि कैसे जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया आप की उम्र बढ़ा सकता है. इस अध्ययन में 69,744 महिलाओं और 1,429 पुरुषों को शामिल किया गया था. महिलाओं की सेहत और सोच को 10 साल तक मौनिटर किया गया जबकि पुरुषों की सेहत, आदत और सोचने के तरीकों को 30 साल तक फौलो किया गया. अध्ययन में पाया गया कि खुशमिजाज लोगों की उम्र सामान्य से औसतन 15 प्रतिशत ज्यादा होती है.
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शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि सकारात्मक नजरिए के साथ जीवन जीने वाले 70 प्रतिशत लोगों के 85 साल से भी ज्यादा जीने की संभावना होती है. खुशमिजाज लोगों की सेहतमंद आदतों को भी इस में जोड़ा गया, जैसे नियमित रूप से ऐक्सरसाइज करना, कम धूम्रपान करना, अच्छी डाइट लेना आदि.
सच है कि इंसान की सकारात्मक सोच न सिर्फ उसे जीवन में सफल बनाती है बल्कि उम्र भी बढ़ाती है. आशावादी लोग अपनी जिंदगी में भावनाओं पर नियंत्रण रखने के साथ अच्छी लाइफस्टाइल फौलो करते हैं. उन्हें गम मिटाने के लिए अल्कोहल, शराब, सिगरेट का सहारा नहीं लेना पड़ता. वे दिल खोल कर हंसते हैं, सही डाइट लेते हैं और व्यायाम कर स्ट्रैस लैवल को कंट्रोल करते हैं. ये आदतें उन की जिंदगी का हिस्सा होती हैं जिस से उन की उम्र बढ़ती है.
बढ़ती उम्र में खुश रहने वाले जीते हैं लंबा जीवन बुढ़ापे में खुशहाल रहने वाले बुजुर्ग लंबा और निरोगी जीवन जीते हैं. यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है. यह अध्ययन सिंगापुर में ड्यूक-एनयूएस मैडिकल स्कूल में किया गया. अध्ययन में पता चला है कि प्रसन्नता में थोड़ी सी बढ़ोतरी भी बुजुर्ग लोगों की उम्र बढ़ाने में फायदेमंद हो सकती है. यह अध्ययन ‘एज एंड ऐजिंग जर्नल’ में प्रकाशित हो चुका है. इस अध्ययन में 4,478 लोगों को शामिल किया गया था. 2009 में शुरू किया गया अध्ययन 31 दिसंबर, 2015 तक जारी रहा. इस में शुरू में खुशी और बाद में किसी भी कारण से मौत की आशंका के बीच संबंधों का अध्ययन किया गया.
पैसा या वक्त – क्या है
ज्यादा महत्त्वपूर्ण
यूनिवर्सिटी औफ ब्रिटिश कोलंबिया ने हाल ही में एक अध्ययन किया जिस के नतीजे बेहद दिलचस्प हैं. इस अध्ययन के लिए ग्रेजुएशन कर रहे 1,000 छात्रों से पूछा गया कि वे वक्त को प्रायोरिटी देते हैं या पैसे को, तो 60 फीसदी छात्रों का जवाब ‘वक्त’ था. 40 फीसदी छात्रों ने पैसे को ज्यादा महत्त्व देने की बात की. ग्रेजुएशन के दौरान और उस के एक साल बाद हैप्पीनैस की स्केल पर जब इन्हीं छात्रों की खुशी को मापा गया तो पाया गया कि पैसे को ज्यादा महत्त्व देने वाले छात्रों की जिंदगी में खुशी का एहसास कम था.
दरअसल, जब आप जिंदगी में सिर्फ पैसे कमाने के पीछे भागते हैं तो इस का बुरा असर आप की मानसिक सेहत पर पड़ता है. दुनियाभर में हुई तमाम रिसर्चें यह बताती हैं कि अगर आप के पास अपनी जरूरतें पूरी करने भर को पैसा है तो आप खुश रह सकते हैं. लेकिन बहुत ज्यादा पैसा होने का मतलब यह नहीं कि आप खुश रहेंगे.
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अमेरिका के 12,000 लोगों के बीच एक सर्वे किया गया. इस सर्वे के मुताबिक, अकाउंट में कितने पैसे हैं, इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता. लेकिन अगर हाथ में थोड़े से पैसे हैं और आप जरूरत की चीजें खरीद सकते हैं तो आप ज्यादा संतुष्ट व खुश होते हैं. यह बात बहुत माने रखती है कि आप के पास जो पैसे हैं आप उसे कैसे खर्च करते हैं. यानी अगर आप अपने पैसों को मैटेरियलिस्टिक चीजों पर खर्च करते हैं तो उतनी खुशी नहीं मिलेगी, मगर उन्हीं पैसों को अगर अपनों के साथ खूबसूरत लमहे बिताने या किसी रोमांचक यात्रा के अनुभव के लिए खर्च करते हैं तो आप के दिल की खुशी बहुत बढ़ जाएगी.
जब हम खुश रहते हैं तो हमारे शरीर में ऐसे हार्मोंस रिलीज होते हैं जो हमारी सेहत को भी दुरुस्त रखते हैं. जबकि दुखी होने की वजह से ऐसे हार्मोंस रिलीज होते हैं जिन की वजह से दिल की बीमारियों से ले कर कैंसर तक हो सकता है. खुश कैसे रहा जाए
अजनबियों से भी करें बात. मान लीजिए, आप अकेले हैं. आप के अपने पास नहीं हैं, तो इस का मतलब यह तो नहीं कि आप मुंह लटका कर बैठे रहें. अपने आसपास दिख रहे अजनबियों की तरफ एक बार मुसकरा कर और बात कर देखिए, कैसे आप की उदासी पल में दूर होती है. 2013 में छपी एक स्टडी के मुताबिक, अजनबियों से बात करने से इंसान को काफी खुशी मिलती है.
पुरानी यादें अकसर लोगों को खुशी देती हैं. पुरानी खूबसूरत यादें हमारी खुशी की वजह बन सकती हैं. इन्हें सोच कर हमें सकारात्मक एहसास होता है और हम खुश होते हैं. इसलिए आप भी पुरानी यादें ताजा करने के लिए पुराने एलबम पलटना शुरू कर दीजिए. हो सके तो डायरी जरूर लिखिए और अपनी डायरी में रोज होने वाली सकारात्मक घटनाओं को लिखिए. ताकि वर्षों बाद आप उन्हें पढ़ें, तो दिल खुशी से ?ाम उठे.
जो दिल चाहे वह करें
जो काम करने या जो खेलने में आनंद आता हो वही करें. कभी पियानो बजाएं, कभी गाना गाएं. कभी चेस खेलें तो कभी ठुमके लगाएं. हंसेंखिलखिलाएं. ये क्रियाएं खुशी बढ़ाती हैं. यह भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति चटक रंगों के कपड़े पहनता है वह ज्यादा खुश रहता है. अगर आप को खुश रहना है तो अपनी उम्र की चिंता छोड़नी होगी. जो दिल करे वैसे कपड़े पहनें. स्मार्ट बन कर रहें. ऐक्टिव रहें.
ब्रीदिंग ऐक्सरसाइज और टाइम मैनेजमैंट स्ट्रैटेजी के सहारे भी आप तनावमुक्त रह सकते हैं. दिल से खुश रहने के लिए जिंदगी में वह सब करिए जो करने में आप को सब से ज्यादा आनंद आता है.
दोस्तों से मिलिए, बारिश में नहाइए, हैल्दी लाइफस्टाइल को फौलो करिए और अपने अंदर छिपी फीलिंग्स को दूसरों के साथ सा?ा करिए. खानपान का स्तर अच्छा रखिए और पर्याप्त नींद लेने का प्रयास करिए.
दुनिया का सब से खुश इंसान
अगर आप गूगल पर सर्च करेंगे कि दुनिया का सब से खुश इंसान कौन है, तो आप के सामने नाम आएगा 72 साल के मैथ्यू रिचर्ड का. रिचर्ड तिब्बत में रहने वाले एक बौद्ध हैं जो मूलरूप से फ्रांस के निवासी हैं. वे पेशे से साइंटिस्ट हैं. मैथ्यू रिचर्ड आखिरी बार 1991 में दुखी हुए थे जब उन के गुरु की मौत हुई थी. हालांकि रिचर्ड को दुनिया का सब से खुशहाल इंसान घोषित करने से पहले अमेरिका की विस्कौन्सिन यूनिवर्सिटी ने रिचर्ड पर 12 वर्षों तक एक रिसर्च की. रिसर्च के दौरान उन के सिर पर 256 सैंसर्स लगाए गए. रिसर्च के आधार पर ही यूनाइटेड नैशंस ने उन्हें सब से खुश इंसान घोषित किया.
बकौल रिचर्ड, अगर आप दिनभर अपने बारे में सोचते रहेंगे तो हमेशा उल?ानों में फंसे रहेंगे. इस के विपरीत, आप एक उदारवादी रवैया अपनाएं, इस से दूसरों का व्यवहार भी आप के प्रति बेहतर हो जाएगा. एक दिन में कम से कम 10 से 15 मिनट अच्छे व खुशमिजाज विचारों के बारे में सोचना चाहिए.
हमेशा अपने जेहन को अच्छे विचारों के साथ बनाए रखने का अभ्यास करना चाहिए. इस अभ्यास के सकारात्मक परिणाम 1-2 हफ्तों में ही महसूस किए जा सकते हैं.