सयुंक्त राष्ट्र की ओर से जारी विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019 में भारत का स्थान 140 वां है जब कि पिछले साल यह 133 वें स्थान पर था. पाकिस्तान और बांगला देश समेत हमारे कई पड़ोसी राज्यों के लोग हम से ज्यादा खुश रहते हैं. फ़िनलैंड को लगातार दूसरे साल सब से खुशहाल देश का तमगा मिला. इस के बाद नार्वे और डेनमार्क का नाम है.
इस खुशहाली और प्रसन्नता का राज क्या है? क्या हम सच में हंसना मुस्कुराना और खुश रहना भूलने लगे हैं? क्या हमें खुश रहने की आदत नहीं है या हम स्ट्रेस ज्यादा लेने लगे हैं? क्या आप को याद है कि आप आखिर बार कब खुल कर हंसे थे? ऐसी हंसी जिस से आप के पेट में हंसतेहंसते दर्द हो गया हो या फिर हंसी रूकने का नाम ही नहीं ले रही हो.
वस्तुतः आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास इतना समय ही नहीं होता की वे खुद के लिए 2 मिनट भी निकाल सकें. जब कि हंसना एक ऐसी आदत है जो आप को हर तरह की बीमारियों से बचाने के साथ ही बर्दाश्त करने की क्षमता को भी बढ़ाता है. जीवन जीने का असली आनंद देता है.
हंसी के अंदर छिपे सेहत के इस राज ने ही तो हंसी को एक चिकित्सा का रूप दिया है. यदि आप तनाव या अवसाद से परेशान रहते है तो यह हंसी आप के हर गम का इलाज है.
इस सन्दर्भ में तुलसी हेल्थ केयर के डा.. गौरव गुप्ता बताते है कि हंसना हमारी सेहत के लिए कई तरह से लाभकारी है;
हमारे शरीर में कुछ स्ट्रेस हार्मोन होते हैं जैसे कि कौर्टिसोल, एड्रेनलिन आदि. जब कभी हम तनाव में होते हैं, तो ये हार्मोन शरीर में सक्रिय हो जाते हैं. इन का लेवल बढ़ने पर घबराहट होती है. ज्यादा घबराहट होने पर सिर दर्द, सर्वाइकल, माइग्रेन, कब्ज हो सकती है और शुगर लेवल बढ़ सकता है.
हंसने से कौर्टिसोल व एड्रेनलिन जैसे स्ट्रेस हार्मोन कम होते हैं और एंडौर्फिन, फिरौटिनिन जैसे फीलगुड हामोर्न बढ़ जाते हैं. इस से मन उल्लास और उमंग से भर जाता है. दर्द और एंग्जाइटी भी कम हो जाती है. इम्युन सिस्टम मजबूत होता है. जितनी देर तक हम जोरजोर से हंसते हैं उतनी देर तक हम एक तरह से लगातार प्राणायाम करते हैं क्यों कि हंसते हुए हमारा पेट अंदर की तरफ चला जाता है. साथ ही हम लगातार सांस छोड़ते रहते हैं यानी शरीर से कार्बन डाइऔक्साइड बाहर निकलती रहती है. इस से पेट में औक्सिजन के लिए ज्यादा जगह बनती है.
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दिमाग को ढंग से काम करने के लिए 20 फीसदी ज्यादा औक्सिजन की जरूरत होती है. खांसी, नजला, जुकाम, स्किन प्रौब्लम जैसी एलर्जी औक्सिजन की कमी से बढ़ जाती हैं. हंसी इन बीमारियों को कंट्रोल करने में मदद करती है. जब हम जोरजोर से हंसते हैं तो झटके से सांस छोड़ते हैं. इस से फेफड़ों में फंसी हवा बाहर निकल आती है और फेफड़े ज्यादा साफ हो जाते हैं. लाइफ में दिनरात, सुबहशाम सुख और दुख लगे रहते हैं. जिस से बचा नहीं जा सकता. लेकिन अगर हम लगातार बुरा और नेगेटिव सोचते हैं तो दिमाग सही फैसला नहीं कर पाता और परेशानियां बढ़ जाती हैं. हंसने पर दिमाग पूरा काम करता है और हम सही फैसले ले पाते हैं.
हंसने से शरीर के अंदरूनी हिस्सों को मसाज मिलती है जिसे इंटरनल जॉगिंग भी कहा जा सकता है. हंसी कार्डियो एक्सरसाइज है. हंसने पर चेहरे, हाथ, पैर, और पेट की मसल्स व गले, रेस्पिरेटरी सिस्टम की हल्की-फुल्की कसरत हो जाती है. 10 मिनट की जोरदार हंसी इतनी ही देर के हल्की कसरत के बराबर असर करती है. इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मसल्स रिलैक्स होती हैं. जब हम हंसते हैं तो कोई भी तकलीफ या बीमारी कम महसूस होती है क्यों कि जिस तरह के विचार मन में आते हैं हमारा शरीर वैसे ही रिएक्ट करता है. हंसने से हम लगभग शून्य की स्थिति में आ जाते हैं यानी सब भूल जाते हैं.
सेहत के लिए अच्छा है हंसना
- हंसी पेट, चेहरे, पैर और कमर की मांसपेशियों के लिए अच्छा वर्कआउट है. हंसना रक्तदाब को कम करता है. साथ ही हंसी ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है. हंसी शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा बढ़ाती है.
- हंसी से टेंशन और डिप्रेशन कम होता है. हंसने से स्ट्रेस हार्मोन्स जैसे कार्टिसोल और एड्रीनलीन का स्तर कम होता है. यह आत्मविश्वास और पॉजिटिव नजरिए में इजाफा करती है.
- हंसी ट्यूमर और अन्य बीमारियों से लड़ने वाली कोशिकाओं जैसे गामा इंटरफेरन और टी-सेल की क्षमता बढ़ाती है.
- याददाश्त दुरुस्त रखती है और सीखने की क्षमता बढ़ाती है. शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाती है.
- हंसने से दर्द कम होता है. हंसी मांसपेशियों को आराम पहुंचाती है.यह नेचरल पेनकिलर का काम करती है.
- दिल की बीमारियों से बचाने के साथ ही उत्तेजना और भय से बचाती है. मूड भी दुरुस्त रखती है और रोगों से लड़ने का सामर्थ्य बढ़ातीहै.
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करती है. इस से काम करने की क्षमता बढ़ती है
- इसे नेचरल कौस्मेटिक भी कह सकते हैं क्यों कि इस से चेहरा खूबसूरत बनता है.
हंसे और हंसाए
कई लोग शर्मीले स्वभाव के होते है. इस कारण वे समूह में जाना नजरअंदाज करते है.यदि आप के साथ भी ऐसा है तो निराश न हों. आप अकेले में घर के अंदर भी हंसी की प्रैक्टिस कर सकते हैं. रोजाना 15 मिनट के लिए शीशे के सामने खड़े हो जाएं और बिना वजह जोरजोर से हंसें.
हंसी का असली फायदा तभी है जब आप कुछ देर तक लगातार हंसें. इस के अलावा बच्चों और दोस्तों के साथ वक्त गुजारना भी हंसने का अच्छा बहाना हो सकता है. कई बार डॉक्टर भी अपने मरीजों को लाफ्टर थेरपी की सलाह देते हैं. इस में सबसे पहले खुद के चेहरे पर मुस्कान लाने को कहा जाता है. हंसतेमुस्कुराते चेहरे वाले लोग अधिक स्वस्थ भी होते हैं.
जब आप हंसते है जो शरीर में अच्छे हारमोन्स उत्पन्न होते है जो आप को अच्छा महसूस कराते है. यहीं कारण है कि लोग कॉमेडी शो या मूवी देखना पसंद करते है. इस से उन्हे रिलैक्स मिलता है. इस के अलावा हंसने से मन को अच्छा लगता है जिस से स्थिरता आती है. हंसने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है और व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से स्ट्रांग हो जाता है. हंसने से आप सभी चिंताएं भूल जाते है और समस्याओं का हल आसानी से खोज लेते है. जब आप किसी बात पर गुस्सा हों या किसी बात पर बहुत खीज आ रही हो, तो हंसे, खिलखिलाएं और अच्छे पलों को याद करें. हंसने से आप का तनाव और चिड़चिड़ाहट दूर होगी और बॉडी व मांइड रिलैक्स हो जाएगा.
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अकेले हंसने के बजाय समूह हंसी अधिक फायदेमंद होती है. साथ में हंसने के अवसर ऐसे ढूंढ़िएः-
- कोई मजेदार फिल्म या टीवी शो देखिए.
- लाफ्टर क्लब की सदस्यता ले लीजिए.
- हंसमुख लोगों से मिलिए.
- पालतू जानवरों के साथ खेलिए.
- बच्चों के साथ समय बिताइए.
- चुटकुले पढ़िए, सुनिए और सुनाइए.
- अच्छा खाइये और सदा मुस्कुराते रहिये.
- किसी कौमेडी क्लब में जाए.
- हास्य पुस्तकें पढ़िए .
- कभी कभी कुछ मूर्खतापूर्ण भी करें और सबों के साथ खुद को हसने का मौका दें.
खास टिप्स
- हंसते समय सांस की गति पर भी ध्यान रखें. साँस की क्रिया सही न होने पर हंसी से शरीर को लाभ नहीं मिलेगा.
- फुर्सत के क्षणों में हल्केफुल्के चुटकुले, अनुभव, रोचक संस्मरण याद कर खुल कर हंस सकते हैं.
- किसी बीमारी से पीड़ित होने पर ह्यूमर थैरेपी लेने के पहले ह्यूमर थेरेपिस्ट से यह जानकारी जरूर ले लें कि आप के लिए कौन-सी हंसी कितनी देर के लिए ठीक रहेगी.
- इस से बीमारी दूर नहीं होती. हँसी बीमारी का अहसास दूर करने व उस के प्रति पॉजिटिव सोच उत्पन्न करने का काम करती है. ह्यूमर थेरेपी के साथसाथ दवा लेना चालू रखें.