शायद आप को पता न हो कि हमारी यूरीन में हमेशा ब्लड मौजूद रहता है. इस की मात्रा इतनी कम होती है कि माइक्रोस्कोप से देखने पर ही उस का पता चलता है. मगर जब खुद मरीज को अपनी यूरीन में ब्लड जाता हुआ दिखाई देता है तब मामला गंभीर माना जाता है क्यों कि उस वक्त ब्लड की मात्रा काफी अधिक होती है.

सामान्यतः इसे ले कर ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं होती लेकिन कभीकभी यह लक्षण किसी गंभीर बीमारी का पूर्व संकेत भी हो सकता है. इसलिए मूत्ररोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. जांच के बाद ही पता चलता है कि यूरीन के साथ ब्लड बाहर क्यों आ रहा है. नारायणा सुपर स्पेशियालिटी हास्पिटल, गुरुग्राम के नेफ्रोजिस्ट डा. सुदीप सिंह सचदेव बता रहे हैं ऐसे कुछ कारणों के बारे में जिन की वजह से यूरीन के साथ खून निकल सकता है;

यूटीआई इन्फेक्शन

शरीर में ब्लेडर या यूरेथ्रा में जहां यूरिन इकठ्ठा होता है और बाहर निकलने के मार्ग में रहता है वहां बैक्टेरियल इन्फेक्शन हो जाता है. उसे हर वक्त यूरिन करने की जरुरत महसूस होने लगती है. इन्फेक्शन होने पर मूत्रत्याग के समय जलन का अहसास भी होने लगता है. गंभीर केसेस में पेडू और प्रजजन अंगों के आसपास तेज दर्द होने लगता है. यूटीआई एक बहुत ही आम तरह का इंफेक्शन है जो सभी को कभी न कभी होता ही है और एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल के बाद खत्म भी हो जाता है.

किडनी का इंफेक्शन

यूरीनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन बहुत देर तक ठीक न हो तो उस का असर किडनी पर भी हो जाता है. किडनी में इंफेक्शन होने के लक्षण पहले की तरह ही होते हैं लेकिन इस तरह के इंफेक्शन के बाद मरीज को बुखार भी आने लगता है. उसे कमर के दोनों ओर दर्द भी रहने लगता है. किडनियों से होते हुए यह इंफेक्शन अगर शरीर के दूसरे अवयवों तक फैलने लगे तो बीमारी और गंभीर रूप में प्रकट होने लगती है.

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किडनी स्टोन

किडनी में कई तरह के खनिजों के जमा होने से वहां स्टोन बनने लगते हैं. यदि शरीर में कैल्शियम या अन्य खनिजों की मात्रा अधिक हो तो पथरी बनने लगती है. पथरी होने के बाद नितंब, कमर का निचला हिस्सा तथा पसलियों में बहुत तेज और असहनीय दर्द होता है. संभव है कि यूरीन के साथ ब्लड भी आता हुआ दिखाई देने लगे. कई मरीजों को यूरीन के साथ बारीक स्टोन्स भी निकलते दिखाई देते हैं. पथरियों का आकार बड़ा हो तो सर्जरी से निकाला जा सकता है.

बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि

पुरुषों के मूत्राशय के पास इस छोटी पौरूष ग्रंथि में संक्रमण के कारण अथवा सर्जरी या किसी चोट लगने के कारण सूजन आ जाती है. इस वजह से मूत्र के साथ रक्त आने लगता है साथ ही मूत्र बहुत मुश्किल के साथ बाहर निकलता है. ऐसा हर मूत्रत्याग के समय होता है. यदि आपको मलत्याग अथवा वीर्य स्खलन के समय पेडू के निचले हिस्से में तीव्र दर्द का अहसास हो तो चिकित्सक की सलाह से एंटीबायोटिक्स लें.

किडनी में सूजन

किडनी में किसी वजह से आई सूजन के कारण यूरिन के साथ रक्त बाहर निकलता है. किडनी में सूजन हो जाने से विषैले तत्वों के शरीर से बाहर निकलने में दिक्कत आने लगती है. अक्सर मरीजों को तब तक इस समस्या की जानकारी नहीं होती जब तक चिकित्सक पैथौलौजी जांच के माध्यम से पता न लगा ले. यदि मरीज को अपनी यूरीन त्याग करने के समय झाग उत्पन्न होता हुआ दिखाई दे अथवा उस का रंग भूरा दिखाई दे साथ ही चेहरे और पैरों में सूजन भी हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं. इस समय इलाज से ही किडनी को खराब होने से रोका जा सकता है.

पौलिसिस्टिक किडनी डिसीज

मातापिता से विरासत में ऐसी जीन मिल सकती है जिस की वजह से किडनी में छोटी गांठें बन जाती हैं. इस की वजह से किडनी खराब हो सकती है और यूरीन के साथ ब्लड बाहर आ सकता है. बहुत से मरीजों को 30-40 साल की उम्र से पहले इस के कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. इस का पहला लक्षण पेट बढऩे और बारबार यूटीआई होने के रूप में दे सकता है. ऐसे मरीजों को कमर और पीठ में लगतार दर्द बना रहता है. इन मरीजों को हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत होती है साथ ही सीने में धमक के साथ दर्द हो सकता है. इस समस्या का कोई इलाज नहीं है लेकिन लक्षणों को काबू करने की औषधियां दी जा सकती हैं. विरासत में मिलने वाली दूसरी बीमारियों में सिकल सेल एनिमिया भी है जिस की वजह से यूरीन के साथ रक्त बाहर निकलता है.

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हैवी वर्कआउट

हैवी वर्कआउट करने वालों के साथसाथ मैराथान रनर भी यूरीन के साथ ब्लड निकलने की शिकायत कर सकते हैं. यद्यपि ऐसा सभी एथलीट्स के साथ नहीं होता लेकिन चिकित्सा विज्ञान अब भी इस के कारण के बारे में अनजान है. अनुमान है कि मैराथान रनर अथवा हैवी वर्कआउट करने वालों को पानी की कमी हो जाती है जिस का असर उन की किडनी पर पड़ता है. इसी वजह से इन खिलाडिय़ों के यूरिन के साथ ब्लड बाहर निकल सकता है.

दवाओं का बुरा असर

कुछ दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स या कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं यूरिन के साथ ब्लड को बाहर निकलने में सहायक हो जाती हैं. मूत्रवर्धक अथवा रक्त को पतला करने वाली दवाएं लेने पर भी मूत्र के साथ रक्त निकल सकता है.

चोट लगना

यदि किसी फुटबौलर को पीठ और कमर के निचले हिस्से में जोर से फुटबाल की किक आकर लगे तो उसकी यूरीन के साथ रक्त निकल सकता है. इसी तरह कार एक्सीडेंट और सीढिय़ों से नीचे गिरने पर भी हो सकता है. अक्सर चोट लगने पर आराम करने की सलाह दी जाती है और चोट का असर आराम करने से खत्म भी हो जाता है लेकिन गंभीर मामलों में चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है. जरूरत पडऩे पर सर्जरी भी कराई जा सकती है.

कैंसर

ब्लैडर कैंसर हो तो यूरीन के साथ रक्त निकल आता है. किडनी और प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में भी यही लक्षण सामने आता है. कई मरीजों के मामलों में किसी तरह के दूसरे लक्षण सामने ही नहीं आते हैं इसलिए मरीज को जैसे ही मूत्र के साथ रक्त आता हुआ दिखाई देता हो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

जांच प्रक्रिया

यूरीन के साथ ब्लड आने की शिकायत पर यूरीन में इन्फेक्शन की कल्चर रिपोर्ट कराई जा सकती है. इस के अलावा सीटी स्कैनिंग और एमआरआई तथा सिस्टोस्कोप से जांचें कराई जानी चाहिए.

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