सिगरेट के पैकेटों पर स्वास्थ्य संबंधी खतरों की चेतावनी छपी होने के बावजूद धूम्रपान करने वालों की संख्या में कमी नहीं हो रही. सो, सिगरेट की खपत बढ़ती जा रही है. इस से सिगरेट बनाने वाली कंपनियों के मुनाफे में खासा इजाफा हो रहा है. आजकल अधिकांश पश्चिमी देशों में सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों, रेलवे स्टेशनों, प्लेटफौर्मों, ट्रेनों, बसों, शिक्षण संस्थानों आदि में धूम्रपान पर कानूनन रोक लगा दी गईर् है. इस के बावजूद लोगों की धूम्रपान की आदत में कमी नहीं हो रही.

धूम्रपान करने वालों के संबंध में जो सर्वे किए गए हैं उन से पता चलता है कि 10 से 18 प्रतिशत लोग प्रतिदिन 5 या इस से कम सिगरेट पीते हैं. यूनिवर्सिटी कालेज, लंदन के प्रोफैसर रौबर्ट वेस्ट ने अपने सहयोगी पीटर हाजेक के साथ धूम्रपान संबंधी जो अध्ययन किया था उस से पता चला कि अकसर धूम्रपान करने वाले लोग मध्यवर्ग के होते हैं. वे शिक्षित होते हैं और धूम्रपान इसलिए करते हैं कि उस से समाज में सभा व सोसाइटियों में मिलनेबैठने में आसानी होती है.

कभीकभी धूम्रपान करने वालों में 80 प्रतिशत लोगों ने बतलाया कि उन्होंने धूम्रपान बंद करने की कोशिश की, पर वे असफल रहे. तो क्या इसे लत कहा जा सकता है?

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कभीकभी धूम्रपान के खतरे

कभीकभी धूम्रपान करने वाले लोग एकजैसे नहीं होते. इन में यदि कुछ लोग पहले 20 सिगरेट प्रतिदिन पीने वाले होते हैं जो धूम्रपान बंद करने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो दूसरे लोग वे भी होते हैं जो कुछ ही समय बाद 20 सिगरेट प्रतिदिन पीने लगते हैं.

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