खून में ऑक्सीजन लेवल को मापने वाले मॉनिटर को पल्स ऑक्सीमीटर के नाम से जाना जाता है. कोरोना काल में ऑक्सीमीटर आज हर घर की जरूरत बन चुका है. कोरोना से जूझ रहे वे मरीज जो होम आइसोलेशन में रहकर अपना इलाज करा रहे हैं उनके लिए पल्स ऑक्सीमीटर बहुत मददगार साबित हुआ है. फिजिशियन डॉक्टर  एम पी चतुर्वेदी कहते हैं, "कोरोना  के कारण फेफड़ों में संक्रमण हो जाने से ऑक्सीजन लेवल यदि 90 से कम होने लगे तो चिकित्सक की सलाह जरूरी होती है." ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के लेवल पर निगाह रखी जाती है और रीडिंग कम होने पर डॉक्टर से तुरन्त सलाह ली जा सकती है. आकार में बहुत छोटा सा दिखने वाले यह यंत्र तीन प्रकार के होते हैं,
1-फिंगर टिप पल्स ऑक्सीमीटर,
2- हैंडहेल्ड और फेटल पल्स ऑक्सीमीटर. 3-फिंगर टिप पल्स ऑक्सीमीटर  घरों  में फ़िंगर टिप ऑक्सीमीटर का प्रयोग किया जाता है. अन्य दो का उपयोग हॉस्पिटल और क्लिनिक्स में किया जाता है जब भी आप इसे खरीदें तो निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखे.
-इसे खरीदते वक्त तीन चार मशीन में उंगली डालकर एक्यूरेसी चेक करें. जिसमें आपको रीडिंग सटीक
लगे वही खरीदें.
-यदि आप ऑनलाइन खरीद रहे हैं तो सम्बंधित मशीन के रिव्यूज पढ़ें फिर आर्डर करें, परन्तु जहां तक सम्भव हो ऐसी इलेक्ट्रॉनिक चीजें ऑनलाइन खरीदने से बचें.
-एफडीए, आरओ एच एस और सी ई जैसे सर्टिफाइड डिवाइस खरीदना सही रहता है क्योंकि इनकी सटीकता, क्वालिटी और स्तर पर भरोसा कियाजा सकता है .
-डिस्प्ले चमकदार और क्लियर होना चाहिए.  कुछ का डिस्प्ले चारों दिशाओं में घुमाया जा सकता है. कुछ कम्पनियां वाटर रेजिस्टेंट मशीन्स भी उपलब्ध करा रहीं हैं. ब्लू टूथ फीचर्स भी उपलब्ध हैं. आप अपनी आवश्यकतानुसार खरीद सकते हैं.
-मशीन के साथ आयी डोरी को उसमें डाल कर प्रयोग करें, साथ ही प्रयोग करने के बाद तुरन्त उसके बॉक्स में रखें ताकि मशीन सुरक्षित रहे.
-यदि मशीन अधिक उपयोग में आ रही है तो 6 माह में बैटरी बदल दें ताकि रीडिंग सही आये.
क्या है कीमत
फ़िंगर टिप ऑक्सीमीटर की रेंज 700 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक है. चूंकि इसका काम केवल खून में ऑक्सीजन के स्तर को मापना है इसलिए बहुत अधिक मंहगा लेने का कोई औचित्य नहीं है. 1500 से 2000 तक की रेंज में यह बढ़िया मिल जाता है.
कैसे करें उपयोग
कम से कम 10 मिनट के आराम के बाद ही ऑक्सीजन का लेवल मापें. सीधा बैठकर हथेली को दिल की ऊंचाई पर रखकर इंडेक्स फ़िंगर के अगले हिस्से पर ऑक्सीमीटर लगाएं. रीडिंग सेंसर आपके नाखून पर न होकर त्वचा पर होना चाहिए.
रीडिंग आने तक शांत रहें और ज्यादा हिलें दुलें नहीं. शुरुआती रीडिंग के बाद जो रीडिंग आये उसे ही फाइनल समझें.

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