कई बार हमारे शरीर के किसी हिस्से में दर्द, सूजन या मसल्स में खिंचाव की समस्या होने लगती है, जिस के  लिए हम डाक्टर से दवाइयां भी लें आते हैं लेकिन कुछ समय बाद जब पैन किलर का असर खत्म होता है तो दर्द ज्यों का त्यों बना रहता है. ऐसी स्थिति में कई बार सिंकाई काफी फायदेमंद साबित होती है. मगर सिंकाई करते समय यह ध्यान रखें कि आप को किस परेशानी में कौन सी सिंकाई करनी है.

आइए, जानते हैं कि कौन से दर्द में गरम सिंकाई फायदा पहुंचाती है और किस में ठंडी :

किस समस्या में है लाभकारी

गरम सिंकाई पुराने दर्द, जोड़ों के दर्द और जकड़न में बहुत आराम देती है लेकिन यदि गहरी चोट है तो गरम सिंकाई से हमें बचना चाहिए क्योंकि गरम सिंकाई या गरम पानी में नहाने से रक्तसंचार तेज होने लगता है जिस से हमारे टिश्यू प्रभावित होने लगते हैं. इसलिए सिंकाई का सही तरीका जानना बेहद जरूरी है.

इन परेशानियों में देती है आराम

  • कमर दर्द होने पर गरम पानी की सिंकाई की मदद ले सकते हैं.
  • शरीर के किसी भी हिस्से में यदि मोच की परेशानी है तो यह सिंकाई आराम दिला सकती है.
  • पीरियड्स के दिनों में यदि असहनीय पीड़ा से गुजरना पड़ता है तो इस से आप को दर्द के साथ मसल्स की ऐंठन और पीरियड के फ्लो में भी आराम मिलगा.
  • आर्थ्राइटिस के मरीज के लिए गरम पानी से सिंकाई करने पर जोड़ों में होने वाले दर्द के साथ मसल्स की ऐंठन में भी राहत मिलती है.

कैसे करें

  • हीट थेरैपी का इस्तेमाल लंबे समय तक किया जा सकता है. लेकिन गहरी चोट पर गरम सिंकाई न करें.गरम सिंकाई ड्राई व मोइस्ट थेरैपी द्वारा की जाती है.
  • ड्राई हीट थेरैपी यानि इस में इलैक्ट्रिकल हीटिंग पैड, गरम पानी की बोटल जैसे प्रोडक्ट्स का प्रयोग किया जाता है. इन चीजों का प्रयोग आप 8 घंटे तक कर सकते हैं। इस तरह से सिंकाई करना सभी के लिए आसान है.
  • मोइस्ट थेरैपी बहुत जल्दी दर्द में राहत देती है. गरम पानी से नहाना या गरम पानी में भीगा तौलिया, नम हीटिंग पैक के जरिए कर सकते हैं.

ठंडी सिंकाई कब और कैसे है लाभकारी

  • यदि चोट लगने पर 48 घंटे के अंदर उस पर बर्फ की सिंकाई करते हैं तो  बर्फ क्षतिग्रस्‍त रक्‍तवाह‍ियों का विस्‍तार तुरंत रोक देता है. ऐसा करने से चोट के आसपास में आई लालिमा व सूजन में भी कमी आती है व दर्द से भी राहत मिलती है.
  • चोट लगने पर यदि खून बह रहा है तो बर्फ को तौलिए या पौलीथिन में रख कर सिंकाई करने से खून बहना तुरंत बंद हो जाता है. कभी भी बर्फ से सिंकाई 15-20 मिनट से ज्यादा न करें व बर्फ को सीधे चोट पर नहीं लगाना चाहिए क्योंकि यह तंत्रिका, त्वचा और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकती है.

बर्फ से सिंकाई इन परेशानियों में दिलाती ही राहत

  • यदि मसल्स में खिंचाव है या जोड़ों में दर्द है तो दिन में 2 बार बर्फ की सिंकाई जरूर करें.
  • सिर दर्द या माइग्रेन में भी बर्फ की सिंकाई आराम देती है.
  • गठिया के दर्द में बर्फ से सिंकाई राहत दिलाती है.
  • ताजा गुम चोट या खून वाली चोट पर बर्फ की सिंकाई करने से तुरंत आराम मिलता है.
  • बर्फ की सिंकाई स्ट्रैचिंग के दौरान मांसपेशियों की ऐंठन को कम करती है.

कैसे करें

बाजार में आइसपैक, आइस बोटल्स, कूलैंट स्प्रे उपलब्ध हैं जिन्हें फ्रीजर में रख सकते हैं और इन से सिंकाई कर सकते हैं. बर्फ को तौलिए या पौलीथिन में अच्छे से लपेट कर उस से भी सिंकाई कर सकते हैं.

ध्यान दें

यदि कोई पहले से ही किसी बीमारी से ग्रस्त है तो किसी भी सिंकाई से पहले डाक्टर से परामर्श अवश्य लें.

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