हजारों मील का सफर कुछ ही घंटों में तय कर लेना आज के तकनीकी युग की सब से बड़ी देन है. मगर हवाई यात्रा जितनी रोमांचक होती है उतना ही आकर्षक होता है उस में मिलने वाला भोजन. लेकिन कुछ मिथक इस मजेदार खाने की खुशी को कम करते हैं. क्या वास्तव में हवाईजहाज में दिया जाने वाला खाना अच्छा नहीं होता? बड़ेबड़े ऐक्सपर्ट शैफ के द्वारा तैयार किया गया खाना क्या वास्तव में उपयोगी नहीं होता? इस बारे में हम ने एअर इंडिया के कैबिन कू्र अशोक संधू से बात की, जो पिछले 25 सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. आइए, जानें क्या कहना है उन का इस बारे में:

हवाईजहाज का भोजन जमा होता है और घंटों बाद पुन: गरम किया जाता है?

हवाईजहाज का खाना वास्तव में जमा होता है. उसे फिर से गरम कर सर्व किया जाता है. भारत से अमेरिका पहुंचने में एक उड़ान को 16-17 घंटे लगते हैं. इस में कई बार कुछ उड़ानें बीच में 7-8 घंटे हौल्ट करती हैं. उड़ान के दौरान यात्रियों को रात या दिन का खाना देना पड़ता है. यह खाना उस स्थान के समय के हिसाब से दिया जाता है. कुछ फूड फ्रोजन होते हैं, जिन्हें हलका गरम कर सर्व किया जाता है. सलाद या सैंडविच अकसर उसी वक्त तैयार किए जाते हैं. यह कहना गलत होगा कि फ्रोजन फूड का स्वाद या रंग अच्छा नहीं होता. फ्रोजन फूड लैब में परीक्षण के बाद सही तापमान में पैक किया जाता है ताकि उस की गुणवत्ता और स्वाद बना रहे. भारत से उड़ान भरने पर उस में अधिकतर यहां के लोग होते हैं, जो मसालेदार खाने के आदी होते हैं, ऐसे में उन्हें जहाज में मसालेदार भोजन मिले, यह कोशिश भी की जाती है.

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